दाल में कालाः सांसद किरण खेर ने अब तक नहीं दी भाजपा के नवनिर्वाचित मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर को बधाई, जानिए क्यों

CHANDIGARH: पिछले लगभग दस महीने से भी ज्यादा समय से शहर में नहीं दिख रहीं सांसद किरण खेर ने लगता है कि चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा से भी मुंह फेर लिया है। न वह पार्टी के किसी कार्यक्रम में वर्चुअल हिस्सा ले रही हैं, न ही व्यक्तिगत दिख रही हैं। पार्टी भी उनकी अनुपस्थिति पर मौन है। यहां तक कि स्थानीय सांसद होने के नाते किरण खेर ने अब तक नवनिर्वाचित भाजपा मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर को चुनाव में जीत पर शुभकामनाएं भी नहीं दी हैं। सोशल मीडिया पर सक्रिय होने के बावजूद सांसद ने मेयर चुनाव को लेकर 12 दिन बाद भी चुप्पी ही साध रखी है। इसको लेकर पार्टी में चर्चाएं गर्म हैं।

कोरोनाकाल में अपनी गुमशुदगी पर कहा था, कांग्रेस तो चाहती है मैं मर जाऊं…

कोरोनाकाल शुरू होने के बाद से ही चंडीगढ़ की भाजपा सांसद किरण खेर लोगों के बीच से नदारद हो गई थीं। संकट की इस वेला में जब भाजपा व कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक दलों के नेता, जनप्रतिनिधि, समाजसेवी आदि जरूरतमंद लोगों की हर संभव मदद के लिए लोगों के बीच लगातार अपनी मौजूदगी दर्ज करवा रहे थे, तब सांसद किरण खेर की गैर मौजूदगी आलोचनाओं के घेरे में थी। कांग्रेस ने इसको लेकर जब सांसद किरण खेर पर तीखे हमले किए तो किरण खेर ने 28 अप्रैल को चंडीगढ़ स्थित अपने घर के लॉन से एक वीडियो संदेश सोशल मीडिया पर जारी कर शहर को बताया था कि वह चंडीगढ़ में ही हैं, कहीं गई नहीं हैं। यहां तक कि सांसद ने अपनी बीमारियों का हवाला देते हुए कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि कांग्रेस उन्हें चुनाव में तो हरा नहीं पाती, अब चाहती है कि वह (किरण खेर) लोगों के बीच जाकर कोरोना संक्रमित हो जाएं और मर जाएं, ताकि कांग्रेस चंडीगढ़ में अगला लोकसभा चुनाव आसानी से जीत सके।

12 नवम्बर को हाथ में हो गया था फ्रैक्चर

सांसद किरण खेर के इस वीडियो संदेश के बाद उनको लेकर शहर में चर्चाओं का बाजार ठंडा पड़ गया था लेकिन सांसद शहर में नहीं निकलीं। कोरोनाकाल की पाबंदियों में ढील के बाद भाजपा ने शहर में वर्चुअल कार्यक्रम शुरू किए तो भी सांसद किरण खेर ने इनमें दिलचस्पी नहीं ली। 12 नवम्बर 2020 को अचानक सांसद तब फिर सुर्खियों में आ गईं, जब वह गवर्नमेंट मेडीकल कालेज एवं हॉस्पीटल (जीएमसीएच) सेक्टर-32 में भर्ती हुईं। वह अपने घर में बैड से उठते वक्त गिर गईं थीं, जिससे उनके हाथ में फ्रैक्चर हो गया था। इस खबर से शहर को एक बार फिर पता लगा कि सांसद किरण खेर चंडीगढ़ में ही हैं लेकिन इसके बाद से वह कहां हैं? किसी ने इसकी सुध नहीं ली।

मेयर चुनाव के समय फिर चर्चा में आई थीं सांसद

8 जनवरी 2021 को हुए चंडीगढ़ के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव से एक दिन पहले सांसद की फिर चर्चा छिड़ी। क्योंकि चंडीगढ़ का सांसद नगर निगम सदन का पदेन सदस्य है और उसे मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव में वोट डालने का अधिकार है। लिहाजा, चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने मीडिया को जानकारी दी कि सांसद किरण खेर अस्वस्थ हैं। डॉक्टर यदि उनके स्वास्थ्य को लेकर संतुष्ट होंगे तो वह वोट डालने आ सकती हैं लेकिन सांसद नहीं आईं।

लोगों को गुरु गोबिंद सिंह जयंती की दी शुभकामनाएं

यह बात अलग है कि सांसद किरण खेर 8 जनवरी को मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव के दिन सोशल मीडिया पर सक्रिय थीं। उन्होंने शाम को ट्वीटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन ट्वीट्स रिट्वीट किए थे। इसके बाद वह लगातार 11 जनवरी तक पीएम मोदी के ट्वीट्स को रिट्वीट करती रहीं। आज सांसद किरण खेर ने ट्वीटर पर श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती पर भी लोगों को शुभकामनाएं दीं। सांसद किरण खेर ने अपने फेसबुक पेज के जरिए भी आज लोगों को श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती पर शुभकामनाएं दीं। यहां इससे पहले गुरु पर्व व दीपावली की भी बधाई दी थी। 11 नवम्बर को बिहार विधानसभा व अन्य उप-चुनावों में भाजपा की जीत पर खुशी जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुभकामनाएं दी थीं लेकिन 12 दिन बाद भी चंडीगढ़ के नवनिर्वाचित भाजपा मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर को बधाई, शुभकामनाएं या इस चुनाव में अपनी पार्टी की जीत पर कोई प्रतिक्रिया देना उन्होंने मुनासिब नहीं समझा, जबकि पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर से लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तक चंडीगढ़ के नवनिर्वाचित भाजपा मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर को मिलकर बधाई व शुभकामनाएं दे चुके हैं। लिहाजा, पार्टी में सांसद किरण खेर की इस बेरुखी को लेकर चर्चा गर्म है तो लोग भी मान रहे हैं कि दाल में जरूर कुछ काला है। सियासी जानकार सांसद किरण खेर के इस रुख को पार्टी की गुटबाजी से जोड़कर भी देख रहे हैं। कहा जा रहा है कि इस बार के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर पदों के लिए प्रत्याशी चयन को लेकर सांसद भी खुश नहीं हैं।

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