AAP के सह प्रभारी व पूर्व मेयर ने हादसे पर जताया गहरा दुख, बोले- 10वीं की छात्रा हीराक्शी की मौत मेरी निजी पारिवारिक क्षति
CHANDIGARH, 8 JULY: आम आदमी पार्टी के सह प्रभारी एवं चंडीगढ़ के पूर्व मेयर प्रदीप छाबड़ा ने सेक्टर-9 स्थित कार्मल कॉन्वेंट स्कूल में आज हुए हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। छाबड़ा ने इस हादसे में कक्षा 10वीं की छात्रा हीराक्शी की मौत को अपनी निजी पारिवारिक क्षति बताते हए इस हादसे का जिम्मेदार चंडीगढ़ प्रशासन को ठहराया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन इस मामले में सिर्फ मजिस्ट्रेटी जांच व शहर में असुरक्षित पेड़ों का अब सर्वे कराने की बात कहकर इस हादसे को लेकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकता।
गौरतलब है कि सेक्टर-9 स्थित कार्मल कॉन्वेंट स्कूल में आज लंच पीरियड के दौरान मैदान में खेल रहे स्कूली बच्चों पर एक पुराना व बड़ा पेड़ अचानक गिर गया। इस हादसे में इस स्कूल की कक्षा 10वीं की छात्रा हीराक्शी की मौत हो गई, जबकि कई अन्य बच्चे घायल हो गए। इनमें दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। हादसे की शिकार हुई छात्रा हीराक्शी का परिवार आम आदमी पार्टी के सह प्रभारी एवं चंडीगढ़ के पूर्व मेयर प्रदीप छाबड़ा के बेहद नजदीकी है। छाबड़ा ने कहा कि हीराक्शी उनके घनिष्ठ पारिवारिक मित्र पंकज कुमार की बहुत होनहार बेटी थी। पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहती थी। उसकी मौत से जहां उसका परिवार गहरे सदमे में है, वहीं मेरा परिवार भी बेहद दुखी है। छाबड़ा ने हीराक्शी के परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि इस हादसे के लिए पूरी तरह चंडीगढ़ प्रशासन जिम्मेदार है। घटना की मजिस्ट्रेटी जांच व शहर में असुरक्षित पेड़ों का अब सर्वे कराने की बात कहकर प्रशासन इस हादसे के लिए अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकता है।
प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि शहर में अनगिनत पेड़ लोगों की जान के लिए खतरा बने हुए हैं। कई पेड़ तो इतने खोखले हो चुके हैं कि थोड़ी तेज हवा चलने पर ही गिर जाते हैं, जबकि हर बार आंधी-तूफान के समय पेड़ टूटकर गिरने से गाड़ियों व मकानों को नुकसान पहुंचने की घटनाएं सामने आती हैं लेकिन प्रशासन हैरीटेज पेड़ों के नाम पर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने में लगा है। छाबड़ा ने कहा कि कोई भी हैरीटेज पेड़ इंसान की जान से कीमती नहीं है। उन्होंने कहा कि आज इस बड़े हादसे के बाद चंडीगढ़ प्रशासन को शहर में असुरक्षित पेड़ों का सर्वे कराने का होश आया है, जो कि बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। यदि प्रशासन इस तरह का सर्वे पहले ही कराकर स्कूल व अन्य भवनों से असुरक्षित पेड़ों को हटाने का काम करता तो हीराक्शी जैसी होनहार बच्ची की न जान जाती, न ही अन्य बच्चे घायल होकर अस्पताल में पड़े होते, जिनके परिवार आज बेहद पीड़ादायक स्थिति से गुजर रहे हैं। छाबड़ा ने कहा कि आम आदमी पार्टी चंडीगढ़ के प्रशासनिक अधिकारियों के रवैये की कड़ी निंदा करती है, जो तीन साल के डेपुटेशन पर चंडीगढ़ आते हैं व डेपुटेशन पूरा कर चले जाते हैं लेकिन चंडीगढ़ में रहते चंडीगढ़ के लोगों के हितों को नजरंदाज करते रहते हैं।