5 मई को होगा फैसला, चंडीगढ़ में कांग्रेस कार्यकर्ता मनीष तिवारी के साथ चलेंगे या नहीं

बैठक में बोले कार्यकर्ता- हम सिर्फ चंडीगढ़ कांग्रेस की लीडरशिप के बर्ताव से परेशान, अंतिम निर्णय के लिए रविवार को बुलाया गया है सम्मेलनः गुरप्रीत गाबी

CHANDIGARH, 30 APRIL : चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस में पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल की टिकट कटने के बाद से बंसल गुट के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के लगातार इस्तीफों व कांग्रेस छोड़ने के कारण लोकसभा चुनाव में पार्टी को हो रहे नुकसान को संभालने यानी डैमेज कंट्रोल के लिए पार्षद गुरप्रीत सिंह गाबी आज आगे आए। सेक्टर-44 स्थित शहीद ऊधम सिंह भवन में गुरप्रीत सिंह गाबी की अध्यक्षता में चंडीगढ़ कांग्रेस के अहम पदाधिकारियों की एक मीटिंग हुई, जिसमें कांग्रेस पार्टी के तीन पार्षद व उपाध्यक्ष, जनरल सेक्रेटरी, सेक्रेटरी, यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष, ज़िला प्रधान, जनरल सेक्रेटरी, सेक्रेटरी, वार्ड प्रधान व NSUI के अध्यक्ष व उनकी टीम शामिल हुई। इसमें चंडीगढ़ में कांग्रेस के मौजूदा हालात व लोकसभा चुनान को लेकर चर्चा हुई।

इस बैठक में सभी ने एक-एक कर अपनी बात रखी। साथ ही चंडीगढ़ में कांग्रेस के मौजूदा हालात पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी के अंदर चल रही कलह से बेहद दुखी हैं। वह वर्षों से पार्टी के साथ जुड़े हैं व दिन-रात पार्टी के लिए काम किया है लेकिन आज पार्टी के अंदर उन्हें कोई पूछ नहीं रहा। जिन लोगो ने नगर निगम के चुनाव में पार्टी के प्रत्याशियों का विरोध किया और उनके विरोध में वोट डलवाए, उन लोगों को आज ज्यादा अहमियत दी जा रही है। इस कारण हर रोज पार्टी के कार्यकर्ता कांग्रेस छोड़कर दूसरे दलों में जा रहे हैं व पार्टी की स्थिति दिन-प्रति दिन कमजोर हो रही है। बैठक में कहा गया कि कांग्रेस की दिल्ली स्थित सीनियर लीडरशिप को चाहिए था कि नाराज कार्यकर्ताओं को मनाया जाता व उनको उचित मान-सम्मान दिया जाता लेकिन इसके विपरीत पार्टी के कुछ नेता नाराज लोगों के ख़िलाफ़ बयान देते रहे, जिस वजह से दुखी होकर कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ना ही उचित समझा।

NSUI के अध्यक्ष सचिन गालव ने कहा कि यूथ कांग्रेस व NSUI पार्टी की रीढ़ हैं लेकिन इस लोकसभा चुनाव में यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई है। यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष दीपक लुबाना व उनकी स्टेट टीम, जिला अध्यक्षों, वार्ड अध्यक्षों व उनकी टीम के किसी भी सदस्य से बात करने की कोशिश तक नहीं की गई, जिस वजह से आज पार्टी के इलेक्शन केंपेन में तेजी भी नहीं आ रही है। कार्यकर्ताओं ने पार्टी के अंदर अपने भविष्य पर भी चिंता ज़ाहिर की कि अगर आज चुनाव के समय पार्टी के वरिष्ठ नेताओ का यह बर्ताव है तो चुनाव के बाद क्या होगा। जो कार्यकर्ता वर्षों तक पवन कुमार बंसल के साथ चलते रहे, उनके लिए आज असमंजस की स्थिति बनी हुईं है, क्योंकि अभी तक उन्हें मनाया नहीं जा सका है व उन्होंने भी अपना स्टैंड स्पष्ट नहीं किया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि इतने वर्षों तक जिस पार्टी की सेवा की, उसको छोड़ना इतना आसान नहीं है लेकिन इन परिस्थितियों में बिना आश्वासन के चुनाव प्रचार में भी नहीं उतरा जा सकता।

