कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ‘हर घर पानी-हर घर सफाई’ मिशन शुरू किया

2022 तक सभी ग्रामीण घरों को पीने वाले साफ पानी की पाइपों द्वारा सप्लाई करने का लक्ष्य निर्धारित

CHANDIGARH: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अगले वर्ष मार्च महीने तक राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के सभी घरों को पीने वाला साफ़ पानी 100 प्रतिशत पाईपों के द्वारा सप्लाई करने के लक्ष्य को मुकम्मल करने के लिए अपनी सरकार की मुहिम के अंतर्गत ‘हर घर पानी, हर घर सफ़ाई’ मिशन की वर्चुअल तौर पर शुरुआत की। इसके साथ ही पंजाब यह उपलब्धि हासिल करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।

इस मिशन को सफलतापूर्वक और आगे ले जाने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री ने मेगा नहरी जल सप्लाई स्कीम का उद्घाटन किया। इस अधीन मोगा जि़ले के 85 गाँवों को कवर करते हुए, 172 गाँवों के लिए 144 नयी जल स्पलाई स्कीमें, आर्सेनिक (हानिकारक रासायनिक तत्व) और आयरन हटाने वाले 121 प्लांट (35 प्लांटों का उद्घाटन और 86 मुकम्मल और लोगों को समर्पित किये) शामिल हैं। इस स्कीम के साथ भूमिगत जल की जगह नहरी पानी की सप्लाई करने के अलावा आर्सेनिक प्रभावित आबादी की समस्या का हल होने से अमृतसर जि़ले में 155 गाँवों के 1.6 लाख से अधिक निवासियों को लाभ पहुँचेगा।

इस स्कीम के लिए फंड विश्व बैंक, भारत सरकार के जल जीवन मिशन, नाबार्ड और राज्य के बजट में से दिए जा रहे हैं।मुख्यमंत्री ने पीने वाला साफ़ पानी मुहैया करवाने के लिए अपनी सरकार की मुख्य प्राथमिकता बताते हुए कहा कि मौजूदा कांग्रेस सरकार की तरफ से विभिन्न जल सप्लाई और सेनिटेशन स्कीमें शुरू करने के लिए सालाना औसतन 920 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं जबकि अकाली -भाजपा सरकार यह केवल 219 करोड़ रुपए खर्च किया जाता था। राज्य सरकार की तरफ से मार्च, 2017 में सत्ता में आने के बाद ग्रामीण सफ़ाई और पीने वाले पानी के लिए पहले ही 1450 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं।

पंजाब में 99.5 प्रतिशत ग्रामीण आबादी को पाईपों की जल सप्लाई की पहुँच का जि़क्र करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आगे कहा कि 23.71 ग्रामीण घरों (67.65 प्रतिशत जनसंख्या) को पाईपों के द्वारा पीने योग्य पानी सप्लाई किया जा रहा है। यहाँ तक कि कोविड महामारी के दौरान भी 6 लाख घर और शामिल किये गए। साफ़-सफ़ाई के सम्बन्ध में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने जि़क्र किया कि पंजाब ग्रामीण और शहरी इलाकों को पहले ही खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा चुका है। 5.75 लाख व्यक्तिगत ग्रामीण पाखानों के  निर्माण के लिए 863 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं।विभिन्न सरपंचों ने इन स्कीमों के कारण उनके गाँवों में आए बदलाव बारे अपने तजुर्बे साझा किये।

इन गाँवों में जि़ला होशियारपुर के गाँव खानपुर थियाड़ा के सरपंच बलराज सिंह, जि़ला बठिंडा के महिमा भगवाना की सरपंच कुलविन्दर कौर और जि़ला पठानकोट के गाँव हारा की सरपंच पल्लवी ठाकुर शामिल थे।1634 गुणवत्ता प्रभावित आबादियों बारे चिंता ज़ाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने खुलासा किया कि जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग की तरफ से आर्सेनिक और अन्य भारी धातुओं से प्रभावित आबादी के हल और जहाँ भी संभव है, पीने योग्य पानी के उद्देश्य के लिए भूमिगत जल को नहरी पानी में बदलने की समस्या के हल के लिए यत्न किये जा रहे हैं।

