कमजोर और पिछड़े वर्गों के हिमायती होने का दावा करने वाले ही धोखेबाज निकले: मुख्यमंत्री भगवंत मान

बोले- ऐसे ही राजनीतिक नेताओं ने  वजीफा राशि निगलकर गरीब विद्यार्थियों का भविष्य तबाह किया

CHANDIGARH, 15 APRIL: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज कहा कि कमजोर और पिछड़े वर्गों के हिमायती होने का दावा करने वाले राजनीतिक नेताओं ने गरीब विद्यार्थियों की वजीफा राशि निगलकर समाज के इस वर्ग का भविष्य तबाह कर दिया।  

मुख्यमंत्री ने आज यहाँ श्री गुरु रविदास साधू सम्प्रदाय सोसायटी द्वारा करवाए समागम के दौरान लोगों के जलसे को संबोधित करते हुए कहा कि गरीब लोगों को उनके नेता होने का दावा करने वालों ने ही इनको सबसे अधिक परेशान किया।  
भगवंत मान ने लोगों को याद करवाते हुए कहा, ‘‘पिछली सरकारों ने पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम के पैसे निगलकर गरीब विद्यार्थियों का भविष्य बर्बाद कर दिया। इन नेताओं ने अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के वज़ीफ़े के पैसे निगलकर अपने ही भाईचारे की पीठ में छुरा घौंपा।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन नेताओं ने हमेशा ही लोगों को उनका भला करने के सपने दिखाकर गुमराह किया है, जबकि इन्होंने कमज़ोर वर्गों का जीवन स्तर संवारने के लिए एक भी काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि यह नेता राजनीतिक क्षेत्र में ख़ुद आगे बढऩे के लिए गरीब लोगों को वोट बैंक की तरह ईस्तेमाल करते हैं और सत्ता में आने पर लोगों का पैसा लूट कर बड़ी जायदाद इक_ी करते हैं। भगवंत मान ने कहा कि इन्होंने गरीबी दूर करने के नाम पर वोटें हासिल कीं, परन्तु 75 सालों के बाद भी गरीबी की बीमारी राज्य और लोगों की तरक्की को खतरे में डाल रही है।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारें भ्रष्टाचार में लिप्त थीं, और मंत्रियों समेत अन्य नेताओं ने जनता का पैसा लूटा। एक मिसाल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि होशियारपुर में एक पूर्व मंत्री के घर से धन-दौलत बरामद होने के साथ-साथ नोट गिनने वाली दो मशीनें मिलने से स्पष्ट हो जाता है कि इन नेताओं ने कितनी बेरहमी से अपने सरकारी पद का दुरुपयोग कर ग़ैर-कानूनी ढंग से पैसा इक_ा किया है। हालाँकि, भगवंत मान ने प्रण लिया कि इनमें से किसी भी नेता को बख्शा नहीं जाएगा और उनको पंजाब एवं इसके लोगों के साथ किए गए हर गुनाह के लिए जवाबदेह बनाया जाएगा।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान उनकी सरकार ने लोक हितैषी कल्याण योजनाओं का लाभ लोगों को मिलना सुनिश्चित बनाने के लिए सख़्त प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि पहले अमीर लोग लाभ प्राप्त करते थे और हकदार को छोड़ दिया जाता था। भगवंत मान ने कहा कि अब यह रुझान बदल गया है क्योंकि केवल ज़रूरतमंद लोगों को ही सब्सिडियाँ दी जा रही हैं।  

प्राईवेट कंपनियों को लाभ पहुँचाने के लिए पिछली सरकारों की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान बड़े निजी अस्पतालों और शैक्षणिक सस्थाओं को लाभ पहुँचाने के लिए स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा क्षेत्रों को पूरी तरह से अनदेखा किया गया। उन्होंने कहा कि इन प्राईवेट लोगों ने इस लूट में हिस्सापत्ती डालकर सरकार के साथ मिलीभगत की। इसी तरह भगवंत मान ने कहा कि ट्रांसपोर्ट सैक्टर में सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थाओं में निजी ट्रांसपोर्टरों का दबदबा था, जिस कारण आम आदमी को परेशानी होती रही।  

राज्य सरकार के विरुद्ध बेबुनियाद बयान देने के लिए अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह इन नेताओं की संकीर्ण मानसिकता को दिखाता है जिनको यह हज़म नहीं हो रहा कि सरकार आम आदमी के कल्याण के लिए ईमानदारी से क्यों काम कर रही है। भगवंत मान ने पूर्व मुख्यमंत्री पर तंज़ कसते हुए कहा, ‘‘जो व्यक्ति ख़ुद दोपहर को 12 बजे उठता है, वह कभी भी दफ़्तरों का समय बदल कर सुबह 7.30 से दोपहर 2 बजे तक करने के लाभ को नहीं समझ सकता। इन नेताओं को ऐसी लोग विरोधी मानसिकता के कारण ही लोगों ने बुरी तरह से नकार दिया है।’’ उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार का हरेक फ़ैसला आम आदमी के कल्याण के लिए होता है।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने कई लोक हितैषी पहलें की हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पंजाब निवासियों को मुफ़्त बिजली मुहैया करवा रही है, जिसके नतीजे के तौर पर 80 प्रतिशत लोगों को ज़ीरो बिल आ रहा है। भगवंत मान ने कहा कि 9000 एकड़ से अधिक ज़मीन को रसूखदार लोगों के अवैध कब्जे से मुक्त करवाया।  

