पूर्व पार्षद देवशाली ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर सनातनी समाज को विभाजित करने के प्रयास का आरोप लगाया

राज्यपाल को पत्र लिखकर ऐसी घटनाओं को रोकने का किया आग्रह

CHANDIGARH, 9 MAY: चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा के प्रशिक्षण विभाग के संयोजक एवं पूर्व पार्षद शक्ति प्रकाश देवशाली ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर सनातनी समाज को विभाजित करने के प्रयास का आरोप लगाते हुए पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को पत्र लिखकर भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने का अनुरोध किया है।

राज्यपाल को लिखे पत्र में देवशाली ने कहा कि 9 मई 2022 को पंजाब सरकार द्वारा मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से विभिन्न समाचार पत्रों में महाराणा प्रताप जी की जयंती के उपलक्ष में दिए गए ‘नमन सन्देश’ रुपी विज्ञापन में महाराणा प्रताप को ‘महान राजपूत योद्धा’ कहा गया है जो कि देश के महान सनातनी वीरों, प्रेरणास्रोतों को जातियों में बांटने का कुत्सित प्रयास लगता है। महाराणा प्रताप किसी जाति, पंथ, संप्रदाय के लिए नहीं अपितु ‘राष्ट्र’ और ‘धर्म’ की रक्षा हेतु आजीवन युद्धरत रहे। वीरता, पराक्रम, त्याग, दृढ़ संकल्प के प्रतीक माँ भारती के महापराक्रमी पुत्र वीर शिरोमणि ‘महाराणा प्रताप’ को जातिगत आधार पर अख़बारों के माध्यम से प्रस्तुत करना हिन्दू समाज को बांटने का कार्य लगता है जिसकी अनुमति हमारे देश का संविधान कभी नहीं देता।

देवशाली ने कहा कि सदियों पूर्व जब मुग़ल, आक्रांता के रूप में भारतवर्ष में आये तो उन्होंने भी यही किया। उसके पश्चात् अंग्रेजों ने भी ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति पर कार्य किया और अब पंजाब सरकार द्वारा दिया गया ‘नमन सन्देश’ रुपी विज्ञापन भी सनातन समाज को विभाजित करने का प्रयास प्रतीत होता है।

देवशाली ने राज्यपाल से अनुरोध किया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार और उनके सभी विभागों को स्पष्ट दिशानिर्देश दिए जाएं कि समाज को विघटित और विभाजित करने वाली ऐसी शब्दावली का प्रयोग न करें। साथ ही भगवंत मान सनातनी वीरों को जातिगत आधार पर विभाजित करने के कुत्सित कृत्य हेतु सम्पूर्ण सनातनी समाज से क्षमा-याचना करें।

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