हरियाणा में 11 बाईपास के निर्माण को स्वीकृति, जानिए कहां-कहां बनेंगे ये बाईपास मार्ग

CHANDIGARH: हरियाणा सरकार ने वर्ष 2021-22 के दौरान 650 किलोमीटर लम्बी नई सडक़ों के निर्माण और लगभग 5000 किलोमीटर लम्बी सड़क़ों के सुधार के साथ-साथ  1007.19 करोड़ रुपये की लागत से 11 बाईपास के निर्माण के लिए प्रशासकीय स्वीकृति दी है। सरकार सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में चरणबद्ध रूप से सडक़ों के समान विकास पर कार्य कर रही है। वर्ष 2022-23 तक, जहां भी संभव होगा, 6 करम या उससे अधिक के सभी कच्चे रास्तों पर पक्की सडक़ों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा, टोहाना बाईपास का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज बतौर वित्त मंत्री विधान सभा में 2021-22 का बजट पेश करते हुए कहा कि भवन एवं सडक़ों के लिए बजट में 10,858 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण (भवन एवं सडक़ें) विभाग द्वारा इस वित्त वर्ष के दौरान उचाना और बहादुरगढ़ बाईपास का निर्माण किया जाएगा। भारत सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना चरण-ढ्ढढ्ढढ्ढ के तहत, हरियाणा राज्य को 2500 किलोमीटर सडक़ों के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य आवंटित किया है। इनमें से 688 किलोमीटर लम्बी सडक़ों को वर्ष 2020-21 में और 1213 किलोमीटर लम्बी सडक़ों को वर्ष 2021-22 में चौड़ा एवं सुदृढ़ करने का प्रस्ताव है। नाबार्ड की वित्तपोषित योजनाओं के तहत 416 किलोमीटर लम्बी सडक़ों का निर्माण कार्य पूरा किया गया और 357 किलोमीटर लम्बी सडक़ों का कार्य प्रगति पर है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 में नाबार्ड की सहायता से विभाग द्वारा 323 किलोमीटर लम्बी ग्रामीण सडक़ों का निर्माण किया जाएगा। वर्ष 2020-21 में, 253 करोड़ रुपये की लागत से 317 किलोमीटर लम्बी नई सडक़ों का निर्माण किया गया और 1009.15 करोड़ रुपये की लागत से 1545 किलोमीटर लम्बी सडक़ों का सुदृढ़ीकरण और चौड़ीकरण आदि करके सुधार किया गया है। हरियाणा सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्यीय राजमार्गों और मुख्य जिला सडक़ों पर सभी लेवल क्रॉसिंग को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। अब तक, 111 रोड ओवर ब्रिज/रोड अंडर ब्रिज (आरओबी/आरयूबी) का निर्माण किया जा चुका है। वर्ष 2021-22 में 20 आरओबी/आरयूबी के निर्माण का प्रस्ताव है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग अंबाला एवं भिवानी शहरों के लिए रिंग रोड और हिसार, करनाल, कुरुक्षेत्र एवं जींद शहरों के बाईपास के प्रस्ताव भारत सरकार को प्रस्तुत किए जा चुके हैं। पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर जाने वाला एक नया एक्सप्रेसवे प्रस्तावित है, जो पानीपत-सफीदों-नगूरां-उचाना-प्रभुवाला-भूना-रतिया-सरदूलगढ़-कालांवाली-मंडी डबवाली को जोड़ेगा। दो ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे-दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे (हरियाणा राज्य में सोहना से राजस्थान सीमा तक) और इस्माईलाबाद-नारनौल ट्रांस हरियाणा एक्सप्रेसवे निर्माणाधीन हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा 2020-21 में पंचकूला-यमुनानगर, अंबाला-कैथल, पंजाब बॉर्डर तक जींद-नरवाना और सोनीपत-मेरठ राष्ट्रीय राजमार्ग के चार मार्गीय का कार्य पूरा किया गया है।

