मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना में राशि 71 हजार की गई

महिलाओं के लिए व्यक्तिगत ऋ ण योजना के तहत सब्सिडी की दर 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत की गई

CHANDIGARH, 02 MARCH: हरियाणा सरकार गरीबों एवं कमजोर वर्गों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने, अनुसूचित जातियों एवं पिछड़े वर्गों के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक उत्थान, सैनिकों व पूर्व सैनिकों के सम्मान और महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्घ है और अपनी इस प्रतिबद्घता को पूरा करने के लिए ‘मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना’, ‘मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना’, प्रधानमंत्री आवास योजना, महिलाओं के लिए व्यक्तिगत ऋण योजना जैसी अनेक योजनाएं चला रही है। राज्यपाल बंडारू दतात्रेय ने आज यहां आरंभ हुए हरियाणा विधान सभा के बजट सत्र के पहले दिन सदन में अपना अभिभाषण देेते हुए यह जानकारी दी।

महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तिकरण

उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा है – ‘‘जब तक महिलाओं की स्थिति में सुधार नहीं होता तब तक दुनिया के कल्याण की कोई संभावना नहीं है। एक पक्षी के लिए एक पंख पर उडऩा संभव नहीं है।’’ इसी तथ्य को मद्देनजर रखते हुए राज्य सरकार महिलाओं को सुरक्षित परिवेश मुहैया करवाने के साथ-साथ उन्हें आर्थिक व सामाजिक रूप से भी सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य में पंचायती राज संस्थाओं के आगामी चुनावा में महिलाओं को 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व देने का निर्णय लिया गया है। वर्ष  2014 में पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी केवल 5.5 प्रतिशत के करीब थी जो अब बढकऱ 9 प्रतिशत के करीब हो गई है। इसके अतिरिक्त, सरकार का लक्ष्य महिला सुरक्षा को सुदृढ़ करने और उनके सशक्तिकरण के लिए पुलिस में महिलाओं की संख्या को बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का भी है।  

राज्यपाल ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में 3884 स्वयं सहायता समूहों को 3.88 करोड़ रुपये का रिवॉल्विंग फंड उपलब्ध करवाया गया। महिलाओं के लिए व्यक्तिगत ऋ ण योजना के तहत सब्सिडी की दर 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत की गई है। स्टार्ट-अप ग्राम उद्यमशीलता कार्यक्रम में 1238 स्वयं सहायता समूह महिला उद्यमों का गठन किया गया है और उद्यम स्थापित करने के लिए 5.25 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई है।

अंत्योदय

राज्यपाल ने कहा कि गरीबों और कमजोर वर्गों की मदद करना हर कल्याणकारी सरकार का संवैधानिक दायित्व और नैतिक कत्र्तव्य होता है। अपने इसी कर्तव्य का निर्वहन करने के लिए सरकार ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय के ‘अन्त्योदय’ दर्शन’ का मन, कर्म और वचन से पालन कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस वर्ष को ‘अन्त्योदय उत्थान वर्ष’ के रूप में मनाया जा रहा है। पंक्ति में खड़े अन्तिम व्यक्ति का जीवन-स्तर ऊपर उठाने के उद्देश्य से मेरी सरकार ने ‘मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना’ शुरू की है। परिवार पहचान-पत्र  पोर्टल पर लगभग 11 लाख ऐसे परिवारों की पहचान की गई है जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम या उसके बराबर है। इन परिवारों की आय कम से कम 1.80 लाख रुपये सुनिश्चित करने के लिए इनके रोजगार व कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना के प्रथम चरण में 156 स्थानों पर 289 अंत्योदय मेले लगाकर मदद के लिए लगभग 37000 परिवारों की पहचान की गई है।

इसी प्रकार, ‘मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना’ के तहत 8.77 लाख बी.पी.एल परिवारों को 270.84 करोड़ रुपये की मदद दी जा चुकी है। इस योजना के तहत चालू वित्त वर्ष में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत लगभग 2.84 लाख परिवारों को 3.55 करोड़ रुपये के प्रतिवर्ष प्रीमियम की प्रतिपूर्ति की गई है। इसके अतिरिक्त, गरीबों को ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य-आयुष्मान भारत योजना’ के तहत 5 लाख रुपये तक वार्षिक मुफ्त इलाज करवाने की सुविधा दी गई है। अब तक 3.30 लाख क्लेम के भुगतान के लिए लगभग 366 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। इस योजना में निर्माण श्रमिकों, मान्यता प्राप्त पत्रकारों, नम्बरदारों, चौकीदारों, द्वितीय विश्वयुद्ध तथा आजाद हिंद फौज के सैनिकों, हिन्दी आंदोलन के सत्याग्रहियों को भी शामिल किया गया है।

