कांग्रेस ने चंडीगढ़ के प्रशासक को लिखा पत्रः मेयर अनूप गुप्ता के खिलाफ बिल्डिंग कानून के उल्लंघन में जारी नोटिस पर कार्रवाई न होने को लेकर जताई चिंता

शहर में बड़े-छोटे का भेदभाव किए बिना कानून का शासन कायम रखें प्रशासक: राजीव शर्मा

CHANDIGARH, 1 SEPTEMBER: चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने एस्टेट ऑफिस द्वारा शहर के मेयर अनूप गुप्ता की कथित हिस्सेदारी वाली एक विशाल इमारत मैसर्स गोदरेज एटर्निया पर बिल्डिंग कानून के गंभीर उल्लंघनों का आरोप लगाते हुए जारी किए गए कारण बताओ नोटिस के मामले में धीमी प्रगति पर चिंता जताते हुए आज चंडीगढ़ यूटी के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित को एक पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि शहर में बड़े-छोटे का भेदभाव किए बिना कानून का शासन कायम रखा जाए।

चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस की ओर से पार्टी प्रवक्ता राजीव शर्मा द्वारा लिखे गए इस पत्र में केन्द्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक के समक्ष तीन प्रासंगिक मुद्दे उठाते हुए कहा गया है….

  1. जब चंडीगढ़ का प्रथम नागरिक होने के नाते मेयर पर व्यावसायिक लाभ कमाने के लिए भवन निर्माण कानूनों के खुलेआम उल्लंघन का आरोप लगाया जाता है तो क्या इससे पूरे शहर और उसके प्रबुद्ध निवासियों की प्रतिष्ठा और छवि पर असर नहीं पड़ता है और यदि ऐसा है तो क्या यह त्वरित और अनुकरणीय सजा की मांग नहीं करता ?
  2. क्या यह जरूरी नहीं है कि प्रशासन के अधिकारी और राजनीतिक नेता, जो वैध दस्तावेजों के बिना इमारत को जरूरी मंजूरी देने में शामिल थे, उनकी पहचान की जाए और उन्हें कानून के दायरे में लाया जाए, ताकि कानून के शासन के प्रति जनता का विश्वास कायम रहे ?
  3. क्या एक प्रभावशाली भाजपा नेता के रूप में शहर के मेयर अपनी खुद की इमारत, जिसमें उनके व्यावसायिक हित जुड़े हैं, में किए गए उल्लंघनों की निष्पक्ष जांच को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं और ऐसे में क्या उन्हें शहर के मेयर के रूप में अपने वर्तमान पद से इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा जाना चाहिए ?

पत्र में प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजीव शर्मा ने यह भी कहा है कि इमारत के उल्लंघन के संबंध में मामला चंडीगढ़ के उपायुक्त के समक्ष लंबित है लेकिन अधिकारियों द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कांग्रेस प्रवक्ता ने चिंता जताई कि चंडीगढ़ के लोगों और कांग्रेस पार्टी को आशंका है कि इस बिल्डिंग में अपना व्यावसायिक हित रखने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता निष्पक्ष जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं। कांग्रेस ने यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक से ऐसी सम्भावना को रोकने के लिए उचित कदम उठाने का भी अनुरोध किया है।

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