हरियाणा में बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार बढ़ाने की नीति पर काम कर रही है सरकारः हुड्डा

कहा- राजस्व हासिल करने के लिए महंगाई बढ़ाने की बजाय घोटालों पर रोक लगाए सरकार

CHANDIGARH: हरियाणा की गठबंधन सरकार बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार बढ़ाने की नीति पर काम कर रही है। ये कहना है हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा आज चंडीगढ़ में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने सबसे पहले किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार को जल्द आंदोलन का समाधान निकालना चाहिए। सरकार को अपनी तरफ से दो कदम आगे बढ़ाते हुए किसानों से बात करते हुए और उनकी मांगें माननी चाहिए।

एसडीओ भर्ती ने साबित किया कि नौकरियों में 75% आरक्षण का फैसला सिर्फ जुमला

हुड्डा ने कहा कि बिजली महकमे की एसडीओ भर्ती ने साबित कर दिया है कि नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को 75% आरक्षण का फैसला महज जुमला है। एक तरफ सरकार दावा करती है कि वो प्राइवेट नौकरियों में भी हरियाणवियों को आरक्षण देगी, जबकि सरकार खुद की भर्तियों में स्थानीय युवाओं की बजाए अन्य राज्यों के 75 प्रतिशत लोगों को नौकरी दे रही है। एक बार फिर एसडीओ भर्ती में सरकार ने हरियाणा की प्रतिभाओं को दरकिनार करते हुए अन्य राज्य के युवाओं को तरजीह दी है। सामान्य श्रेणी के 90 पदों के लिए 99 लोगों का चयन हुआ है। 9 लोग वेटिंग लिस्ट में है। लेकिन इन 99 में से सिर्फ 22 युवा हरियाणा के हैं।

डोमिसाइल नियम बदलने से एससी व बीसी श्रेणी की नौकरियों में भी लगेंगे अन्य राज्यों के लोग

हुड्डा ने कहा कि सामान्य श्रेणी के बाद बीजेपी-जेजेपी सरकार अब आरक्षित श्रेणी ‘एससी और बीसी’ के साथ भी बहुत बड़ा खिलवाड़ कर रही है। सरकार ने हरियाणा डोमिसाइल के लिए 15 साल रिहायश की लिमिट घटाकर अब 5 साल कर दी है यानी कोई भी व्यक्ति 5 साल तक हरियाणा में रहकर यहां का डोमिसाइल हासिल कर सकता है। इसका सीधा असर हरियाणा में एससी और बीसी वर्गों के हितों पर पड़ेगा। क्योंकि अन्य राज्य के लोग यहां का डोमिसाइल हासिल करके आरक्षित श्रेणी की नौकरियों में भी अप्लाई कर सकेंगे।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार की नीतियों के चलते प्रदेश में नौकरियां खत्म होती जा रही हैं। सरकार एक के बाद एक भर्तियों को रद्द कर रही है। पहले ग्राम सचिव, फिर पीजीटी संस्कृत और अब टीजीटी इंग्लिश की भर्ती भी रद्द कर दी। सरकार की अनियमितताओं और पेपर लीक घोटाले का खामियाजा पढ़े-लिखे युवाओं को भुगतना पड़ रहा है। नौकरी हटाओ नीति के तहत मौजूदा सरकार ने पीटीआई, ड्राइंग टीचर्स और स्पोर्ट्स कोटे के ग्रुप-डी कर्मचारियों को नौकरी से हटाने का काम किया। इसके अलावा अलग-अलग महकमों से लगातार कच्चे कर्मचारियों की छटनी पहले से ही की जा रही है।

नेता प्रतिपक्ष ने सरकार की नई खेल नीति पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार ने पूरी दुनिया में सराही गई कांग्रेस सरकार की “पदक लाओ, पद पाओ” नीति को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों से एचसीएस, एपीएस और प्रमोशन का अधिकार छीन लिया गया है। नई नीति के तहत पदक विजेता खिलाड़ी अब जूनियर कोच से उपनिदेशक तक के पदों पर ही नियुक्तियां हासिल कर पाएंगे। नई नीति पैरा ओलंपिक खिलाड़ियों के साथ भेदभाव करती है। पैरा ओलंपियन की नियक्ति को ग्रुप-बी पदों तक सीमित कर दिया गया है। ये उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।

रजिस्ट्री और शराब घोटाले की एसआईटी रिपोर्ट सार्वजनिक हुई तो हिल जाएगी सरकार

हुड्डा ने कहा कि राजस्व हासिल करने के लिए प्रदेश सरकार लगातार पेट्रोल-डीज़ल पर वैट बढ़ाने में लगी है। हुड्डा ने याद दिलाया कि उनके कार्यकाल के दौरान हरियाणा में डीजल सबसे सस्ता था, क्योंकि उसपर वैट की दर सिर्फ 9.2 प्रतिशत थी। लेकिन अब वो लगभग डबल हो चुकी है। सरकार को लोगों की परेशानी समझनी चाहिए और उसे महंगाई बढ़ाने की बजाए घोटालों पर नकेल कसनी चाहिए। घोटाले रुकेंगे तो प्रदेश की आमदनी अपने आप बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि नंवबर 2020 में ज़हरीली शराब पीने से 40-50 लोगों की मौत हो गई थी। प्रदेश में बड़ा शराब घोटाला सामने आया था। एसआईटी ने इसकी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है लेकिन सरकार उसे सार्वजनिक करने को तैयार नहीं है। इसी तरह रजिस्ट्री घोटाले की रिपोर्ट को भी सरकार अलमारी में दबाकर बैठ गई है। सरकार को ये जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करनी चाहिए। अगर रिपोर्ट के तथ्य जनता के सामने आते हैं तो ये सरकार हिल जाएगी। क्योंकि इसमें कई बड़े नामों का खुलासा संभव है।

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