ऑनलाइन ‘संगीत और कविता’ कार्यक्रम में जुटे ट्राइसिटी के कवि, अपनी रचनाओं से बांधा समां

CHANDIGARH: Srijan-an institute of performing arts चंडीगढ़ की तरफ से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि व Srijan के संस्थापक डा. डीएस गुप्त की नौवीं पुण्यतिथि पर ऑनलाइन संगीत और कविता का कार्यक्रम करवाया गया, जिसमें चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली के कवियों ने शिरकत की ।

संस्था के अध्यक्ष सोमेश और जनरल सैक्रेटरी श्रीमती अमरज्योति शर्मा ने मुख्यातिथि श्रीमती संतोष गर्ग, विशिष्ट अतिथि बीके गुप्ता और विशेष अतिथि हरिंद्र सिन्हा का स्वागत किया। मंच का संचालन पूजा देवी ने किया और कार्यक्रम की शुरुआत गजल गायक सोमेश ने सरस्वती वंदना गाकर की। श्रीमती संतोष गर्ग और बीके गुप्ता ने डॉ. डीएस गुप्त को याद करते हुए उनके साथ बिताए अपने अनुभवों को श्रोताओं के साथ सांझा किया।

इस कार्यक्रम में आए सभी प्रतिभागियों ने कविता, गीत, गजल पेश करके कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। गजल गायक सोमेश ने निदा फाजली की गजल घर से निकले तो हो सोचा भी किधर जाओगे और श्रीमती ईशमीत ने गीत पर्यावरण बचाने का संकल्प मैं लेती हूं और गजल राज ए उल्फत छुपा कर देख लिया गाकर कार्यक्रम को गुलजार कर दिया। कवि बीके गुप्ता ने कविता वक़्त, श्रीमती संतोष गर्ग ने कविताएं पिता जी और बाबू जी, डा. प्रज्ञा शारदा ने कविताएं मैं रिश्ते निभा नहीं पाई और ट्राफी, श्रीमती अमरज्योति ने कविता खामोशियां भी बोलती हैं, श्रीमती रेणु नागर ने कविताएं घर-घर लहराएगा तिरंगा देशभक्ति पर और कोरोना पर अजब गजब ये क्या हो गया, श्रीमती ऊषा मेहता ने कोरोनाकाल पर कविताएं लाकडाऊन और बिन वेतन, श्रीमती गुरप्रीत कौर ने पंजाबी कविताएं निर्भया केस पर हनेरा और मेरा सपना, कुमारी पूजा ने कविता भरोसा, कुमारी सुनीता शर्मा ने कविता तेरे सिरहाने मेरी याद, दर्शन कुमार वसन ने कविता पहली बारिश, बिजेंद्र सिंह ने महात्मा गांधी पर कविता जग-मग एक सितारा के अलावा श्रीमती विमला गुगलानी व श्रीमती प्रेरणा तलवार ने भी अपनी कविताएं पेश कीं। अंत में सोमेश ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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