पंजाब विजीलैंस ने करोड़ों के घोटाले में सेवामुक्त पीसीएस अधिकारी जगदीश जौहल को किया गिरफ्तार

CHANDIGARH, 20 JULY: पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने अमरूदों के पौधों के मुआवज़े में हुए करोड़ों रुपए के घोटाले सम्बन्धी आज सेवामुक्त पी. सी. एस. अधिकारी जगदीश सिंह जौहल, जो ग्रेटर मोहाली एरिया डिवैल्लपमैंट अथॉरिटी (गमाडा) के भूमि अधिग्रहण अधिकारी

(एलएसी) थे, को गिरफ़्तार किया है।

इस घोटाले में यह 20वीं गिरफ़्तारी है। ज़िला एस. ए. एस. नगर (मोहाली) के गाँव बाकरपुर में गमाडा की तरफ से एक्वायर की गई ज़मीन के बदले जारी किये करोड़ों रुपए के मुआवज़े में यह घोटाला हुआ था।

इस बारे जानकारी सांझी करते आज यहाँ विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि जगदीश सिंह जौहल ने माल रिकार्ड के मुताबिक ज़मीन मालिकों के नाम और ज़मीन का हिस्सा सही न होने के बावजूद बाग़बानी विभाग की मूल्यांकन रिपोर्ट के आधार पर नाजायज अदायगियों को मंज़ूरी देने में अहम भूमिका निभाई थी। ज़िक्रयोग्य है कि इस मामले में पिछले हफ़्ते गमाडा की एल. ए. सी. शाखा में तैनात रहे दो सेवामुक्त पटवारियों सुरिन्दरपाल सिंह और सुरिन्दरपाल को भी गिरफ़्तार किया गया था।

प्रवक्ता ने बताया कि पूछताछ दौरान इन दोनों मुलजिम पटवारियों ने खुलासा किया कि शुरू में उन्होंने बाग़बानी विभाग की मूल्यांकन रिपोर्ट में दर्शाऐ गए ज़मीन मालिकों के नाम और ज़मीन के हिस्के तौर पर भुगतान फार्म को तस्दीक करने से इन्कार कर दिया था क्योंकि यह माल रिकार्ड अनुसार असली मालिकों और उनके ज़मीन के हिस्से से अलग थे। उन्होंने दोष लगाया कि मुलजिम जगदीश सिंह जौहल ने अपना रसूख का इस्तेमाल करते हुये माल रिकार्ड की अनदेखी करके बाग़बानी विभाग की मूल्यांकन रिपोर्ट अनुसार अदायगियों की मंजूरी देने के लिए नोटिंग तैयार करने के लिए उन पर दबाव डाला। एल. ए. सी. के तौर पर मुलजिम पी. सी. एस. अधिकारी ने अदायगियों को मंज़ूरी दी, जिसके आधार पर बाद में अलग-अलग लाभार्थियों को लगभग 124 करोड़ रुपए जारी किये गए। इससे सरकारी खजाने को भारी नुक्सान हुआ।

हालाँकि असली लाभार्थियों को अदायगियाँ यकीनी बनाने के लिए गमाडा के मुख्य प्रशासक ने आदेश दिए थे कि एल. ए. सी. अमरूद के बाग़ों का निरीक्षण करने के लिए ख़ुद दौरा करेगा। इसके इलावा वृक्षों की उम्र का पता लगाने के लिए गिरदावरी रिकार्ड की जांच करने के इलावा जी. आई. एस. ड्रोन मैपिंग सर्वेक्षण और क्षेत्र की वीडीओग्राफी करने के लिए निजी तौर पर निगरानी करेगा। परन्तु इस अधिकारी ने जानबुझ कर इन हुक्मों को नजरअन्दाज किया और नाजायज लाभार्थियों के साथ मिलीभुगत करके अदायगियाँ जारी की।

गमाडा के मुख्य प्रशासक की तरफ से 01. 06. 2021 को एक प्रोफार्मा तैयार किया गया, जिसके आधार पर मुआवज़े की पहली अदायगी शुरू करनी थी, को पूरी तरह नजरअन्दाज कर दिया गया। मुलजिम पी. सी. एस. अधिकारी ने निशा गर्ग, शुभम वधवा, बिन्दर सिंह, नीलम बांसल, किरण बांसल, बिमला मित्तल, चेष्टा, संतोष कुमारी, चंचल कुमार, अनिल कुमार बत्रा, सुशील कुमारी बत्रा और रश्मि अरोड़ा को भी मुआवज़ा जारी कर दिया गया हालाँकि इनके माल रिकार्ड में ज़मीन के मालिक के तौर पर नाम दर्ज नहीं थे।

इस तरह उसने अयोग्य ज़मीन मालिकों को मुआवज़ा जारी कर दिया। अनाधिकृत खरीद होने के कारण उनकी लैंड्ड पुल्लिंग का केस अदालत में भेजने का प्रस्ताव है।

प्रवक्ता ने बताया कि जगदीश सिंह जौहल के विरुद्ध जुबानी, हालाती और दसतावेज़ी सबूत सामने आने के उपरांत विजीलैंस ब्यूरो ने इस पी. सी. एस. अधिकारी को इस घोटाले केस में मुलजिम के तौर पर नामज़द करके आज मोहाली से गिरफ़्तार कर लिया है। इसके इलावा अन्य सम्बन्धित अधिकारियों की भूमिका भी जांच की जा रही है।

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