उमंग अभिव्यक्ति मंच की ‘शाम-ए-गजल’ में शायरों ने बांधा समां

PANCHKULA: उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला ने ‘शाम-ए-गजल’ कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें जाने-माने शायर शम्स तबरेजी ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। मंच की फाउंडर श्रीमती नीलम त्रिखा ने बताया कि उमंग अभिव्यक्ति मंच का यही प्रयास रहता है कि वरिष्ठ साहित्यकारों व शायरों के साथ मिलकर नवोदित लेखकों को साहित्यिक जानकारियां दें। […]

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कवि विनोद शर्मा के काव्य संग्रह ‘बढ़ते कदम’ का विमोचन

CHANDIGARH: प्रसिद्ध साहित्यकार, कवि डॉ. विनोद कुमार शर्मा के काव्य संग्रह ‘बढ़ते कदम’ का विमोचन प्रतिष्ठित शायर व हरियाणा साहित्य अकादमी के निदेशक डॉक्टर चंद्र त्रिखा द्वारा किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ कवि प्रेम विज, डॉ. सरिता मेहता, नीरू मित्तल, अंजू शर्मा आदि उपस्थित थे। चंद्र त्रिखा ने कहा कि डॉ. विनोद शर्मा की

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हास्य के रंग-कवियों के संग: रचनाकारों ने कविताओं के जरिए सुनाए लॉकडाउन के अनुभव

CHANDIGARH: उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला ने ‘हास्य के रंग, कवियों के संग’ कार्यक्रम का आयोजन किया। ऑनलाइन आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में चंडीगढ़ ट्राइसिटी के अलावा कुरुक्षेत्र, कैथल व अंबाला से भी रचनाकारों ने हिस्सा लिया और कोरोनाकाल में लॉकडाउन को जरूरी मानते हुए अपने बहुत सारे खट्टे-मीठे अनुभव हास्य कविताओं के माध्यम से

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सीनियर सिटीजन काउंसिल पंचकूला की ऑनलाइन मीटिंग में बुजुर्गों ने बिखेरे हास्य के रंग

PANCHKULA: सीनियर सिटीजन काउंसिल सेक्टर-7 पंचकूला की एक ऑनलाइन मीटिंग काउंसिल के चेयरमैन डॉ. जीएस चहल व सेक्रेटरी सुरेंद्र बंसल की अगुवाई में हुई। इस मीटिंग का आयोजन रजनीश चंद्र त्रिखा व नीलम त्रिखा ने किया, जिसमें सेक्टर की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा के साथ-साथ कई मनोरंजक कार्यक्रम भी हुए। मीटिंग में सभी सीनियर सिटीजंस

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उमंग अभिव्यक्ति मंच ने मनाया पर्यावरण दिवस: महिला रचनाकारों ने कविताओं के जरिए दिया पौधारोपण का संदेश

PANCHKULA: उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला ने पर्यावरण दिवस के मौके पर पर्यावरण संरक्षण की खातिर अधिक से अधिक पौधे लगाने के लिए अपने सदस्यों को जागरूक किया। मंच की फाउंडर नीलम त्रिखा ने बताया कि इस दौरान एक मुहिम के तहत सभी ने पौधे लगाए और अपनी जागरुकता भरी कविताओं से सभी को सम्मोहित कर

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उमंग अभिव्यक्ति मंच की ‘यारां नाल बहारां’ काव्य संध्या में रचनाकारों ने जमाई दोस्ती की महफिल

PANCHKULA: साहित्यिक संस्था उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला ने ‘यारां नाल बहारां’ के नाम से एक ऑनलाइन काव्य संध्या का आयोजन किया। मंच की फाउंडर नीलम त्रिखा व शिखा श्याम राणा ने बताया कि लॉकडाउन में तनाव को कम करने के लिए मंच इस तरह के कार्यक्रम करता रहता है, जिसमें लोग कविताओं के माध्यम से

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उमंग अभिव्यक्ति मंच ने काव्य संकलन ‘ए वतन’ का किया विमोचन, ऑनलाइन जुटे कई साहित्यकार