सरहदी बेल्ट के 54 गाँव, जहां भूजल में अधिक मात्रा में आर्सेनिक है, को नहरी सप्लाई न पहुँचने के समय तक तत्काल राहत देते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने 4.85 करोड़ रुपए की लागत वाले एक प्रोजैक्ट की शुरुआत की जो अप्रैल, 2021 तक मुकम्मल होगा और जो आई.आई.टी. मद्रास की नैनो-मैटीरियल अडज़ोर्पशन आधारित तकनीक के अंतर्गत काम करेगा।इस मौके पर मुख्यमंत्री ने मोगा जिले के बाघा पुराना और निहाल सिंह वाला के यूरेनियम प्रभावित ब्लाकों में 85 गाँवों के लिए बहु-गांव नहरी जल सप्लाई प्रोजैक्ट का भी उद्घाटन किया जो 218.56 करोड़ रुपए की लागत के साथ बनाया गया है।

यह 50 एम.एल.डी. संशोधन प्लांट 3.64 लाख की जनसंख्या वाले 68839 घरों को 24 घंटे पानी वाला साफ पानी मुहैया होगा।इसी तरह मुख्यमंत्री ने 1020 करोड़ रुपए की लागत वाली 10 मेगा नहरी जल सप्लाई स्कीमों की औपचारिक तौर पर शुरुआत की जिससे पटियाला, फतेहगढ़ साहिब, गुरदासपुर, अमृतसर और तरन तारन के प्रभावित इलाकों में 1018 गाँव शामिल हैं।राज्य में 106 फ्लोराइड प्रभावित गाँवों को साफ पेयजल मुहैया करवाने के लिए 9.7 करोड़ रुपए की लागत के साथ कम्युनिटी आधारित आर.ओ. प्लांट, जिस पर काम मार्च 2021 में मुकम्मल हो जायेगा, स्थापित करने समेत अन्य प्रोजैक्ट भी शुरू किये गए।

इनके अलावा 75 ग्रामीण जल सप्लाई स्कीमों का भी नींव पत्थर रखा गया जिनका काम 39.56 करोड़ रुपए की लागत के साथ अलाट कर दिया गया है और यह काम तुरंत शुरू हो जायेगा। यह स्कीमेें ग्रामीण पंजाब के 5.25 लाख निवासियों को फायदा देंगी।मुख्यमंत्री ने 29.74करोड़ रुपए की लागत के साथ हाल ही में शुरू की 68 ग्रामीण जल सप्लाई स्कीमों का निर्माण/नवीनीकरन को भी समर्पित किया। इसके इलावा मुख्यमंत्री की तरफ से 42.06 करोड़ रुपए की लागत के साथ शुरू होने वाली 76 नयी जल सप्लाई स्कीमों के निर्माण/नवीनीकरन का उद्घाटन किया।इसी दौरान कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने खुले में शौच जाने से मुक्त दर्जा कायम रखने के लिए राज्य भर के 1545 गाँवों में 1557 कम्युनिटी सैनेटरी कम्पलैकसों का भी नींव पत्थर रखा।

राज्य में खुले में सोच मुक्त की स्थिति को बरकरार रखने के लिए यह कंपलैक्स बनाऐ जाएंगे जो गाँवों में प्रवासी मजदूरों और गरीब गाँव वासियों की जरूरतों की पूर्ति करेंगे। इनको ग्राम पंचायतों की तरफ से बना कर चलाया जायेगा और इसका रख-रखाव किया जायेगा। इन कम्पलैकसों के लिए ग्राम पंचायतों को 32.70 करोड़ रुपए वितरित कर दिए हैं।अपने संबोधन में जल सप्लाई और सेनिटेशन मंत्री रजिय़ा सुल्ताना ने कहा कि सभी बहु -ग्रामीण नहरी पानी आधारित जल सप्लाई स्कीमों को बनाने, निर्माण, चलाने और तबदील करने के आधार पर अलाट किया गया है और इन स्कीमों को 10 साल के समय के लिए चलाने और रख-रखाव लिए ठेकेदार ही जिम्मेदार होगा।

इन सभी प्रोजेक्टों के दिसंबर, 2022 तक मुकम्मल होने की उम्मीद है।इस मौके पर अन्यों के इलावा पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील जाखड़, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार, मुख्य सचिव विनी महाजन, पंजाब यूथ कांग्रेस के प्रधान बरिन्दर सिंह ढिल्लों, जिला रूपनगर के गाँव कटली के सरपंच कमल सिंह और जिला जालंधर के गाँव माणुको की सरपंच कमलेश रानी शामिल थे।

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