स्मार्ट सिटी का हालः एक अंडर पास भी नहीं संभाल पा रहा नगर निगम, महिला कांग्रेस ने उठाए सवाल

CHANDIGARH: शहर में विकास के नाम पर लाखों रुपए खर्च करने के बाद प्रशासन व नगर निगम शायद अपनी जिम्मेदारी भूल जाते हैं। सेक्टर-15 और सेक्टर-11 का अंडर पास इसका उदाहरण है। इसकी हालत को लेकर चंडीगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष दीपा दुबे ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।

दो महीने पहले ही हुआ था पुनर्निर्माण

चंडीगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष दीपा दुबे ने कहा कि नगर निगम ने 2 महीने पहले ही इस अंडर पास को रिकंस्ट्रक्ट किया था लेकिन आज अंडरपास की यह हालत है कि सड़कें बुरी तरह टूट चुकी हैं। जो अंडर पास में लाइट्स लगी हैं, वह भी टूटी पड़ी हैं। प्रशासन की तरफ से कोई भी रखरखाव नहीं है। अंडर पास की इस हालत से रात को आने-जाने वाले लोगों को बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

धुंध में एक्सीडेंट का खतरा

दीपा दुबे ने यह भी बताया कि न कोई यहां ट्रैफिक कंट्रोल रिफ्लेक्टर है। आज के समय में जितनी धुंध पड़ रही है उससे जहां पर एक्सीडेंट होने का खतरा बना रहता है। दीपा दुबे ने बताया कि बारिश के दिनों में अंडरपास में बहुत ज्यादा पानी इकट्ठा हो जाता है, उसके लिए नगर निगम ने मोटर तो लगाई है लेकिन उसके रखरखाव के लिए कोई भी व्यक्ति नहीं है। अंडरपास के इर्द-गिर्द बहुत ज्यादा गंदगी है और दीवारों पर अभद्र स्लोगन व चित्र बनाए हुए हैं। यहां से महिलाएं और बच्चे भी गुजरते हैं तो उन पर इसका गलत असर पड़ता है।

पार्षद राजबाला मलिक की अनदेखी से पूरे वार्ड का बुरा हालः दीपा दुबे

दीपा दुबे ने नए मेयर रविकांत शर्मा से सवाल किया है कि सेक्टर-15 और 11 का अंडर पास कब तक पूर्ण रूप से ठीक होगा? क्योंकि एरिया पार्षद राजबाला मलिक को तो सेक्टर-15 के नागरिकों के साथ सौतेला व्यवहार करने की शुरू से आदत है। पिछले 4 सालों में एक भी विकास कार्य वार्ड के किसी भी एरिया में शुरू नहीं हुए हैं और पार्षद राजबाला मलिक की अनदेखी के चलते वार्ड का इतना बुरा हाल है कि दूसरे शहरों से आने वाले लोग भी पूछते हैं कि क्या यही स्मार्ट सिटी है?

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