आज की कविताः खामोशी, खामोश हो जाएगी…

जिद तुम्हारी टूट जाएगी
जब याद हमारी
केवल याद बन जाएगी।

तुम चुपके से
मेरी खामोशी पढ़ना
खामोशी जब
खामोश हो जाएगी।

मजा है
बदल जाने में
बदला लेने में नहीं
बदल गए हम तो
फितरत बदल जाएगी।

खोने का अहसास है क्या
पूछो मेरे दिल से जरा
कहना बहुत चाहा मगर
चुप रहे हम सदा।

नए रिश्ते जुड़ते हैं
पुराने टूटने के बाद
दिल बहुत रोता है
दर्द फूटने के बाद।

तुझे यकीं है मेरे झूठ पर
तेरे बिना मैं खुश हूं
मुझे दुख यही हुआ
तूने यकीं मुझ पर किया।

  • डॉ. प्रज्ञा शारदा, चंडीगढ़। 9815001468
error: Content can\\\'t be selected!!