PANCHKULA: उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला की ओर से भारतीय संस्कृति व देश प्रेम से ओतप्रोत काव्य संकलन ‘ए वतन’ का ऑनलाइन भव्य विमोचन किया गया। इस पुस्तक का विमोचन नॉर्थ जोन कल्चरल सेंटर पटियाला, भारतीय संस्कृति मंत्रालय के पूर्व निदेशक प्रोफ़ेसर सौभाग्य वर्धन ने किया। कार्यक्रम में इस पुस्तक के 22 रचनाकारों के अलावा देश-विदेश

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आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी को कवियों ने कविताओं से किया नमन

CHANDIGARH: “आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी भारतीय समाज और संस्कृति के समवाह रचनाकारों में से हैं। निबंध, आलोचना, उपन्यास में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। वे मानवीय मूल्यों के पोषक तथा समाज और संस्कृति के अग्रसर रहे हैं।” यह उद्गार आज साहित्य व कला विकास परिषद, चंडीगढ़ की विशेष ऑनलाइन गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में

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चंडीगढ़ ट्राइसिटी के साहित्यकारों ने वरिष्ठ साहित्यकार केदारनाथ केदार को किया याद

CHANDIGARH: चंडीगढ़ ट्राइसिटी की साहित्यक संस्थाओं व साहित्यकारों ने वरिष्ठ साहित्यकार केदारनाथ केदार को श्रद्धांजंलि देने के लिए ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया। बता दें कि केदारनाथ केदार का गत दिनों पंचकूला में निधन हो गया था। गोष्ठी में भंडारी अदबी ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक नादिर ने केदार जी के साथ अपने संबंधों का जिक्र

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विचार-मंथनः मजहबी स्वतंत्रता के नाम पर आर्थिक युद्ध !

धर्म अथवा पंथ जब तक मानव के व्यक्तिगत जीवन का हिस्सा बनने तक सीमित रहे, वो उसकी आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम बनकर उसमें एक सकारात्मक शक्ति का संचार करता है। जब वो मानव के व्यक्तिगत जीवन के दायरे से बाहर निकल कर समाज के सामूहिक आचरण का माध्यम बन जाता है तो वो समाज में

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आज की कविता: मैं नहीं जानती…

मैं यह तो नहीं जानती,सच कहते किसे हैं ?जो मेरा सच है,वो तेरा झूठ बना है। मैं यह भी नहीं जानती,मासूमियत है क्या ?बस बेझिझक कह दूं,तो शातिर नहीं होती। मैं बहकी हूं ?या बहकाई  गई हूं ?नासमझ हूूं जरूर,बेवकूफ  नहीं हूं। जानती हूं, पर नहीं,फरेब से गाफिल,जो तेरी कम जफऱ्ी है,मेरी सच्चाई नहीं है।

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परशुराम जयंती व अक्षय तृतीया पर ऑनलाइन काव्य गोष्ठी में जुटीं महिला रचनाकार, स्व. केदारनाथ केदार को भी किया याद

PANCHKULA: उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला ने परशुराम जयंती व अक्षय तृतीया के उपलक्ष्य में आज एक ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। मंच की फाउंडर श्रीमती नीलम त्रिखा व शिखा श्याम राणा ने बताया कि यह काव्य गोष्ठी उन्होंने वरिष्ठ साहित्यकार केदारनाथ केदार को समर्पित की। वरिष्ठ साहित्यकार केदारनाथ केदार का 3 दिन पहले ही

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उमंग अभिव्यक्ति मंच की काव्य गोष्ठी में ऑनलाइन जुटीं कई रचनाकार, मां की महिमा का किया गुणगान

PANCHKULA: उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला ने मातृ दिवस के उपलक्ष्य में ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया और पर्यावरण को बचाने के लिए खूबसूरत स्लोगन भी दिया। मंच की फाउंडर श्रीमती नीलम त्रिखा व शिखा श्याम राणा ने बताया कि इस काव्य गोष्ठी में ट्राइसिटी के अलावा देश के कई हिस्सों से रचनाकारों ने भाग

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कवियों ने कविताओं से मां को याद किया

