कैप्टन ने केजरीवाल को आड़े हाथ लिया: कहा- डरपोक व्यक्ति यह बताए कि केंद्रीय खेती कानूनों का रास्ता रोकने के लिए विरोध क्यों नहीं किया?

CHANDIGARH: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बुधवार को किसानी मुद्दे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा उन पर किये गए हमले का तीखा जवाब देते हुए कहा कि अरविन्द केजरीवाल किसानी भाईचारे के हितों की रक्षा करने में अपनी असफलता को छिपाने के लिए बौखलाहट में आकर शर्मनाक निम्र दर्जे की राजनीति करता हुआ बेतुकी दोहरी बोली बोल रहा है।

केंद्रीय कानूनों को दिल्ली में नोटीफायी करके किसानों की लड़ाई को कमज़ोर करने के लिए आम आदमी पार्टी के नेता की आलोचना करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पूछा कि आप पंजाब की तरह अपने राज्य की विधानसभा में कानून पास करके केंद्र के खि़लाफ़ स्टैंड क्यों नहीं लेते?
मुख्यमंत्री ने केजरीवाल के उस दावे को सिरे से रद्द किया कि राज्य केंद्रीय कानूनों के खि़लाफ़ बेबस हैं।

उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि आप नेता ख़तरनाक कानूनों के खि़लाफ़ लड़ाई लडऩे की कोशिश भी नहीं करना चाहता। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पूछा कि उसने कम-से-कम केंद्रीय कानूनों के बुरे प्रभावों को कुछ हद तक बेअसर करने के लिए राज्य की विधानसभा में कोई कानून लाने की कोशिश क्यों नहीं की?

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि केंद्रीय कानूनों को चुपचाप नोटीफायी करने की बजाय केजरीवाल को किसानों के हितों की रक्षा के लिए इन खेती कानूनों को बेअसर करने के लिए कुछ कोशिशें करनी चाहीए थीं। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि यह डरपोक व्यक्ति जिसके दोहरे मापदंड बार-बार सामने आ रहे हैं, अब इस मुद्दे पर पूरी तरह घिरा हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जहाँ तक पंजाब के संशोधन बिलों की कानूनी वैधता की बात है, यह संविधान के अंतर्गत उचित हैं और इन बिलों में साल 2015 में गुजरात सरकार की तरफ से केंद्रीय भूमि अधिग्रहण कानून का विरोध करने के लिए संविधान की धारा 254 अधीन पास किये गए बिलों का उदाहरण ज़ोरदार तरीके से दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि यहाँ तक कि उस समय प्रनब मुखर्जी ने गुजरात के इन बिलों पर मोहर लगा दी थी।

केजरीवाल द्वारा दिल्ली के स्टेडियमों को किसानों के लिए जेलों के तौर पर बरतने की इजाज़त न देने पर केंद्र सरकार के उसके साथ खफ़़ा होने बारे की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि इससे सिद्ध होता है कि आप नेता, जो केंद्र सरकार पर निर्भर है, को किसानों की हालत की अपेक्षा केंद्र के गुस्से की चिंता अधिक सता रही है।

मुख्यमंत्री ने खेती कानूनों बारे बीते साल केंद्र सरकार द्वारा गठित की गई समिति सम्बन्धी लोगों को गुमराह करने के लिए भी केजरीवाल की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि इन काले कानूनों पर एक बार भी विचार नहीं किया गया और यहाँ तक कि समिति द्वारा इसका जि़क्र तक नहीं किया गया। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने किसानों के मुद्दे पर किसी भी राजनीति के विरोध की आड़ में ढकोसला करने और घटिया राजनीति खेलने के लिए केजरीवाल को फटकार लगाई।

केजरीवाल द्वारा उन (अमरिन्दर सिंह) पर किये हमले के ताज़ा बयान और किसानों की चिंताओं को हल करने के लिए केंद्र को की गई अपील को बेहूदगी बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप नेताओं की कार्यवाहियों ने उसकी टिप्पणी के खोखलेपन से पर्दा उठाकर रख दिया है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह स्पष्ट है कि केजरीवाल अब किसानों की भावनाओं के साथ खेल रहा है क्योंकि उसकी पार्टी पंजाब में अपना राजनैतिक आधार पूरी तरह गंवा चुकी है जहाँ आप 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए निगाह टिकाई बैठी थी। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि किसान आपके मगरमच्छ के आंसुओं वाले झांसे में नहीं आने वाले हैं।

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