हरियाणा में स्थापित होगा जीएसटी ट्रिब्यूनल, मार्च तक शुरू होने की उम्मीद: मुख्यमंत्री

प्रदेश में टैक्स करदाताओं व अधिवक्ताओं से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए हिसार व गुरुग्राम में स्थापित किए जाएंगे जॉइंट ईटीसी रेंज अपील कार्यालय

CHANDIGARH, 7 DEC: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में टैक्स करदाताओं व अधिवक्ताओं की सुविधा के लिए जीएसटी ट्रिब्यूनल बनेगा, जिसके आगामी मार्च तक शुरू होने की उम्मीद है। इसके लिए जीएसटी काउंसिल को सिफ़ारिश की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि जीएसटी संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए हिसार व गुरुग्राम में 2 जॉइंट ईटीसी रेंज अपील कार्यालय खोले जायेंगे।

मनोहर लाल आज गुरुग्राम में आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा हरियाणा टैक्स बार एसोसिएशनों के सहयोग से प्रदेश में पहली बार आयोजित किए गए एक दिवसीय कर संवाद कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत की। इस दौरान हरियाणा टैक्स बार एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों के साथ टेक्स संबंधी विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।

इस कार्यक्रम में हरियाणा स्टेट टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष तथा करनाल की टैक्स बार एसोसिएशन के प्रधान के अलावा अधिवक्ताओं ने भाग लिया। इस दौरान उन्होंने टैक्स को लेकर आ रही समस्याओं को मुख्यमंत्री से साझा किया। लगभग दो घंटे तक चले इस संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री के अलावा उच्च अधिकारियों ने जीएसटी तथा वैट विवाद को लेकर उनके संशयों को दूर किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जीएसटी संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए करदाताओं, अधिवक्ताओं व आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों को साझा मंच प्रदान करते हुए मंडल स्तर पर जीएसटी आमने-सामने शुरू किया जाएगा। शुरुआती स्तर पर इसे प्रदेश के सभी 6 मंडलों – अंबाला, करनाल, रोहतक, हिसार, गुरुग्राम, फरीदाबाद में शुरू किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक माह में एक बार करदाता, टैक्स अधिवक्ता व अधिकारी मिलकर टैक्स संबंधी समस्याओं का निवारण करेंगे।

इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने जीएसटी के लिए वॉलंटरी रजिस्ट्रेशन को बढ़ावा देने का आह्वान किया और कहा कि एक साल में सर्वाधिक रजिस्ट्रेशन करवाने वाले तीन अधिवक्ताओं को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने हरियाणा टैक्स बार एसोसिएशन व हरियाणा स्टेट टैक्स बार एसोसिएशन के माध्यम से प्रदेश के सभी टैक्स अधिवक्ताओं से आह्वान किया कि वे ज्यादा से ज्यादा संख्या में वॉलं वॉलंटरी रजिस्ट्रेशन करवाने में सहयोग करें।

टैक्स अधिवक्ताओं के लिए प्रत्येक जिला में स्थापित की जाएंगी लाइब्रेरी

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में टैक्स अधिवक्ताओं द्वारा रखी गई मांग को ध्यान के रखते हुए प्रदेश के प्रत्येक जिला में टैक्स संबंधी विषयों से जुड़ी पुस्तकों की लाइब्रेरी खोलने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि ये लाइब्रेरी डीआईटीसी कार्यालय परिसर में खोली जाएगी। इसके साथ ही टैक्स बार एसोसिएशन के बैठने के लिए वहीं पर कैंटीन की सुविधा वाले प्रतीक्षा हॉल भी बनाया जाएंगा, जहां टैक्स संबंधी सुनवाई के लिए कार्यालय में आने  वाले टैक्स अधिवक्ता अपने करदाताओं के साथ बैठकर विचार-विमर्श करने के साथ-साथ अपनी बारी का इंतजार भी कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कर संग्रहण में हरियाणा प्रदेश की अन्य राज्यों के साथ तुलना करते हुए कहा कि हरियाणा में देश की आबादी का केवल 2 प्रतिशत है वहीं अगर क्षेत्रफल की दृष्टि से देखें तो देश में हरियाणा का क्षेत्रफल 1.6 प्रतिशत है, लेकिन देश के कर संग्रहण में हरियाणा का हिस्सा 6 प्रतिशत है। मुख्यमंत्री ने इसका श्रेय टैक्स अधिवक्ताओं तथा करदाताओं को देते हुए कहा कि किसी भी प्रदेश में करदाताओं का विश्वास जीतना सरकार का प्रमुख उद्देश्य होता है, जिसमें टैक्स अधिवक्ता महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मनोहर लाल ने टैक्स अधिवक्ताओं को सेतु की संज्ञा देते हुए कहा कि सरकार की कर संग्रहण प्रक्रिया में टैक्स अधिवक्ता एक सेतु की तरह है, जो करदाताओं की कठिनाइयों का निवारण करने के साथ ही सरकार के खजाने को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जीएसटी आने के बाद लोगों को इसे समझने में काफी समय लगा। ऐसे में वैट कलेक्शन का भी गंभीर विषय रहा। उन्होंने कहा कि वैट से जुड़े विषयों की पेंडेंसी को क्लियर करने के लिए सरकार ने प्रयास किए हैं कि साल दर साल के क्रम में इसकी पेंडसी को कम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह मैन्युअल समय था, आज डिजिटल समय है, इसके डिजिटलीकरण के लिए काम चल रहा है। चौटाला ने कहा कि जल्द ही इसके लिए व्यवस्था बनाई जाएगी, जिसमें फर्स्ट इन-फर्स्ट आउट की प्रक्रिया के तहत सबसे पुरानी डेट की पेंडसी को पहले क्लियर किया जाएगा व उसके उपरांत इसी क्रम में तारीख व साल के अनुसार पेंडसी को क्लियर किया जाएगा।

इस मौके पर आबकारी एवं कराधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने कहा कि देश मे जीएसटी कानून को लागू करना एक बहुत ही कठिन निर्णय था। उन्होंने कहा कि जितने भी देशों ने अभी तक जीएसटी लगाया है, उसका क्रियान्वयन एक जटिल प्रक्रिया रही है। उन्होंने आस्ट्रेलिया, कनाडा, मलेशिया आदि देशों का जिक्र करते हुए कहा कि इन देशों में आम जनमानस के बीच जीएसटी को लेकर एक असंतोष भी था लेकिन भारत ही ऐसा एकमात्र देश है, जहां बिना किसी रुकावट व आमजन के असंतोष के इस कानून को सफलतापूर्वक लागू किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार के रेवेन्यू को बढ़ाने, टैक्स चोरी को रोकने व लोग समय से अपनी सही रिटर्न्स भरें, इसकी जिम्मेदारी टैक्स अधिवक्ताओं व उनके विभाग पर है। कार्यक्रम में हरियाणा टैक्स बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट एडवोकेट श्री रामनारायण यादव व हरियाणा स्टेट टैक्स बार एसोसिएशन (करनाल) के प्रेसिडेंट संजय मदान ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में आबकारी एवं कराधान आयुक्त अशोक कुमार मीणा, गुरुग्राम के उपायुक्त निशांत कुमार यादव सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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