कामरेड बलविन्दर सिंह हत्या मामले में दूसरा भगौड़ा शूटर गिरफ्तार

पंजाब पुलिस ने दुबई की उड़ान पकड़ने से कुछ समय पहले मुंबई हवाई अड्डे से किया काबू

CHANDIGARH: एक बड़ी सफलता हासिल करते हुये पंजाब पुलिस ने मंगलवार को पिछले साल 16 अक्तूबर वाले दिन कामरेड बलविन्दर सिंह की सनसनीखेज हत्या मामले में शामिल दूसरे शूटर इन्द्रजीत सिंह को गिरफ्तार किया है।

दोषी व्यक्ति को दुबई की उड़ान पकड़ने से कुछ घंटे पहले मुंबई के छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से काबू किया गया।

इंद्रजीत ने गुरजीत सिंह उर्फ भाव के साथ मिलकर कामरेड बलविन्दर सिंह को भिखीविंड, तरन तारन में उसकी रिहायश-कम-स्कूल में गोली मार दी थी।

डीजीपी पंजाब दिनकर गुप्ता के अनुसार गुरजीत सिंह को बीती 7 दिसंबर को दिल्ली पुलिस ने उसके साथी सुखजीत सिंह उर्फ बुड़ा समेत गिरफ्तार किया था। गुप्ता ने बताया कि जब गुरजीत और इन्द्रजीत सिंह ने गोलीबारी की तो उस समय पर सुखजीत घटना स्थान से थोड़ी दूरी पर मौजूद था।

गुप्ता ने कहा कि प्राथमिक पूछताछ के दौरान इंद्रजीत ने खुलासा किया कि दो विदेशी खालिस्तानी कार्यकर्ताओं ने उसकी कट्टड़पंथी पोस्टों के कारण मार्च 2020 में उसके साथ फेसबुक पर संपर्क किया था। उसने कबूल किया कि कामरेड बलविन्दर सिंह की हत्या को अंजाम देने के लिए इन खालिस्तानी कार्यकर्ताओं ने उसको प्रेरित किया था।

दोषी ने यह भी खुलासा किया कि उसके दो विदेशी संचालकों में से कैनेडा निवासी सनी ने पहले उसे कामरेड बलविन्दर सिंह की रिहायश का पता लगाने और बाद में भगौड़े गैंगस्टर सुख भिखारीवाल के साथ उसके संपर्क में मदद करने का जिम्मा सौंपा था जिससे वह अपनी योजना को अंजाम के सकें।

श्री गुप्ता ने बताया कि जांच से यह भी पता लगा है कि कत्ल से पहले और बाद में सनी ने इंद्रजीत और उसके साथियों को वित्तीय और लॉजिस्टिक सहायता दी थी। डीजीपी ने बताया कि कामरेड बलविन्दर सिंह की हत्या करने के बाद यह तीनों ही व्यक्ति पंजाब से फरार हो गए और अलग-अलग टिकानों पर चले गए।

उन्होंने बताया कि गुरजीत और सुखजीत को दिल्ली पुलिस ने दिसंबर में काबू कर लिया जबकि इंद्रजीत फरार रहा जिसने बिहार, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के अलग-अलग स्थानों पर पनाह ली। गुप्ता ने बताया कि उसकी खोज में लगी तरन तारन पुलिस की जांच टीम को सूचना मिली कि इंद्रजीत विदेश को फरार होने के लिए मुंबई जा रहा है।

इंद्रजीत ने यह भी कबूल किया कि उसको सनी ने 25 जनवरी को मुंबई बुलाया था जिसने उसके ई-वीजा और दुबई जाने के लिए टिकट का प्रबंध किया।

गुप्ता ने बताया कि पिछले साल 31 अक्तूबर और 1 नवंबर को गुरदासपुर के रहने वाले सुखराज सिंह उर्फ सुखा और रवीन्द्र सिंह उर्फ गियान और लुधियाना के अकाशदीप अरोड़ा की गिरफ्तारी के बाद गोलीबारी मामले में गुरजीत और सुखजीत के सम्मिलन से पर्दा उठा। इन दोनों ने सुखमीत पाल सिंह उर्फ सुख के नाम का भी खुलासा किया जिसने इस योजना और हत्या को अंजाम देने के लिए उनकी सहायता की थी।

श्री गुप्ता ने बताया कि गिरफ्तार किये गए शक्की व्यक्तियों के खुलासे से यह स्पष्ट हुआ है कि कामरेड बलविन्दर सिंह को मारने की पूरी साजिश पाबन्दीशुदा आतंकवादी संगठन आई.एस.वाई.एफ. के पाकिस्तान आधारित स्वै-घोषित चीफ लखवीर सिंह रोड और उसके पाक आधारित आई.एस.आई. संचालकों के द्वारा घड़ी गई थी। उन्होंन बताया कि रोडे ने सुख सुखमीत पाल और सनी को हत्या की जिम्मेदारी दी थी।

संयोगवश फर्जी पासपोर्ट पर दुबई में रह रहे सुखमीत को दुबई पुलिस ने हिरासत में ले लिया था और बाद में उसे भारत डिपोर्ट कर दिया था और यहाँ आने पर दिल्ली पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर लिया।

श्री गुप्ता ने कहा कि क्योंकि एनआईए की तरफ से इस केस में जांच की जा रही है तो केस के तबादले की औपचारिक कार्यवाही पूरी होने के उपरांत इंद्रजीत को उनके हवाले कर दिया जायेगा।  

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