शाहपुरकंडी मुख्य डैम का 60 प्रतिशत काम मुकम्मल, 2023 में बिजली उत्पादन हो जाएगा शुरू

इस प्रोजैक्ट से 37000 हेक्टेयर क्षेत्रफल की सिंचाई के अलावा 208 मेगावाट बिजली पैदा होगी

CHANDIGARH: राज्य में सिंचाई प्रणाली और साफ बिजली उत्पादन को और बेहतर बनाने के मंतव्य से पंजाब के जल स्रोत विभाग की तरफ से कोविड-19 के कारण बने हालातों के बावजूद शाहपुरकंडी मुख्य डैम का 60 प्रतिशत काम मुकम्मल कर लिया गया है।

पंजाब के जल स्रोत मंत्री सुखबिन्दर सिंह सरकारिया ने कहा कि कोविड महामारी के फैलाव को रोकने के लिए लगाई गई देशव्यापी तालाबन्दी के कारण डैम के निर्माण का काम रोक दिया गया था और लॉकडाऊन की पाबंदियों में कुछ ढील दिए जाने के बाद, विभाग की तरफ से शाहपुरकंडी डैम के निर्माण का काम 29 अप्रैल, 2020 को फिर शुरू किया गया। प्रोजैक्ट का काम अब जोरों पर चल रहा है और मुख्य डैम का तकरीबन 60 प्रतिशत काम मुकम्मल हो गया है।

शाहपुरकंडी डैम की झील को भरने का काम नवंबर 2022 तक होने की उम्मीद जाहिर करते हुये उन्होंने कहा कि यह उम्मीद की है कि इस प्रोजैक्ट से 2023 में बिजली उत्पादन शुरू हो जायेगा। मुकम्मल होने के बाद यह प्रोजैक्ट 208 मेगावाट बिजली पैदा करेगा और रणजीत सागर डैम को पूरी सामथ्र्य पर चलाया जायेगा। उन्होंने आगे कहा कि यह प्रोजैक्ट पर्यटन की संभावना पैदा करने और इस सरहदी क्षेत्र के लोगों के सामाजिक-आर्थिक हालातों को बेहतर बनाने के साथ साथ यह पंजाब और जम्मू और कश्मीर के 37000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई सहूलतें भी प्रदान करेगा।

शाहपुरकंडी डैम प्रोजैक्ट के मुख्य इंजीनियर एस.के. सलूजा ने कहा कि इस प्रोजैक्ट पर चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 31-12-2020 तक 170 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है और 2715 करोड़ रुपए की प्रवानित प्रोजैक्ट लागत के विरुद्ध इस प्रोजैक्ट पर 1233 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। पावर हाऊस का काम जनवरी 2021 में शुरू किया जायेगा और जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा जमीन ग्रहण करने की प्रक्रिया मुकम्मल किये जाने के बाद अगले साल जनवरी में जम्मू -कश्मीर के तरफ की तरफ का काम भी शुरू हो जायेगा। इस साल, पंजाब और जम्मू और कशमीर में पड़ते इलाकों के लिए फोरेस्ट क्लीरेंस वातावरण और वन मंत्रालय, नयी दिल्ली से प्राप्त कर ली गई है।

गौरतलब है कि शाहपुरकंडी डैम प्रोजैक्ट रावी दरिया पर रणजीत सागम डैम की 11 किलोमीटर डाउनस्ट्रिम और पठानकोट जिले में माधोपुर हैड वर्कस की 8 किलोमीटर अपस्ट्रीम पर बनाया जा रहा है। यह पाकिस्तान की ओर पानी के बहाव को कम करेगा

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