CHANDIGARH: राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक काव्य मंच चंडीगढ़ की ओर से आज मातृदिवस के अवसर पर ऑनलाईन काव्य गोष्ठी का आज आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदीप गुप्ता, प्रदेशाध्यक्ष, महाराष्ट्र इकाई और कार्यक्रम की अध्यक्षता डाक्टर विनोद शर्मा सम्पादक चंडीभूमि ने की। गोष्ठी का आयोजन चंडीगढ़ के अध्यक्ष मुरारी लाल अरोड़ा, संरक्षक प्रेम विज,

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आज की कविताः जीवन मूल्य

हर बात तुम्हारे साथ थी जो,हर बात हमारे साथ भी है,कुछ पल भर को ठहर गई ,कुछ बची खुची भी निकल गई। जिंदगी तुम नाजुक हो,पर मै भी पत्थरदिल तो नहीं,तुम सहम सहम के कटती हो ,मैं ठिठकूं ठहरूं पर रुकूं नहीं। मैं हर ठोकर पर फिसल रही,तुम हर ठोकर पर संभल रही,मैं कंकर ,पत्थर,

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विचार-मंथनः OTT प्लेटफार्म पर अंकुश जरूरी

कैरियर बनाने की इच्छा रखने वाले हर उम्र के लोगों के लिए इसने बगैर किसी भेदभाव के अनेक द्वार खोल दिए हैं। आज के युग में तकनीक, जिसे टेक्नोलॉजी कहते हैं, लगातार और तीव्रता के साथ बदल रही है। इसके व्यावहारिक पक्ष को हम सभी ने कोरोनाकाल में विशेष तौर पर महसूस किया, जब घर

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विचार-मंथनः कोरोना ने मानव को नहीं, मानवता को परास्त किया

शहर एक-एक सांस के लिए मोहताज था, जब एक क्षण की सांस भी मौत को जिंदगी से दूर धकेलने के लिए बहुत थी, तब इन नेताओं के लिए तीन घंटे का फोटो सेशन भी कम पड़ रहा था। त्राहिमाम के इस काल में संवेदनहीनता की पराकाष्ठा यहीं तक सीमित नहीं रही। कभी सरकारी अस्पताल से

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व्यंग्य: नए-नए शब्दों की बरसात

कल पप्पू अपने पापा से पूछ रहा था- ‘डैडी, डैडी आजकल कोरोना अंकल आपके पास नहीं आ रहे ?’ बाप ने बेटे को ‘डांटा- ‘कोरोना अंकल के बच्चे…….वो खुराना अंकल हैं।’ पप्पू ने सफाई दी- ‘डैैडी मैं ये वर्ड बार-बार रेडियो, टीवी, क्लास, इधर-उधर, आपके फोन, आंटियों की बातचीत में सुन-सुन कर अंकल के नाम

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आज की कविताः मेरे दिल का ख्याल

कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है,कि- हम औरतों को भीये इज़ाज़त होती किघूम सकें टोली में,पी सकें चाय कुल्हड़ मेंकिसी सड़क के किनारेचाय की दुकान पर,खड़े होकर बतियाएं, मजे उड़ाएंउंगली में बीड़ी दबालंबे-लंबे कश लेकरधुएं के छल्ले उड़ाएंऔर लंबी सांस लेकर कहेंयार-आज आफिस की मीटिंग मेंनए प्रोजेक्ट ने बहस पकड़ी थी,काम बहुत था,खड़े-खड़े टांगें

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कवि डॉ. विनोद शर्मा का काव्य संग्रह बढ़ते कदम प्रकाशित

यह पुस्तक यकीनन साहित्य जगत में अपना उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करेगी: प्रेम विज CHANDIGARH: संवाद साहित्य मंच के महासचिव चर्चित कवि डॉ. विनोद कुमार शर्मा का काव्य संग्रह “बढ़ते कदम” प्रकाशित होकर आ गया है। जैसे ही हालात ठीक होंगे, पुस्तक का विमोचन विधिवत किया जाएगा। यह जानकारी देते हुए मंच के अध्यक्ष एवं सुप्रसिद्ध

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