नगर निगम अधिकारियों की मनमानी : पार्षद के करीबियों की नवगठित आरडब्ल्यूए को वार्ड के सभी पार्कों की देखरेख का जिम्मा सौंपा

निगमायुक्त से शिकायत की पुरानी आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों ने: सड़क पर उतरने व कोर्ट जाने की चेतावनी दी  

CHANDIGARH, 26 APRIL: वार्ड नं. 22 ( से. 31, 32 व 33 ) में पड़ते नौ पार्कों की देखरेख का जिम्मा नियम-कायदों की धज्जियां उड़ाते हुए स्थानीय पार्षद के पति की नवगठित रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए ) को सौंप दिया गया है जिस कारण यहाँ पहले से मौजूद दो आरडब्ल्यूए’ज़ के पदाधिकारियों ने कड़ा ऐतराज जताया है व नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ सड़क पर उतरने की चेतावनी दी है। इस वार्ड की ज्वाइंट रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन, से. 32, 33 के नाम से विधिवत रजिस्टर्ड आरडब्ल्यूए ( पंजीकरण संख्या 5007) के अध्यक्ष जगदीप महाजन ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि जनवरी माह में उन्हें पता चला कि निगम द्वारा इस वार्ड में पड़ते नौ पार्कों को रखरखाव के लिए दिया जाना है तो वे 10 जनवरी को बागवानी विभाग के एसई कृष्ण पाल व एक्सईएन जंगशेर से मिले व इस कार्य हेतु विधिवत आवेदन कर दिया। दो दिन बाद जंगशेर ने उन्हें बताया कि आरडब्ल्यूए, से. 32-डी की ओर से भी उन्हें आवेदन प्राप्त हुआ है, इसलिए उन्हें पांच पार्क अलॉट किये जाएंगे जबकि चार पार्क आरडब्ल्यूए, से. 32-डी को दिए जाएंगे। इस पर जगदीप महाजन राजी हो गए। पूछने पर उन्होंने ये भी कहा कि इस काम में 15 -20 दिन तक लगेंगे।  

बाद में विभाग के एसडीओ अंग्रेज सिंह व जेई हरिमोहन ने उन्हें सूचित किया कि वार्ड पार्षद की भी एक आरडब्ल्यूए है, इसलिए अब तीनों आरडब्ल्यूए को तीन-तीन पार्क दिए जाएंगे। जगदीप महाजन इस पर भी राजी हो गए परन्तु जब तीन महीने बीतने पर भी इस बाबत कोई सूचना नहीं मिली तो उन्होंने फिर से विभाग से सम्पर्क किया तो उन्हें पता चला कि सभी नौ के नौ पार्क पार्षद अंजू कत्याल के करीबियों की आरडब्ल्यूए को सौंप दिए गए हैं। इस पर जब जगदीप महाजन ने सम्बंधित अधिकारियों से पूछा तो उन्हें जवाब मिला कि उनकी आरडब्ल्यूए (ज्वाइंट रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन, से. 32, 33) वैध नहीं है। जगदीप महाजन ने अपने स्तर पर तहकीकात की तो उन्हें पता चला कि अंजू कत्याल के करीबियों की आरडब्ल्यूए इसी महीने गठित की गई है जिसमें उनके पति सतीश कत्याल अध्यक्ष व उनके पडोसी रजनीश महासचिव हैं।

जगदीप महाजन ने निगम अधिकारियों पर पक्षपात करने व नियमों को ताक पर रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि नगर प्रशासन के रजिस्ट्रार ऑफ़ सोसाइटीज के कार्यालय से कई वर्ष पूर्व विधिवत पंजीकृत उनकी आरडब्ल्यूए को अधिकारियों ने अपने स्तर पर ही अवैध घोषित कर डाला व पार्षद के दबाव के आगे झुक कर गैर कानूनी तरीके से सभी पार्कों का काम उनके हवाले कर दिया।

उन्होंने अपने साथियों सहित सारे मामले कि शिकायत निगम आयुक्त से की है व न्याय न मिलने पर कोर्ट जाने कि चेतावनी भी दी है। जगदीप महाजन ने ये भी आरोप लगाया कि ये अधिकारी पंजाब कॉडर के हैं व अंजू कत्याल ने पंजाब में सत्तारूढ़ आप सरकार के जरिए इन अधिकारियों पर दबाव बनाया है।

जगदीप महाजन ने हैरानी जताई कि यदि उनकी आरडब्ल्यूए अवैध थी तो अधिकारियों ने तब उनका आवेदन क्यों स्वीकार किया और इस बाबत मौखिक या लिखित में उनसे कोई सवाल जवाब क्यों नहीं किया?

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