इसके अतिरिक्त, कोरोना महामारी के दौरान अपने परिजनों को खो चुके प्रत्येक मृतक के परिजन को 50,000 रुपये के एक्सग्रेशिया अनुदान तथा बी.पी.एल. परिवारों को सहारा देने के लिए दो लाख रुपये के एक्सग्रेशिया अनुदान और जीवन बीमा का प्रावधान भी किया है। महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों के पुनर्वास व सहायता के लिए ‘मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ शुरू की गई है। इस योजना के तहत प्रति बच्चा 2500 रुपये मासिक मदद दी जा रही है।

अनुसूचित जातियों एवं पिछड़े वर्गों का कल्याण

राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार अनुसूचित जातियों और पिछड़े वर्गों के सामाजिक-आर्थिक व शैक्षणिक उत्थान के लिए प्रयासरत है। गरीबों को उनकी बेटियों के विवाह के लिए ‘मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना’ में शगुन राशि 51 हजार रुपये से बढ़ाकर 71 हजार रुपये की गई है।

इसीप्रकार, अनुसूचित जातियों और विमुक्त जनजातियों तथा टपरीवास जातियों के लोगों को मकानों की मरम्मत के लिए डॉ. बी.आर. अम्बेडकर आवास नवीकरण योजना के तहत दी जाने वाली वित्तीय अनुदान राशि 50,000 रुपये से बढ़ाकर 80,000 रुपये की गई है।

अनुसूचित जाति के लोगों को अदालतों में अपने मामलों की पैरवी के लिए कानूनी सहायता स्कीम के तहत दी जाने वाली राशि 11,000 रुपये से बढ़ाकर 22,000 रुपये की गई।

सभी के लिए आवास

राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और निम्न आय वर्ग के सभी लोगों के सिर पर छत मुहैया कराने के लिए भी प्रतिबद्ध है। इस दिशा में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी एवं ग्रामीण के तहत अब तक 44,083 लाभार्थियों को मकान बनाने के लिए लगभग 574 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। इसके अलावा, आवास बोर्ड द्वारा भी इस वित्त वर्ष में 467 मकानों के निर्माण का काम पूरा किया जा चुका है।

श्रमिक कल्याण

राज्यपाल ने कहा कि हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के तहत वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान विभिन्न कल्याण योजनाओं के तहत 2 लाख 25 हजार 346 श्रमिकों को 154 करोड़ रुपये के लाभ प्रदान किए गए हैं। औद्योगिक नगरी, मानेसर में श्रमिकों को चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए 500 बिस्तर क्षमता का ईएसआई अस्पताल बनाया जा रहा है। आईएमटी रोहतक और आईएमटी करनाल में 5 नए ईएसआई औषधालयों को मंजूरी दी गई है। इसके अतिरिक्त, प्रदेश की 87 शहरी स्थानीय निकायों में स्ट्रीट वेंड्र्स की पहचान का सर्वेक्षण किया गया है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 23,709 स्ट्रीट वेंड्र्स को ऋण वितरित किए गए हैं।

सैनिकों व पूर्व सैनिकों का सम्मान

राज्यपाल ने कहा कि देश की एकता एवं अखंडता को बनाए रखने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सैनिकों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करते हुए सरकार ने वीरगति को प्राप्त सैनिकों व अद्र्ध-सैनिकों के परिवारों को दी जाने वाली एक्स-ग्रेशिया ग्रांट 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये की है।  इसके अतिरिक्त, युद्ध/आतंकवाद तथा अन्य घटना के दौरान घायल हुए सैनिकों की अनुग्रह अनुदान राशि निशक्तता के आधार पर 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 35 लाख रुपये, 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये और 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गत वर्ष 2014 से अब तक शहीदों के 348 आश्रितों को नौकरी प्रदान की गई है ।

error: Content can\\\'t be selected!!