कोविड-19 वैक्सीन: पूरे हरियाणा में हुआ ड्राई रन

CHANDIGARH: हरियाणा स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 वैक्सीन रोल आउट का सफल कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए आज सभी 22 जिलों में वैक्सीन का ड्राई रन किया, जिसमें 3,300 लाभार्थी शामिल हुए। सभी जिलों में छ: चिन्हित सेशन साइट, जिसमें स्लम क्षेत्र सहित 3 शहरी तथा 3 ग्रामीण साइट शामिल हैं पर 132 सत्र आयोजित किए गए।

इस ड्राई रन के दौरान विभिन्न गतिविधियों जैसे वैक्सीनेटर और सुपरवाईजरों की पहचान करना, साइट की पहचान कर उसे पिन कोड के साथ टैग करना, कोविड-19 वैक्सीन के लाभार्थियों को एसएमएस भेजना इत्यादि को सरलता से किया गया।

इस संबंध में अधिक जानकारी सांझा करते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने कहा कि ड्राई रन का बारीकी से निरीक्षण किया गया और जिला गुरुग्राम में चिन्हित ग्रामीण क्षेत्र में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के कंट्री हेड (इंडिया) डॉ. रोडेरिको एच ऑफरिन स्वयं उपस्थित थे।

अरोड़ा ने कहा कि डॉ. रोडेरिको एच ऑफरिन ने सिविल सर्जन और डीआईओ के साथ एक ग्रामीण साइट (पीएचसी बंगरोला) का दौरा किया। डॉ. रोडेरिको एच ऑफरिन ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा ड्राई रन की तैयारियों और इसके सफल कार्यान्वयन के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। साथ ही, उन्होंने ड्राई रन के लिए हेल्थ केयर वर्कर्स (HCW) को दिए गए प्रशिक्षण की भी सराहना की।

कोविड-19 वैक्सीन के त्रुटिरहित ड्राई रन को सुनिश्चित करने के लिए विभाग द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देते हुए अरोड़ा ने कहा कि वैक्सीनेटर और सुपरवाईजरों की पहचान करने, साइट की पहचान कर उसे पिन कोड के साथ टैग करने, एडवर्स इवेंट्स फॉलोविंग ईम्यूनाइजेशन (AEFI) मैनेजमेंट साइट की पहचान करने, सेशन साइट पर लाभार्थियों की पहचान करने, वेक्सीनेटर मॉड्यूल पर डिजिटल रूप से वेक्सीनेशन दर्ज करने और सेशन साइट प्रबंधन (परीक्षण लाभार्थियों के साथ) जैसी विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया गया।

ड्राई रन के संचालन के उद्देश्य के बारे में जानकारी देते हुए अरोड़ा ने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन रोल आउट का सफल कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए पूर्व तैयारी के रूप में ड्राई रन किया जा रहा है ताकि बड़े पैमाने पर टीकाकरण करने में आने वाले तकनीकी पहलुओं या अड़चनों का पता लगाया जा सके।

इससे पूर्व, 4 जनवरी, 2021 को वैक्सीन और लाभार्थी प्रबंधन हेतु को-विन सॉफ्टवेयर के संचालन और उपयोग के लिए जिला प्रतिरक्षण अधिकारियों (DIO) को प्रशिक्षण दिया गया। इसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) तथा यूनाइटेड नेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम (UNDP) की ओर से भी सहयोग दिया गया।

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