सोनिया गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त करने के बारे में एडवोकेट ने RTI में उठाया मामला 

मौजूदा लोकसभा सांसद  के राज्यसभा में चुने जाने पर तत्काल समाप्त होती  है लोस सदस्यताः हेमंत कुमार 

CHANDIGARH, 8 MARCH: आज दो सप्ताह से अधिक का समय  हो गया है जब 20 फरवरी 2024 को वर्तमान 17वीं लोकसभा में उत्तर प्रदेश की रायबरेली संसदीय सीट से सांसद सोनिया गांधी को कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर  राजस्थान से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया था। उनके साथ उसी प्रदेश से  दो भाजपा उम्मीदवारों मदन राठौड़ और चुन्नीलाल गरासिया को भी राज्यसभा के लिए  निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया।

बहरहाल, आज भी लोकसभा की आधिकारिक वेबसाइट पर सोनिया गांधी को उत्तर प्रदेश के रायबरेली संसदीय क्षेत्र (लोकसभा सीट) से मौजूदा कांग्रेस सांसद के तौर पर दर्शाया जा रहा है। इस सब के बीच पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट और चुनावी मामलों के जानकार हेमंत कुमार ने लोकसभा सचिवालय में एक ऑनलाइन आरटीआई याचिका दायर की है, जिसमें सोनिया गांधी की मौजूदा  17वीं लोकसभा की सदस्यता समाप्त करने से संबंधित घोषणा और अधिसूचना के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मांगी गई है।

हेमंत ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम (आरपी एक्ट), 1951 की धारा 69(1) का हवाला देते हुए बताया कि उसमें स्पष्ट तौर पर उल्लेख है कि यदि कोई व्यक्ति जो पहले से ही लोकसभा  का सदस्य है और ऐसी सदस्यता के दौरान उसे राज्यसभा का सदस्य चुन लिया जाता है तो लोकसभा में उस व्यक्ति की सीट उसके राज्यसभा सदस्य चुने जाने की तारीख से ही खाली हो जाएगी। इसलिए जिस तारीख को सोनिया गांधी को राजस्थान से राज्यसभा सांसद के रूप में चुना गया था अर्थात 20 फरवरी 2024 से वह वर्तमान 17वीं लोकसभा की सदस्य नहीं रहेंगी। 

एडवोकेट हेमंत ने इस संबंध में उदाहरण भी  दिया है। जनवरी-2014 में डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली तत्कालीन यूपीए-2 सरकार में दो कैबिनेट मंत्रियों राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के शरद पवार (माधा, महाराष्ट्र से तत्कालीन लोकसभा सांसद) और कांग्रेस की कुमारी शैलजा (अंबाला, हरियाणा से तत्कालीन लोकसभा सांसद) को 31 जनवरी 2014 को क्रमशः महाराष्ट्र और हरियाणा से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया था। उन दोनों की 31 जनवरी 2014 से ही तत्कालीन 15वीं लोकसभा की सदस्यता समाप्त हो गई थी। हालांकि राज्यसभा सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल 3 अप्रैल 2014 (पवार के मामले में) और 10 अप्रैल 2014 (शैलजा के मामले में) से आरम्भ होना था। 

हेमंत ने कहा कि राजस्थान से राज्यसभा सांसद के रूप में सोनिया गाँधी का 6 वर्षों का कार्यकाल 4 अप्रैल 2024 से आरम्भ होगा। केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले विधायी विभाग द्वारा 4 अप्रैल 2024 को ही सोनिया के राजस्थान से राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने सम्बन्धी आवश्यक वैधानिक घोषणा के साथ-साथ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 71 में वांछित नोटिफिकेशन को भारत सरकार के राजपत्र (गजट) में प्रकाशित किया जाएगा, जिस दिन से उनका राज्यसभा कार्यकाल आरंभ होगा। इसलिए 20 फरवरी 2024 से 3 अप्रैल 2024 के बीच की अवधि के लिए सोनिया गांधी संसद के किसी भी सदन की सदस्य नहीं हैं। 

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