कृषि विभाग द्वारा धान की पराली के निपटारे के लिए अब तक 31970 कृषि मशीनों को मंजूरी

किसानों, कस्टम हायरिंग सैंटरों, सहकारी सभाओं और पंचायतों को पराली का खेतों में या खेतों से बाहर निपटारा करने के लिए मशीनरी पर दी जा रही है 50 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक सब्सिडी
कृषि डायरैक्टर द्वारा मशीनों की खरीद जल्द से जल्द करने की अपील

CHANDIGARH: धान की कटाई सीजन से पहले किसानों को फ़सली अवशेष के प्रबंधन स्कीम के अंतर्गत कृषि मशीनरी मुहैया करवाने के लिए पंजाब कृषि और किसान कल्याण विभाग ने किसानों, सहकारी सभाओं, पंचायतों और कस्टम हायरिंग सैंटरों (सी.एस.सी.) को अब तक 31,970 कृषि मशीनें /उपकरण सब्सिडी पर खरीदने की मंज़ूरी दे दी है।

आज यहाँ यह प्रगटावा करते हुये कृषि विभाग के डायरैक्टर सुखदेव सिंह सिद्धू ने कहा कि सहकारी सभाओं, पंचायतों, किसान सोसायटियों के अंतर्गत रजिस्टर्ड कस्टम हायरिंग सैंटरों और किसानों से प्राप्त हुये 10297 आवेदनों को मंजूरी दी जा चुकी है जिससे धान की पराली जलाने के रुझान को रोकने के लिए सम्बन्धित कृषि मशीनों की खरीद की जा सके।

उन्होंने आगे कहा कि कृषि मशीनों की खरीद के लिए विभाग द्वारा पाँच पड़ावों में जारी की मंजूरियों के मुताबिक व्यक्तिगत तौर पर किसानों को 10023 मशीनें, कस्टम हायरिंग सेंटरों के लिए 15498 मशीनें, पंचायतों के लिए 5543, प्राइमरी कृषि सहकारी सभाओं के लिए 906 मशीनें खरीदने की मंजूरी दे दी गई है जिससे अब तक 31970 मशीनों को मंज़ूरी मिल चुकी है। श्री सिद्धू ने कृषि मशीनरी खरीदने के लिए मंजूरियां हासिल कर चुके आवेदकों को जल्द से जल्द मशीनें खरीदने की अपील की है। उन्होंने कहा कि बीते तीन सालों में पराली के प्रबंधन के लिए किसानों को सब्सिडी पर 76000 मशीनें दी गई थीं। किसानों को अपेक्षित मशीनरी सप्लाई करने के सम्बन्ध में विभाग ने धान की कटाई सीजन से पहले इन कृषि यंत्रों के वितरण का कार्य मुकम्मल करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है।

डायरैक्टर ने आगे बताया कि पटियाला, संगरूर, बरनाला, बठिंडा, फिऱोज़पुर, श्री मुक्तसर साहिब, तरन तारन, मोगा और मानसा जिलों को अधिक प्रभावित जिलों के तौर पर शिनाख़्त किया गया है जहाँ पिछले समय में धान की पराली जलाने के अधिक मामले सामने आए थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से इन जिलों में अमल और निगरानी के कदमों के लिए विशेष टास्क फोर्स तैनात करने के लिए सख्त यत्न किये जा रहे हैं जिससे धान की कटाई के आगामी सीजन में धान की पराली को आग लाने की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।

फ़सली अवशेष के प्रबंधन स्कीम के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा धान की पराली का खेतों में ही निपटारा करने के लिए एस.एम.एस., सुपर सिडर, हैप्पी सिडर, पैडी स्टरॉ चौपर /शरैडर /मल्चर, हाइड्रोलिक रिवर्सिबल मोल्ड बोर्ड प्लौ और ज़ीरो टिल ड्रिल और खेतों से बाहर पराली का निपटारा करने के लिए बेलर और रैक किसानों की सुविधा के लिए सब्सिडी पर मुहैया करवाए जा रहे हैं।

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