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य में मानक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने के लिए 500 से अधिक आम आदमी क्लीनिक स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि इन क्लीनिकों में लोगों को विश्व स्तरीय इलाज और जाँच की सुविधाएँ मुफ़्त दी जा रही हैं। भगवंत मान ने कहा कि इन आम आदमी क्लीनिकों से अब तक 21.21 लाख मरीज़ लाभ ले चुके हैं। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में अलग-अलग बीमारियों की जाँच करने और प्रभावशाली ढंग से मुकाबला करने के लिए डेटाबेस तैयार करने में सरकार को मदद मिली है।  

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सरकार ने अब तक राज्य के नौजवानों को 28,000 से अधिक सरकारी नौकरियाँ प्रदान की हैं। उन्होंने कहा कि यह नौकरियाँ पूरी तरह से योग्यता के आधार पर दी गई हैं और इसलिए पारदर्शी विधि अपनाई गई है।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब डॉ. बी.आर. अम्बेदकर के शिक्षा का प्रसार करके आम आदमी के लिए अधिक अधिकारों के सपने को साकार करने के लिए राज्य सरकार बड़े स्तर पर प्रयास कर रही है, जिसके अंतर्गत बच्चों को मानक शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य के 23 जि़लों में 117 स्कूल ऑफ एमिनेंस स्थापित किए जा रहे हैं। भगवंत मान ने कहा कि यह स्कूल इंजीनियरिंग, कानून, कॉमर्स, यू.पी.एस.सी. और एन.डी.ए. समेत पाँच पेशेवर पाठ्यक्रमों के लिए विद्यार्थियों को तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उन्होंने कहा कि यह स्कूल नौजवानों को विश्व के अन्य हिस्सों में पढ़े अपने समकक्ष से मुकाबला करने के योग्य बनाएंगे।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार मौजूदा सरकार ने यह सुनिश्चित बनाया है कि ‘फसलें अभी भी खेतों में खड़ी हैं परन्तु मुआवज़ा राशि बैंक खातों में है’। उन्होंने कहा कि फसलों के नुकसान होने के 20 दिनों के अंदर-अंदर किसानों को फसलों के हुए नुकसान का मुआवज़ा देने की मुहिम शुरू कर दी गई है, क्योंकि पिछली सरकारों ने इसकी कभी परवाह नहीं की। भगवंत मान ने कहा कि पहले दिन 13 अप्रैल को 40 करोड़ रुपए से अधिक की राशि बाँटी गई थी, जबकि शुक्रवार को 30 करोड़ रुपए किसानों को बाँटे गए थे और यह प्रक्रिया हर रोज़ जारी है।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पावरकॉम को मज़बूत करने के लिए बेमिसाल पहलें की हैं। भगवंत मान ने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार सरकार ने पिछले साल की 20,200 करोड़ रुपए की सारी बकाया सब्सिडी जारी की है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित बनाना है कि पी.एस.पी.सी.एल. लोगों की सही भावना के साथ सेवा करे।  
मुख्यमंत्री ने लोगों को श्री गुरु रविदास जी के दिखाए मार्ग पर चलने का न्योता दिया, जिससे समाज में फैली अलग-अलग सामाजिक बुराईयों को ख़त्म किया जा सके। उन्होंने श्री गुरु रविदास जी की बाणी समूची मानवता के लिए प्रकाश स्तंभ बताते हुए कहा कि श्री गुरु रविदास जी ने समूची दुनिया को मानवता का मार्ग दिखाया था। भगवंत मान ने कहा कि पवित्र बाणी समाज को दरपेश अलग-अलग समस्याओं से मुक्ति दिलाने में अहम भूमिका अदा कर सकती है।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह खुशकिस्मत हैं कि उनको देश भर से कई धार्मिक नेताओं के दरमियान इस समागम में शामिल होने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि महान गुरूओं, पीरों और शहीदों ने इस पवित्र धरती से हमेशा ही मानवता और परमात्मा की एकता का संदेश दिया है। भगवंत मान ने अलग-अलग प्रयासों के द्वारा समाज की सेवा करने वाले धार्मिक नेताओं की भी सराहना की और उनको राज्य सरकार द्वारा पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया। समागम के बाद मुख्यमंत्री ने संतों के साथ पंगत में बैठकर लंगर छका। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री हरजोत बैंस, पंजाब विधान सभा के डिप्टी स्पीकर जय कृष्ण सिंह रोड़ी और विधायक दिनेश चड्ढा आदि भी उपस्थित थे।  

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