ठेका कर्मियों को पक्का करने के मामले पर आमने-सामने आए पंजाब के राज्यपाल व मुख्यमंत्री, राज्यपाल ने दिया चन्नी के आरोपों का जवाब

कहा- राज्य सरकार विधेयक पर उठाए गए सवालों का जवाब दे
कर्मचारियों को नियमित करने संबंधी विधेयक 31 दिसंबर को मुख्यमंत्री कार्यालय को लौटा दिया गया था, उठाए गए प्रश्नों का उत्तर अभी भी मिलना बाकी

CHANDIGARH: पंजाब में ठेके पर रखे गए कर्मचारियों को पक्का करने के मामले पर पंजाब के राज्यपाल व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी आमने-सामने आ गए हैं। सीएम चन्नी द्वारा कल राज्यपाल पर भाजपा के दबाव में काम करने व ठेका कर्मचारियों को पक्का करने संबंधी फाइल जानबूझकर दबाकर बैठने के लगाए गए आरोप पर आज पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने जवाब देते हुए मुख्यमंत्री चन्नी के आरोपों को तथ्यात्मक रूप से गलत करार दिया है।

 पंजाब में संविदा कर्मचारियों की सेवाओं के नियमितीकरण संबंधी फाइल की स्थिति स्पष्ट करते हुए पंजाब के राज्यपाल नवारीलाल पुरोहित ने एक प्रेस बयान में बताया कि 1 जनवरी को पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा मीडिया के साथ साझा की गई जानकारी ‘‘तथ्यात्मक रूप से गलत’’ है।

उन्होंने बताया कि संविदा कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने संबंधी फाइल छह प्रश्नों के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय को लौटा दी गई थी, जिनका उत्तर राज्य सरकार द्वारा अभी तक नहीं दिया गया है। उक्त फाइल पर उठाए गए प्रश्नों की प्रति सभी संबंधित लोगों की जानकारी के लिए संलग्न है।

यह फाइल 31 दिसंबर, 2021 को मुख्यमंत्री कार्यालय ने विधिवत रूप से प्राप्त की थी और उठाए गए प्रश्नों का उत्तर मिलना अभी भी बाकी है। पुरोहित ने कहा, ‘‘मैं मुख्यमंत्री को फाइल पर उठाए गए सवालों का जवाब देने की सलाह देता हूं।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘एक बार जवाब आने के बाद, राज्यपाल के सचिवालय में बिल की  फिर से जांच की जाएगी।’’

गौरतलब है कि संविदा कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने संबंधी विधेयक 11 नवंबर, 2021 को राज्य विधानसभा में पारित किया गया था। लगभग बीस दिनों के अंतराल के बाद, उक्त फाइल 1 दिसंबर, 2021 को पंजाब राजभवन को भेजी गई। दिसंबर माह के दौरान राज्यपाल प्रदेश के विभिन्न जिलों के दौरे पर थे। राज्यपाल ने 21 दिसंबर को अपने दौरे का समापन किया और उसके बाद 23 दिसंबर को पंजाब के मुख्यमंत्री ने पंजाब राजभवन में आकर उनसे मुलाकात की। फाइल का विधिवत अध्ययन किया गया और 31 दिसंबर, 2021 को अवलोकन/प्रश्नों के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय को लौटा दी गई।

error: Content can\\\'t be selected!!