डोर-टू-डोर गार्बेज कलैक्टर सफाई कर्मियों के बीच पहुंचे शशिशंकर तिवारी, भाजपा को लिया आड़े हाथ

प्रशासक से मामले में दखल देकर सफाई कर्मियों की मांगें जल्द पूरी करने की मांग की

CHANDIGARH: अखिल भारतीय मजदूर संगठन के बैनर तले चंडीगढ़ में डोर-टू-डोर गार्बेज कलैक्टर सफाई कर्मचारी प्रधान शमशेर सिंह लोटिया के नेतृत्व में अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। वह आज 13वें दिन भी सेक्टर-17 में नगर निगम कार्यालय के आगे बैठे रहे। इस दौरान चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री शशिशंकर तिवारी आज उनके बीच पहुंचे तथा उनका हौसला बढ़ाया।

जब से भाजपा का नगर निगम पर कब्जा हुआ है, तब से हरेक वर्ग परेशान
शशिशंकर तिवारी ने सफाई कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि जब से भाजपा का नगर निगम चंडीगढ़ पर कब्जा हुआ है, तब से हरेक वर्ग परेशान है। गार्बेज कलेैक्टर घर-घर जाकर कूड़ा उठाकर शहर की साफ-सफाई में बहुत बड़ा योगदान कर रहे हैं लेकिन उसके ऐवज में प्रत्येक घर से मात्र 50  रुपए से लेकर100 रुपए लेते हैं। इसमें जब लोगों को कोई दिक्कत नहीं है तो भाजपा शासित नगर निगम प्रशासन को ऐसी क्या दिक्कत आ गई कि उनसे यह भी रोजगार छीना जा रहा है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस डोर-टू-डोर गार्बेज कलैक्टर सफाई कर्मियों की मांगों का पूर्ण समर्थन करती है।

मजदूरों की रोजी-रोटी छीनने में लगे हैं भाजपा नेता
तिवारी ने कहा कि कड़ाके की ठंड में सफाई कर्मचारी बैठे हैं लेकिन भाजपा सांसद, मेयर, पार्षद उनकी तरफ बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहे हैं। भाजपा नेता झूठी दिलासा दिलाते हैं कि हम मजदूर, दलित, दिहड़ीदारों के हितैषी हैं। तिवारी ने कहा कि भाजपा नेताओं के व्यवहार से यह साफ जाहिर होता है कि वह मजदूरों की रोजी-रोटी छीनने में लगे हुए हैं। चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध करती है और पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर से मांग करती है कि वह इस मामले में दखल देकर डोर-टू-डोर गार्बेज कलैक्टर सफाई कर्मियों की जायज मांगें अति शीघ्र पूरी करें।

सफाई कर्मियों की ये हैं मुख्य मांगें
– हम जिस प्रकार काम करते आए हैं, हमें उसी प्रकार से करने दिया जाए।

– हम जो अपने काम का प्रति महीना घरों से पैसा इकट्ठा करते हैं, वैसे ही लेने दिया जाए।

– हम गीला-सूखा गार्बेज अलग-अलग देने के लिए तैयार हैं। देते भी आ रहे हैं।

– जो वेस्ट चीजें गार्बेज से निकलती हैं और बेचने योग्य होती हैं, उन्हें हम खुद ही बेचेंगे।

– हम बिलों के माध्यम से या अपने बैंक अकाउंट में तनख्वाह नहीं लेंगे।

– नगर निगम की गाडिय़ां जहां पर पहले डस्टबिन रखे गए थे, वहां पर खड़ी हों तो हम अपनी रेहडिय़ों से गीला-सूखा कचरा उनमें डालने के लिए तैयार हैं।

– चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा 2008 की रैग पिक्कर आवास योजना को पुन: आरंभ किया जाए और जो भी डोर-टू-डोर गार्बेज कलैक्टर हैं, उन्हें मलौया में गरीब आवास योजना के तहत आवास उपलब्ध करवाए जाए।

– प्रशासन चाहता है कि गाडिय़ां ही चलें तो सभी गार्बेज कलैक्टर को पक्की नौकरी दी जाए और जो सुविधाएं पक्के सफाई कर्मचारियों को दी जाती हैं, वह दी जाएं।

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