उन्होंने कहा कि राज्य के लोक निर्माण विभाग द्वारा भिवानी-चरखी दादरी सडक़ के चार मार्गीय का कार्य पूरा किया गया है। जींद-करनाल, जींद-गोहाना, जींद-भिवानी के दो/चार मार्गीय, गोहाना-सोनीपत के चार मार्गीय, नारनौल बाईपास के छ: मार्गी और रेवाड़ी-नारनौल राजस्थान सीमा तक के चार मार्गी, पानीपत-दिल्ली के आठ मार्गी, नारनौल-पनियाला मोड़ के छ: मार्गी, रेवाड़ी बाईपास के चारमार्गी, सोनीपत से मेरठ सडक़ तक के यूपी सीमा तक चार मार्गी और जींद-गोहाना के ग्रीन फील्ड चार मार्गी और सोहना से बल्लभगढ़ तक फरीदाबाद बाईपास सहित दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट फ्लाईवे तक ग्रीन फील्ड रोड का कार्य प्रगति पर है। पटौदी बाईपास सहित गुरुग्राम-पटौदी-रेवाड़ी सडक़ के चार मार्गी का कार्य भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा वर्ष 2021-22 के दौरान किया जाएगा। भारत सरकार द्वारा हिसार-तोशाम-बाढड़़ा-सतनाली-महेंद्रगढ़-रेवाड़ी सडक़ को सैद्धांतिक रूप से राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया है। राखीगढ़ी ऐतिहासिक स्थल के साथ बेहतर संयोजिता प्रदान करने के लिए भारत सरकार को कैथल-जींद-हांसी सडक़ को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने और भारतमाला परियोजना के तहत इस सडक़ को चार मार्गी बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में रेल संपर्क को बढ़ाने और गैर-सेवारत क्षेत्रों में रेल अवसंरचना के संवर्धन के लिए 5618 करोड़ रुपये की लागत से ‘‘हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर’’ बनाया जा रहा है। यह 122 किलोमीटर लम्बी विद्युतीकृत दोहरी रेलवे लाइन सोहना-मानेसर-खरखौदा-दिल्ली को बाईपास करेगी और पलवल को हरसाना कलां से जोड़ेगी। यह लाइन डीएफसी के लिए फीडर लाइन के रूप में कार्य करेगी और औद्योगिक विकास में योगदान देेगी। कुरुक्षेत्र शहर में 5.5 किलोमीटर लम्बी एलिवेटेड रेलवे लाइन का कार्य सौंपा  गया है, जिससे नरवाना-कुरुक्षेत्र रेलवे लाइन पर पांच रेलवे क्रॉसिंग्स समाप्त होंगे। कैथल शहर के लिए 4.5 किलोमीटर लम्बे एलिवेटेड रेलवे ट्रैक की एक परियोजना तैयार की गई है और स्वीकृति के लिए रेल मंत्रालय को भेजी गई है। यह परियोजना कैथल शहर में देवीगढ़ सडक़, करनाल सडक़ और ओल्ड अंबाला-हिसार बाईपास पर तीन लेवल क्रॉसिंग को समाप्त करेगी, जिसके परिणामस्वरूप यातायात सुचारू रूप से चल सकेगा।

उन्होंने कहा कि 61 किलोमीटर लम्बी नई करनाल-यमुनानगर रेलवे लाइन और 50 किलोमीटर लम्बी नई जींद-हांसी रेलवे लाइन के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को अंतिम रूप दिया गया है और स्वीकृति के लिए रेल मंत्रालय को भेजा गया है। एचआरआईडीसी द्वारा जींद शहर की सभी चार रेलवे लाइनों को जोडक़र पांडु पिंडारा के पास एक नए रेलवे जंक्शन के लिए व्यवहार्यता अध्ययन का कार्य पूरा किया जा चुका है और 215.95 करोड़ रुपये की इस परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट भी तैयार कर ली गई है।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि हिसार में एकीकृत विमानन हब को चरणबद्ध रूप से विकसित करने की योजना है। चरण-ढ्ढ के तहत, हवाई अड्डे के लिए डीजीसीए लाइसेंस प्रदान किए गए। एकीकृत विमानन हब की स्थापना के लिए मौजूदा हवाई पट्टी के साथ लगती 4200 एकड़ भूमि नागरिक उड्डयन विभाग को हस्तांतरित की गई है। प्रस्तावित परियोजना की समस्त 7200 एकड़ भूमि का मास्टर पर्यावरण नियोजन और शहरी मास्टर नियोजन प्रक्रियाधीन है। एरोस्पेस विनिर्माण, उड्डयन प्रशिक्षण केन्द्र, उड्डयन विश्वविद्यालय, अंतर राष्ट्रीय हवाई अड्डा, एयरोट्रोपोलिस (वाणिज्यिक, औद्योगिक और आवासीय) का कार्य भी विकास के अंतिम चरण में है।

भावी योजना के भाग के रूप में सभी हवाई पट्टियों की लंबाई को 5000 फुट तक बढ़ाने और पीपीपी मोड में भिवानी में एक अन्य फ्लाइंग ट्रेनिंग स्कूल स्थापित करने का भी प्रस्ताव है। वर्ष 2021-22 में चार हवाई अड्डों नामत: हिसार, पिंजौर, करनाल और नारनौल में नाइट लैंडिंग की सुविधा प्रदान की जाएगी।

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