Congress में नहीं थम रहा असंतोष का बवाल: 6 और नेताओं ने पार्टी छोड़ी, छाबड़ा ने अपनी लड़ाई को बताया महाभारत, बूथ घोटाला पवन बंसल के मत्थे मढ़ा

CHANDIGARH: चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस में मचा असंतोष का बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। पार्टी की प्रदेश कमेटी में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा के नजदीकी नेताओं को शामिल न किए जाने के खिलाफ छाबड़ा गुट में शुरू हुआ पार्टी से इस्तीफे का सिलसिला और तेज हो गया है। आज शाम पार्टी के 6 और नेताओं ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया। इस बीच, छाबड़ा ने पार्टी के वरिष्ठ नेता डीडी जिंदल के पत्र के जवाब में अपने व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला के बीच चल रहे शीतयुद्ध को महाभारत की संज्ञा दे दी है। इसमें उन्होंने डीडी जिंदल को भीष्म पितामह ठहराते हुए प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व को धृतराष्ट्र बताया है।

आज पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने वालों में जिला महासचिव जगजीत महाजन, रजनीश भारद्वाज, जिला उपाध्यक्ष बेअंत सिंह, जिला सचिव हरविंदर सिंह, जिला उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा, चरणजीत शर्मा शामिल हैं। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्य्क्ष श्रीमती सोनिया गांधी व राहुल गांधी के नाम लिखे गए इन सभी के इस्तीफे की शब्दावली ठीक वैसी ही है, जैसी एक दिन पहले पूर्व प्रदेश महासचिव संदीप भारद्वाज ने पार्टी से दिए अपने त्याग पत्र में लिखी थी। इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल पर चंडीगढ़ में कांग्रेस को अपनी कम्पनी की तरह चलाने का आरोप लगाया गया है। हालांकि कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले इन सभी नेताओं ने अपनी नई राजनीतिक पारी के बारे में अभी कोई खुलासा नहीं किया है लेकिन कहा जा रहा है कि कांग्रेस के असंतुष्टों का खेमा जल्द ही इस संबंध में बैठक करने जा रहा है।

दूसरी ओर, पार्टी के वरिष्ठतम नेता डीडी जिंदल द्वारा प्रदीप छाबड़ा को लिखे गए पत्र के जवाब में छाबड़ा ने बूथ घोटाले का पूरा जिम्मा पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल के मत्थे मढ़ दिया है। सोशल मीडिया के ज़रिए प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोले बेठे प्रदीप छाबड़ा ने डीडी जिंदल के पत्र का जो जवाब सोशल मीडिया पर दिया है, उसे भी हम यहां हू-ब-हू प्रकाशित कर रहे हैं। पढ़िए ….

?????? मेरा कसूर क्या ??? पूर्व अध्यक्ष कांग्रेस कमेटी चंडीगढ़ प्रदीप छाबड़ा मैं कोंग्रेसी था कांग्रेस हु।

मैंने अपने जीवन के बहुत कीमती 35 साल कांग्रेस को दिए है 30 साल श्री पवन कुमार बंसल जी के सानिध्य में बिताए हैं मैंने कभी भी श्री पवन कुमार बंसल जी के खिलाफ या उस परिवार के खिलाफ कभी भी बेवफाई नहीं की अगर कोई बेवफाई साबित कर देगा तो मैं सदा के लिए कांग्रेस से सन्यास राजनीति से संयास ले लूंगा लेकिन मेरा सवाल भी सुनना चाहिए आज वर्तमान में जो लोग कांग्रेस के सबसे वफादार और श्री पवन पवन बंसल जी के वफादार बने बैठे हैं उनके दामन बेवफाई से दागदार हैं यह बात मैं खुद जानता हूं या फिर श्री पवन कुमार बंसल जी दिल पर हाथ रख कर कहे कि मैंने जीवन में जितना जीवन उनके साथ बिताया कभी बेवफाई की हो तो और मैं एक बात और बताना चाहता हूं कि कांग्रेस के अंदर राजनीति के अंदर मर्यादा वाले व्यक्तियों को बोलने की इजाजत दीजिए मैं निजी जीवन में कभी भी ना तो छोटी और नीच हरकत की है और ना ही आगे करना चाहता हूं किसी के साथ वरना मर्यादा लाहंगी गई तो बहुत कुछ उथल-पुथल हो जाएगा मेरे बड़े भाई डीडी जिंदल साहब जी आपका पत्र देख कर मुझे लगता है कि आपको चिंता है लेकिन मुझे लगता है कि आपको अभी सच का पता है पहले भी सच का पता था लेकिन आप भीष्म पिता की तरह धृतराष्ट्र की कुर्सी से बंधे हुए हैं आप से उम्मीद करता हूं कि आप सत्य को देखकर भी सत्य का साथ नहीं दे रहे कांग्रेस पार्टी किसी अध्यक्ष की नहीं होती है और ना ही किसी नेता की होती है कांग्रेस पार्टी हम सब से मिलकर बनती है कांग्रेस का अध्यक्ष पद पाने के बाद निजी रंजिश या निजी स्वार्थ के लिए काम करना धृतराष्ट्र की तरह होगा जिसके बाद महाभारत का अंत कैसे हुआ क्या हुआ ऐसे ही ना कांग्रेस का हश्र ना हो जाए आने वाले समय के अंदर?? जिंदल साहब कोई भी कांग्रेसी चाहते हैं कि कांग्रेस का वजूद और मान सम्मान बरकरार रहे तो मुझे भी आदर मान सम्मान के कांग्रेस पार्टी के अंदर बुलाया जाए और यह मान सम्मान सभी चाहते हैं अगर मेरे मान सम्मान को ठेस पहुंचती है तो मान सम्मान फिर किसी का भी खतरे में पड़ सकता है चाहे वह छोटे लेवल का नेता हो या फिर बड़े लेवल का नेता हो।

बूथ घोटाले में नाम ही पवन बंसल जी की अफसरों के साथ दुश्मनी की वजह से का नाम था मैं तो मुफ्त में रगड़ा गया था।
न मैंने बूथ लिया कोई न किसी को दिलवाया

बल्कि मानहानि का मुकदमा भी मुझ से डलवाया शेरगिल के खिलाफ़।
रेल कांड में सब से ज्यादा मैंने साथ दिया था ।
दोस्ती निभाने का जवाब मिलने पर दूँगा अगर कभी मुलाकात हुई।
किस किस को जवाब देना है
इस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में
जिस को बात करनी है मुझ से मिल कर कर ले।
मैंने बदलवाया बड़ा छाती ठोक ठोक कर कहते है कुछ लोग।
आप का शुभचिंतक
व छोटा भाई
प्रदीप छाबड़ा??

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