पुण्यतिथि पर मौन व्रत, भजन गायन व चरखा कताई कर राष्ट्रपिता को किया याद

CHANDIGARH: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 74वीं  पुण्यतिथि पर गांधी स्मारक भवन सैक्टर 16 ए  में गांधी स्मारक निधि व सांस्कृतिक विभाग चंडीगढ़ के सहयोग से विशेष श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इसके मुख्य अतिथि सत्यपाल जैन अपर सॉलिसिटर भारत सरकार व विशिष्ट अतिथि संजय कुमार उप महाप्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक थे। अध्यक्षता संजय सिंह अध्यक्ष गांधी स्मारक निधि पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश ने की। सभी लोगों का स्वागत डॉ. देवराज त्यागी निदेशक गांधी स्मारक भवन तथा धन्यवाद एम.पी. डोगरा ने किया।कार्यक्रम का संचालन पापिया चक्रवर्ती ने किया।

कार्यक्रम में सबसे पहले दो मिनट का मौन रखा गया।  इससे पूर्व गांधी जी की प्रतिमा पर फूल भेंट किए गए। साहित्यकार प्रेम विज की ओर से काव्यांजलि भेंट की गई। विद्या धाम की अध्यक्ष डॉ. सरिता मेहता ने गांधी जी को अपनी कविता से श्रद्धांजलि दी। पंडित मोहनलाल एस.डी. पब्लिक स्कूल सैक्टर 32 के बच्चों एवं म्यूजिक टीचर नीलम शर्मा ने गांधी जी के प्रिय भजनों को मधुर आवाज में प्रस्तुत किया। डॉ. देवराज त्यागी ने भवन की गतिविधियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने कहा था कि कार्य क्षेत्र व संस्कृति का ज्ञान, चरित्र निर्माण तथा कर्तव्य के प्रति जागरूकता होनी बहुत जरूरी है।

मुख्य अतिथि सत्यपाल जैन ने अपनी  श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि हमें महात्मा गांधी की विचारधारा को लेकर गलत टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। हर स्वतंत्रता सेनानी एवं  देश भक्तों का अलग-अलग तरह से योगदान आजादी के आंदोलन में रहा। यहां पर तो हर एक विचारधारा की स्वतंत्रता है। जो जिस तरह से पूजा करना चाहता है वह पूजा कर लेता है लेकिन भगवान एक है। ऐसे ही इन देशभक्तों का लक्ष्य एक था। हमें इन महापुरुषों की विशेषताओं को याद करना चाहिए और उनके महत्व को देखते हुए हमें उनके रास्ते पर चलने का संकल्प लेना चाहिए।

विशिष्ट अतिथि के तौर पर संजय कुमार उप महाप्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक ने गांधी स्मारक भवन के पुस्तकालय को  फर्नीचर के लिए 5,22,000/- दान में दिए। उनके सहयोग से एक बहुत अच्छी लाइब्रेरी का यहां निर्माण हो सकेगा। संजय सिंह ने कहा कि विकेंद्रीयकरण अर्थात हमें स्वदेशी अपनाना चाहिए, हमें गांव की ओर जाना चाहिए। भारत का गर्भाशय हैं गांव, सबकुछ उत्पादन वहीं से होता है, ग्राम स्वराज के लिए हम लोगों को कुछ न कुछ करना चाहिए। समभाव व सदभाव के संदेश को मजबूत करें, तभी भारत एक राष्ट्र के रूप में मजबूत होगा।

गांधी जी ने सफाई के लिए तीन शब्द का प्रयोग कर कहा था, सफाई का मतलब है आदर्श समाज रचना। यदि हम समाज में एक अच्छा आदर्श प्रस्तुत करेंगे तो एक अच्छे राष्ट्र का निर्माण होगा। खादी आश्रम सैक्टर 17 के सचिव संजय शर्मा, सतीश कुमार, गुगली, अमर सिंह, योग गुरु नरेश शर्मा, शोभा शर्मा, कवि प्रेम विज, कवियत्री सरिता मेहता, संतोष गर्ग एवं समस्त गांधी स्मारक भवन के कार्यकर्ता धर्मपाल छौक्कर, आनंद राव, पापिया चक्रवर्ती, गुरप्रीत, अमित कुमार, विक्की, महेंद्र सिंह,पंजाब खादी मण्डल के कई कार्यकर्ताओं ने भी कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर भाग लिया। 

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