पंजाब के 4 और विभागों व पीपीसीबी के पुनर्गठन को मंजूरी, जानिए क्या होगा फायदा

सरकार ने डॉ. हरगोबिन्द खुराना वजीफा राशि बढ़ाकर 3000 रुपए करने की भी दी स्वीकृति

CHANDIGARH: राज्य सरकार के कार्यप्रणाली को तर्कसंगत बनाकर कार्य कुशलता बढ़ाने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए पंजाब कैबिनेट ने आज यहाँ पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पी.पी.सी.बी.) समेत चार अन्य विभागों के पुनर्गठन को मंजूरी दे दी है जिससे पुराने, अनावश्यक और लम्बे समय से खाली पड़े पदों के बदले में रोजग़ार के अधिक अवसर पैदा किए जा सकें।मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता में हुई वर्चुअल कैबिनेट मीटिंग के बाद सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस चरण के अंतर्गत पी.पी.सी.बी. के अलावा प्रशासनिक सुधार, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन, रोजग़ार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण विभागों का पुनर्गठन किया जायेगा।

प्रशासनिक विभाग के पुनर्गठन से 56 नये पद सृजित करने से 75 पुराने अनावश्यक पद ख़त्म किए जाएंगे। पंजाब लोक सेवा आयोग और पंजाब अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड आदि के द्वारा विभिन्न कैडरों के 20 नयी पद भरे जाएंगे। पुनर्गठन से विभाग के सुधार एजंडे को मज़बूती मिलेगी जिससे नागरिक केंद्रित सेवाओं के प्रबंधन के लिए लगता समय घटेगा और डिजिटल प्रक्रिया के ज़रिये सरकार की जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ेगी।

रैशनेलाईजेशन इस तथ्य को भी ध्यान में रखती है कि विभाग की भूमिका अब पंजाब स्टेट ई-गवर्नेंस सोसायटी (पी.एस.जी.जी.) द्वारा चलाए गए ई-गवर्नेंस प्रोजेक्टों की निगरानी तक सीमित है।रोजग़ार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण विभाग जो कि घर-घर रोजग़ार प्रोग्राम के अंतर्गत राज्य के नौजवानों की बेरोजग़ारी की समस्या को हल करने के लिए वचनबद्ध है, द्वारा 57 मौजूदा संदर्भहीन पदों की जगह पर अलग-अलग कैडरों के 29 नये पदों को मंज़ूरी दी गई है। इस समय विभाग के पास अलग-अलग कैडरों के 615 मंज़ूरशुदा पद हैं जिनमें से 369 भरे गए हैं।

पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन निदेशालय (डी.ई.सी.सी.) के पुनर्गठन के अंतर्गत सरकार का उद्देश्य 24 नये पदों को मंजूरी और 7 पदों को ख़त्म करके राज्य की पर्यावरण सम्बन्धी कार्य योजना को और मज़बूती से लागू करना है जिससे स्वच्छ हवा, साफ़ और स्वच्छ नदियां, अपशिष्ट प्रबंधन, सतत पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और सम्बन्धित नीतिगत मामलों को यकीनी बनाया जा सके। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में 2 पुराने पदों की जगह 2 नये पदों के साथ प्रदूषण सम्बन्धित चुनौतियों से निपटने के लिए सही आकार और बेहतर कार्यशीलता प्रदान करने में नेतृत्व मिलेगी।

स्कॉलरशिप में वृद्धि

सरकारी स्कूलों के दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों को उत्साहित करने के लिए पंजाब सरकार की तरफ से डा. हरगोबिन्द खुराना स्कालरशिप की रकम 2500 रुपए से बढ़ा कर 3000 रुपए प्रति महीना करने का फैसला किया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से 1 अगस्त, 2013 से चलाई जा रही इस योजना में संशोधन अनुसार अब 80 प्रतिशत अंकों की बजाय 90 प्रतिशत या इससे ज्यादा अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी इसका लाभ ले सकेंगे जिससे विद्यार्थी बेहतर कारगुजारी दिखाने के लिए उत्साहित होंगे। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पी.एस.ई.बी.) की तरफ से चलाए आदर्श स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को बोर्ड द्वारा वजीफे अपने फंडों में से दिए जाएंगे।

ग्रांटों और कैग आडिट रिपोर्टों के लिए अनुपूरक माँगों को सदन में पेश करने की मंजूरी

एक अन्य फैसले में मंत्रीमंडल की तरफ से विधान सभा के चल रहे बजट सैशन के दौरान साल 2018-19 के लिए कैग (सी.ए.जी.) आडिट रिपोर्टों के साथ साल 2020-21 के लिए ग्रांटों के लिए अनुपूरक माँगों की पेशकारी को मंजूरी दे दी गई है। सदन में 31 मार्च, 2019 को खत्म हुए साल के लिए वित्तीय लेखे और विनियोजन बिल सदन में पेश करने की मंजूरी दी गई।

सालाना प्रशासनिक रिपोर्टों को मंजूरी

मंत्रीमंडल की तरफ से साल 2017-2018 और 2018-19 के लिए नगर और शहरी योजनाबंदी विभाग की सालाना प्रशासनिक रिपोर्टों को भी मंजूरी दे दी गई है।

मंत्रीमंडल की तरफ से पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड एक्ट में संशोधन को मंजूरी

कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड एक्ट -1969 का दायरा बढ़ाने का फैसला किया है जिससे सरकारी सीनियर सेकंडरी और हाई स्कूलों के मुखियों के साथ-साथ सरकारी स्कूलों के प्रांतीय और राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त प्रिंसिपल और मुख्याध्यापक बोर्ड की मैंबरशिप के लिए नामांकित होने के योग्य होंगे। मौजूदा नियम सिर्फ प्राईवेट स्कूलों के प्रिंसिपल/मुखियों को ही बोर्ड के मैंबर बनने की इजाजत देते हैं। इस सम्बन्धी एक्ट की धारा 4(1) (बी) के अंतर्गत कैटागरी ( iv) ( v) और (vi) में संशोधन किये गये थें।

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