कंबोडिया में बन रहा पांचवां धाम, लगेगी 240 फीट की विशाल शिवमूर्ति

5000 करोड़ से अधिक की लागत से पूरे धाम का निर्माण होगा, इसमें शिव की विशाल मूर्ति के साथ-साथ गणेश और बुद्ध की भी मूर्तियां लगेंगी

CHANDIGARH, 22 MAY: शिव की 240 फुट ऊंची मूर्ति के साथ कंबोडिया में पांचवां धाम स्थापित होने जा रहा है। शंकराचार्य द्वारा लगभग 1400 साल पहले द्वारका, बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी और रामेश्वरम में स्थापित चारों धाम भारत में है, लेकिन पिछले पांच वर्षों से बन   रहा पांचवां धाम देश की सीमाओं से दूर होगा। पांचवें धाम बनाने की जरूरत बताते हुए मंदिर के संस्थापक कुमारन स्वामी ने चंडीगढ़ प्रेस क्लब में कहा कि पूर्वी एशिया में सनातन हिंदू संस्कृति और धर्म के प्रचार-प्रसार में कंबोडिया में बनने जा रहा धाम अहम भूमिका निभाएगा।

पूरे धाम का निर्माण 5000 करोड़ की लागत से होगा, इस मौके पर बेटियों को बराबर का दर्जा दिलाने हेतु एक फ़िल्म के निर्माण की घोषणा भी स्वामी कुमारन ने की व बताया कि वो इस फ़िल्म में विशेष रूप से  बेटियों की बराबरी का संदेश देने के लिए अपनी बेटी से भी अभिनय करवा रहे हैं।

ट्रस्ट के प्रमुख व कंबोडिया के ही रहने वाले गुरुजी कुमारन स्वामी ने कहा कि 5000 करोड़ से अधिक की लागत से पूरे धाम का निर्माण होगा और इसमें शिव की विशाल मूर्ति के साथ-साथ गणेश और बुद्ध की भी मूर्तियां लगेंगी।गौरतलब है कि कंबोडिया की 97 फीसदी से अधिक आबादी बौद्धों की है।

ध्यान देने की बात है कि कंबोडिया की 97 फीसदी से अधिक आबादी बौद्धों की है। कुमारन स्वामी के अनुसार यह धाम अंकोरवाट स्थित विश्व के सबसे बड़े विष्णु मंदिर से लगभग 30 किलोमीटर दूर है। उम्मीद की जा रही है कि पूरी दुनिया से अंकोरवाट आने वाले पर्यटक और धर्मयात्री शिव के नए धाम की भी यात्रा कर सकेंगे।

कुमारन स्वामी ने कहा कि पांचवें धाम की आधारशिला रखी जा चुकी है और पूरी दुनिया से लोग अब इस स्थान की यात्रा शुरू करने जा रहा है।गौरतलब है कि स्वामी  कुमारन स्वामी की बेटी यामिनी के दमदार अभिनय वाली फिल्म बधाई हो बेटी हुई है से असल मायने में बेटियों को बराबरी का दर्जा दिलाने को प्रयासरत हैं।

विदेश में भारतीय संस्कृति और धर्म के प्रसार के लिए पहली बार एक योजना के तहत काम शुरू हुआ है। कंबोडिया में स्थापित होने जा रहा धाम इसी कड़ी का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि इसके बाद दुनिया के दूसरे भागों में भी इस तरह के हिंदू धर्म और संस्कृति जुड़े बड़े केंद्रों की स्थापना की जाएगी।

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