इंडस्ट्रियल एरिया श्मशानघाट का ठेका रद्द कर मृतकों का अंतिम संस्कार मुफ्त कराए चंडीगढ़ प्रशासनः दीपा दुबे

CHANDIGARH: चंडीगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष दीपा दुबे ने इंडस्ट्रीयल एरिया स्थित श्मशान घाट में कोरोना मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए ओवरचार्जिंग के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला के आरोपों के मामले में कहा कि आज चंडीगढ़ के नागरिक प्रशासन से यह पूछना चाहते हैं कि इस श्मशान घाट के अतिरिक्त चंडीगढ़ के अन्य 2 श्मशान घाट सेक्टर-25 और मनीमाजरा में हैं, जो तब से चल रहे हैं जब से चंडीगढ़ की स्थापना हुई। आज अगर उनको सुचारू रूप से प्रशासन व नगर निगम चला सकते हैं तो फिर इंडस्ट्रीयल एरिया का श्मशान घाट क्या चंडीगढ़ नगर निगम प्रशासन के अधीन नहीं आता, उसको क्यों एक प्राइवेट संस्था त्रिकालदर्शी सेवादल को दिया गया है ?

प्राइवेट संस्था को क्यों दिया गया ठेका ?

दीपा दुबे ने कहा कि बहुत शर्म की बात है कि जिसको हम जिंदगी का अंतिम पड़ाव समझते हैं उस जगह को भी बीजेपी शासित नगर निगम व प्रशासन ने अपने निकट व्यक्ति को सौंप दिया। दीपा ने कहा कि सेक्टर-25 के श्मशान घाट में पिछले 3 साल से चिता की लकड़ी का मूल्य 3,000 रुपए निर्धारित है। इसी प्रकार मनीमाजरा श्मशान घाट में इन लकड़ियों का मूल्य 2,500 रुपए निर्धारित किया गया है। चंडीगढ़ के कुछ समाजसेवी आज से नहीं, बहुत लंबे समय से लावारिस शवों का दाह संस्कार कर रहे हैं और जो व्यक्ति खर्च नहीं उठा पाते, उनकी वह हर तरीके से दाह संस्कार करने में मदद करते हैं लेकिन इंडस्ट्रीयल एरिया श्मशान घाट चंडीगढ़ के अन्य दोनों श्मशान घाटों के पंडितों को सौंपने की बजाय किसी एक प्राइवेट संस्था को सौंप देना कहां तक ठीक है ?

ठेका देने में नगर निगम और प्रशासन राजनीतिक दबाव में रहा ?

दीपा दुबे ने कहा कि इंडस्ट्रीयल एरिया श्मशान घाट का ठेका लेने वाले दीनदयाल त्रिपाठी का कहना है कि जब नगर निगम ने इंडस्ट्रीयल एरिया के श्मशान घाट के रखरखाव के लिए आवेदन मांगे तो पूरे चंडीगढ़ में केवल दीनदयाल त्रिपाठी की संस्था ने ही आवेदन किया और नगर निगम व एडवाइजर ने इसी को रखरखाव का कार्यभार सौंप दिया। अपनी एक वीडियो में त्रिपाठी ने यह भी कहा कि वह 2 बार बीजेपी मंडल अध्यक्ष व कार्यकारिणी सदस्य और डिस्ट्रिक्ट में भी पदों पर आसीन रहे तो यह सब बातें यही दर्शाती हैं कि इंडस्ट्रीयल एरिया श्मशान घाट का ठेका देने में नगर निगम और प्रशासन कहीं राजनीतिक दबाव में तो नहीं रहा ?

कोविड सेस से मिला पैसा कोरोना मृतकों के अंतिम संस्कार में भी हो प्रयोग

प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना महामारी से जिनकी मौत हो रही है उनका अंतिम संस्कार किस तरीके से हो रहा है यह सबके सामने है। बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि कोरोना से मौतों के बाद भी लाशों के अंतिम संस्कार के नाम पर किस तरीके से एक संस्था लूटपाट कर रही है। दीपा दुबे ने कहा कि कोविड सेस के माध्यम से पिछले साल नगर निगम को 25 करोड़ रुपए आम जनता ने दिए हैं। नगर निगम को चाहिए कि वह इस पैसे को कोरोना मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए भी इस्तेमाल करे। इसके अलावा इंडस्ट्रीयल एरिया श्मशान घाट का ठेका रद्द करे और जिस तरीके से चंडीगढ़ के पुराने दो श्मशान घाट कार्य कर रहे हैं उसी तरह इंडस्ट्रीयल एरिया का यह शमशान घाट भी उनको सौंप दिया जाए। साथ ही इंडस्ट्रीयल एरिया श्मशान घाट का ठेका एक प्राइवेट संस्था को दिए जाने की निष्पक्षता से जांच कराई जाए।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व मेयर चुप क्यों ?

दीपा दुबे ने प्रशासन से यह भी मांग की है कि अभी तक इस संस्था द्वारा जिन गरीब लोगों से अंतिम संस्कार के लिए पैसे वसूले गए हैं, वह जल्द से जल्द उनको वापस कराए जाएं। दीपा दुबे ने कहा कि इस मामले में चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद और चंडीगढ़ के मेयर रविकांत शर्मा क्यों चुप हैं ? उनकी चुप्पी यह दर्शाती है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला ने जो एक वीडियो के माध्यम से यह मुद्दा उठाया है, वह सत्य है।

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