पेड़ की ऊंचाई में फंसी थी बेजुबान की जान, नीचे बेबस थी फायर ब्रिगेड, फिर हुआ वो, जिसकी उम्मीद न थी

CHANDIGARH: पेड़ पंछियों को आसरा देते हैं लेकिन शहर में पेड़ों की छंटाई का काम न होने के कारण लंबे-ऊंचे पेड़ पक्षियों की जान पर भारी पड़ रहे हैं। रामदरबार में आज ऐसे ही एक पेड़ पर एक पंछी फंस गया। उसकी कराहट की आवाजें सुनकर लोगों की भीड़ लग गई। उसकी जान बचाने के लिए फायर ब्रिगेड की टीम भी मौके पर पहुंची और हाइड्रोलिक प्लेटफार्म लगाकर घंटों रेसक्यू ऑपरेशन चलाया गया।

काफी मशक्कत के बाद पेड़ से उतारे गए पंछी को दिखाते हुए पूर्व मेयर श्रीमती कमलेश बनारसी दास।

चंडीगढ़ की पूर्व मेयर एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री श्रीमती कमलेश बनारसीदास ने बताया कि सुबह करीब छह बजे एक पंछी पतंग की डोर में फंस जाने से पेड़ पर लटका रहा। पेड़ पर करहाते इस पंछी को देखकर कर लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई। सभी उसको बचाने का प्रयास करते रहे। कामयाबी नहीं मिली तो उन्होंने (श्रीमती कमलेश बनारसीदास) नगर निगम के हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट के कर्मचारी किशन और जंग शेर, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट तथा फायर डिपार्टमेंट को फोन किया, ताकि जल्दी से जल्दी पंछी को बचाया जा सके। इसके बाद फायर डिपार्टमेंट से कर्मचारी आए। उन्होंने हाइड्रोलिक प्लेटफार्म लगाकर समय रहते पंछी को उतारने की कोशिश की। सबको उम्मीद थी कि पेड़ की ऊंचाई पर फंसे बेजुबान को बचा लिया जाएगा लेकिन पेड़ की ऊंचाई 50 से 60 फुट होने के कारण उस तक पहुंचने में काफी देर हो गई। अंततः पंक्षी ने पेड़ पर ही दम तोड़ दिया।

श्रीमती कमलेश बनारसीदास ने बताया कि इससे पहले भी एक पंछी इस पेड़ पर फंसकर अपनी जान गंवा चुका था। तब लोगों ने कई बार इस पेड़ की छंटाई कटवाने के लिए नगर निगम से कहा, ताकि इसकी ऊंचाई थोड़ी कम हो जाए और कोई पक्षी ऊंचाई पर न फंसे। अगर फंस जाए तो उसको उतारना आसान हो परंतु नगर निगम ने लोगों की चिट्ठी पर कोई कार्रवाई नहीं की और यह दूसरा हादसा हो गया। पंछी के पेड़ पर ही फंसकर दम तोड़ देने से वे तमाम लोग बहुत दुखी हुए, जो सुबह से उसे बचाने की कोशिशों में लगे हुए थे। उन्होंने नगर निगम से शहर में पेड़ों की छंटाई कराने की मांग की है।

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