गार्बेज कलेक्टर ड्राइवरों की हड़ताल में पहुंचीं दीपा दुबे, चालकों ने महिला कांग्रेस अध्यक्ष के समक्ष रखीं अपनी दिक्कतें

CHANDIGARH: शहर के गार्बेज कलेक्टर ड्राइवरों, जो सेक्टर-1 से 30 तक कॉल-130 गाडिय़ां चलाते हैं, ने आज हड़ताल की। इस दौरान रामदरबार में इकट्ठे हुए गार्बेज कलेक्टर ड्राइवरों के बीच चंडीगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष दीपा दुबे भी पहुंचीं। इस दौरान शहर के गार्बेज कलेक्टर ड्राइवरों ने दीपा दुबे को एक ज्ञापन सौंपकर उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया।

गार्बेज कलेक्टर ड्राइवरों से हो रहा अमानवीय व्यवहार: दीपा दुबे
इस मौके पर चंडीगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष दीपा दुबे ने कहा कि आज गार्बेज कलेक्टर ड्राइवरों से बात करके पता चला है कि किस तरीके से नगर निगम द्वारा उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2020 में जब इन ड्राइवरों की भर्ती की गई थी तब एक एडवर्टाइजमेंट नगर निगम द्वारा अखबारों में प्रकाशित की गई थी, जिसमें लिखा गया था कि ड्राइवर के पद के लिए आवेदन करने वाला व्यक्ति चंडीगढ़ का निवासी होना चाहिए और उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए। अगर किसी व्यक्ति की नियुक्ति पर उसके पास लाइसेंस नहीं है तो उसकी भी भर्ती की जाएगी तथा उसका ड्राइविंग लाइसेंस बना दिया जाएगा लेकिन यह भी कहा गया कि इन लोगों को मासिक वेतन 23,000 और हेल्परों को 13,000 के करीब दिया जाएगा लेकिन न तो समय पर इन कर्मचारियों को मासिक वेतन मिला और न ही इंश्योरेंस, ओवरटाइम का एक्स्ट्रा चार्ज जैसी सुविधाएं मिली हैं। अब भर्ती के पश्चात नगर निगम द्वारा फरमान निकाल दिया गया है कि जो व्यक्ति दसवीं पास है, वही ड्राइवर की नौकरी करेगा।

ड्राइवरों को नियुक्ति पत्र भी नहीं मिला
दीपा दुबे ने कहा कि यह तो सरासर धक्का हो रहा है। जिन लोगों को गाडिय़ों पर ड्राइवर और हेल्पर रखा गया, उन्हें नियुक्ति पत्र तक नहीं दिया गया। दूसरी तरफ डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन वाले महीनों से नगर निगम के सामने भूख हड़ताल पर बैठे हैं। दीपा दुबे ने कहा कि इससे जाहिर है कि किस तरह गरीब व्यक्ति को और एक सुनिश्चित समाज को तंग किया जा रहा है, जबकि करोनाकाल में जब सारे लोग डरके अपने घरों में बैठे हुए थे तो यही सफाई कर्मचारी हर रोज अपने क्षेत्र में सफाई का काम कर रहे थे लेकिन आज उनके रोजगार पर लात मारी जा रही है। कांग्रेस इसे सहन नहीं करेगी। दीपा दुबे ने कहा कि गिने-चुने अपने चहेतों को रोज फेस्टिवल में नगर निगम द्वारा सम्मानित किया गया, जबकि सम्मान के असली हकदार तो यह सफाई कर्मचारी हैं, जो दिन-रात आमजन की सेवा में लगे हैं।

ओवरटाइम भी नहीं मिल रहा, ऊपर से डाला जा रहा डीजल का बोझ
दीपा दुबे ने कहा कि ड्राइवर समय पर नहीं पहुंचता तो उसके लिए फरमान जारी कर दिया गया है कि ड्राइवर की छुट्टी लगा दी जाएगी। मैं नगर निगम से पूछना चाहती हूं कि डंपिंग ग्राउंड में कूड़ा छोड़कर आने वाली गाडिय़ां चार-चार घंटे वेटिंग में खड़ी रहती हैं। जो व्यक्ति शाम 3 बजे या 4 बजे काम कर कर घर चला जाता था, आज रात 8 बजे तक सड़कों पर रुल रहा है। इसका खामियाजा न नगर निगम, न आम जनता, केवल यह लोग और इनका परिवार भुगत रहा है। अधिक काम करने पर उनको कोई भी ओवर टाइम भी नहीं दिया जाता। दीपा दुबे ने कहा कि यह गाडिय़ां जब शहर में आई थीं तब कहा गया था कि इन गाडिय़ों की एवरेज 12 से 15 किलोमीटर होगी लेकिन सच्चाई यह है 8 से 10 किलोमीटर की एवरेज भी नहीं देती और उस डीजल का बोझ भी इन ड्राइवरों के ऊपर डाला जा रहा है, ऐसा क्यों?

मास्क और सेनेटाइजर भी नहीं दे रहा नगर निगम
दीपा दुबे ने कहा कि भर्ती के समय विज्ञापन में कहा गया था कि आवेदक चंडीगढ़ का नागरिक होना चाहिए लेकिन बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि कुछ ठेकेदारों ने दूसरे राज्यों के व्यक्तियों को भी ड्राइवर की पोस्ट पर नियुक्त कर लिया है। यहां तक कह दिया गया है कि बिल कलेक्शन भी कूड़ा उठाने वाले व्यक्ति ही करेंगे। दीपा दुबे ने कहा कि सबसे ज्यादा निंदनीय यह है कि चंडीगढ़ में करोना के केस रोज फिर बढ़ते जा रहे हैं लेकिन इन कर्मचारियों को न तो निगम ने पीपीई किट दी, न ही किसी के पास मास्क है, न ही कोई सैनेटाइजर दिया गया है। दीपा दुबे ने यह भी कहा कि अगर बात करें करोना वैक्सीनेशन की तो सबसे पहले सफाई कर्मचारी को वैक्सीनेशन लगनी चाहिए थी लेकिन इन सफाई कर्मचारियों को वैक्सीनेशन क्यों नहीं लगी? चंडीगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इन कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और उनकी जायज मांगों के लिए संघर्ष करेगी।

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