शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी के खात्मे के डर से बौखलाई भाजपा: कैप्टन अमरिंदर सिंह

पंजाब के मुख्यमंत्री ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर भाजपा के आरोपों को किया खारिज

कहा- मोबाइल टावरों को कांग्रेस की तरफ से नुकसान पहुंचाने के भी भाजपा के आरोप बेबुनियाद 

CHANDIGARH: भाजपा के प्रदेश प्रधान की तरफ से अपनी पार्टी के राजनैतिक एजंडे को आगे बढ़ाने के लिए फैलाये जा रहे झूठे प्रचार के लिए आड़े हाथों लेते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने वीरवार को कहा कि अश्वनी शर्मा की तरफ से पंजाब में कानून और व्यवस्था की स्थिति को झूठा पेश करने की की यह बेतुकी कोशिश दर्शाती है कि उनकी पार्टी को आगामी शहरी स्थानीय इकाईयों के चुनावों में अपने खात्मे का डर सता रहा है।

चण्डीगढ़-खरड़ ऐलीवेटिड कॉरिडोर को राज्य निवासियों को समर्पित करने के बाद पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रांतीय भाजपा की तरफ से राज्य में कानून व्यवस्था की बुरी स्थिति का बेबुनियाद आधार बना कर शहरी चुनावों को आगे डालने के लिए राज्यपाल को की विनती दर्शाती है कि पार्टी लीडरशिप चुनावों के नजदीक आने क कारण पूरी तरह बौखलाहट में है क्योंकि काले खेती कानूनों को लेकर भाजपा के खिलाफ लोगों में जबरदस्त गुस्सा है।

उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों के गुस्से का सामना करते अश्वनी शर्मा और उनकी पार्टी के साथी अब चुनावों से भागने के लिए बुरी तरह हथकंडे इस्तेमाल कर रहे हैं। ‘इंडिया टुडे’ की तरफ से किये जाते सालाना सर्वेक्षण ‘स्टेटस आफ स्टेट’ में कानून व्यवस्था के मामले में पंजाब भारत का पहले नंबर का राज्य ऐलाने जाने की तरफ इशारा करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में कानून और व्यवस्था की झूठी बुरी स्थिति सिर्फ भाजपा की तरफ से अपने खिलाफ किसानों के गुस्से से बचने के लिए प्रचार की जा रही है। उन्होंने कहा कि उनकी निराशा कुछ कारपोरेटों के साथ उनकी पुरानी मुलाकात की तस्वीरों को किसानों के खिलाफ मिलीभुगत के तौर पर पेश करने की कहनी से जाहिर हुई है।

भाजपा प्रांतीय नेताओं की तरफ से कांग्रेस पर मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाने और इसके नतीजे के तौर पर विद्यार्थियों की पढ़ाई के नुकसान के लिए लगाऐ जा रहे दोषों को सिरे से रद्द करते हुये मुख्यमंत्री ने पूछा, “क्या किसानों के भाजपा के खिलाफ गुस्से लिए हम जिम्मेदार हैं?” उन्होंने कहा, “खेती कानून हमने नहीं बनाऐ, यह भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की तरफ से बनाऐ गए हैं। बल्कि हम तो इन कानूनों को बेअसर करने के लिए विधान सभा में संशोधन बिल पास किये।”

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनकी तरफ से अपील और जायदादों को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के आदेशों के बाद मोबाइल टावरों के मामलों में भारी गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि इससे अश्वनी शर्मा की तरफ से शर्मनाक तरीकेे से बोले जा रहे झूठ का पर्दाफाश हो गया। उन्होंने कहा कि आज सिर्फ एक-दो मामूली नुकसान के मामले सामने आए हैं। उनकी सरकार आने वाले दिनों में यह यकीनी बनाऐगी कि एक भी घटना नुकसान पहुंचाने की न घटे। स्थिति अब पूरी नियंत्रण में है और बहुत से क्षतिग्रस्त हुए टावरों की मुरम्मत पहले ही हो गई है।

इन मामलों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तव में यह घटनाएँ किसानों की तरफ से अभी तक अपनी जायज माँगों पूरी न होने के कारण उनमें पैदा हुए रोष के नतीजे के तौर पर घटी हैं। उन्होंने भाजपा नेताओं की तरफ से किये यह दावे कि भारत सरकार की तरफ से किसानों की माँगों पहले ही मान ली गई हैं, को शुरू से ही खारिज किया। अगर उनकी सभी माँगों मान ली होती तो किसान कड़ाके की ठंड में दिल्ली के बार्डरों पर सडक़ों पर खुले आसमान के नीचे न बैठे होते। उन्होंने कहा कि सत्ता के लालची भाजपा नेताओं को इस बात के साथ भी कोई सरोकार नहीं कि 50 के करीब प्रदर्शनकारी किसानों की मौत हो गई है जिनमें कुछेक की तरफ से आत्म हत्या की गई है।

केंद्र की तरफ से पिछली मीटिंग में प्रदर्शनकारी किसानों की माँगों में से दो माँगें मान लिए जाने संबंधी पूछे जाने पर कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह मामला अब किसानों और भारत सरकार के बीच है। उन्होंने आशा अभिव्यक्त की कि केंद्र किसानों की बाकी बचती माँगें भी जल्द मान लेगी।

शहरी स्थानीय इकाईयों के चुनाव के बारे पूछे सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी प्रक्रिया पहले ही शुरू हो गई है और तारीखें तय हो रही हैं जो जल्द ही घोषणा की जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह चुनाव सरकार संवैधानिक तौर पर 15 फरवरी, 2021 से पहले करवाने के लिए वचनबद्ध थी।

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