इस मौके पर पार्षद निर्मला देवी के पति दिलावर सिंह व पार्टी के महासचिव लव कुमार ने कहा कि हमारा विरोध मनीष तिवारी के साथ नहीं है। पार्टी ने उन्हें लोकसभा उम्मीदवार बनाया है तो उनका मान-सम्मान करना हमारा कर्तव्य है परन्तु जिस तरीके से कार्यकर्ताओं की अनदेखी व बाहरी लोगों का दखलं चंडीगढ़ कांग्रेस में हो रहा है, वह उचित नहीं है।चंडीगढ़ के निवासियों की जरूरतों व उनकी मांगों का स्थानीय कार्यकर्ताओं को ही पता है, क्योंकि वह उनके दुख-सुख में शामिल होते रहे हैं।चंडीगढ़ के निवासी पिछले दस साल से त्रस्त हैं। बैठक में सभी ने कांग्रेस उम्मीदवार मनीष तिवारी के चुनाव प्रचार में साथ चलने या न चलने का आखिरी फैसला लेने की जिम्मेदारी पार्टी के उपाध्यक्ष एवं पार्षद गुरप्रीत सिंह गाबी पर छोड़ी।

इस मौके पर गुरप्रीत सिंह गाबी ने सभी कांग्रेसजनों की निष्ठा व पार्टी के प्रति उनके समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि आज सभी का मन बहुत दुखी है। सभी कार्यकर्ता परेशान हैं लेकिन विपरीत परिस्थितियों में ही एक सच्चे कार्यकर्ता व नेता का किरदार निखरकर सामने आता है। उन्होंने कहा कि सभी पार्षद व कांग्रेसजन पार्टी के साथ हैं। पार्टी व पार्टी के प्रत्याशी से किसी भी तरह का कोई विरोध नहीं है। सिर्फ चंडीगढ़ कांग्रेस की लीडरशिप के बर्ताव से कार्यकर्ता परेशान हैं। गाबी ने कहा कि सभी कार्यकर्ता चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी इलेक्शन जीते पर अपनी अनदेखी से वह दुखी हैं। गाबी ने बताया कि पार्टी के कई अन्य कार्यकर्ता भी अपनी बात रखना चाहते हैं। उन्होंने उनसे फोन पर संपर्क किया था लेकिन समय तथा जगह के अभाव के कारण आज उन्हें इस बैठक में शामिल नहीं किया जा सका। इसलिए इस विषय पर 5 मई को एक कार्यकर्ता सम्मेलन बुलाया जा रहा है, जिसमें हर कार्यकर्ता को अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा। सभी की राय लेकर अंतिम फेसला किया जाएगा। गाबी ने बताया कि इस सम्मेलन के लिए स्थान व समय एक-दो दिन में तय कर दिया जाएगा। साथ ही यह भी तय किया जाएगा कि इस सम्मेलन में कांग्रेस के बड़े नेताओं को बुलाया जाए या न बुलाया जाए। बुलाया जाए तो किस-किसको बुलाया जाए। गाबी ने बताया कि इस सम्मेलन में ही मंच से कार्यकर्ताओं का फाइनल फैसला सुनाया जाएगा।

इस बैठक में चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी लव कुमार, सेक्रेटरी अंकुश जौली, यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष दीपक लुबाना, सुखदेव सुखी, रवि राणा, फैजान, शाहबाज खान, ज़िला अध्यक्ष धीरज गुप्ता व आशु वैद, वार्ड अध्यक्ष विकास, शिवम कुमार, विशाल, दीपक, संदीप, तेजिंदर, रोहित, संजय, रवीन्द्र, जसप्रीत, लकी हंस, ब्लॉक अध्यक्ष विजय यादव, ऋषि कुमार स्टेट सेक्रेटरी यूथ कांग्रेस, नितिन राय चौहान प्रमुख रूप से उपास्थित रहे।

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