HARYANA: ड्रग तस्करी में शामिल 41 आरोपियों की 37.29 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच

CHANDIGARH, 6 APRIL: हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि प्रदेश में नशे की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए अथक प्रयास किए जा रहे हैं। ड्रग की आपूर्ति और मांग की श्रंखला को तोड़ने के लिए ड्रग तस्करों पर कड़ा शिकंजा कसा जा रहा है। इसके अलावा मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देशानुसार ड्रग तस्करी में शामिल आरोपियों की संपत्ति को अटैच किया जा रहा है। अब तक 41 आरोपियों की 37.29 करोड़ रुपये की संपत्ति को अटैच किया जा चुका है। इसके अलावा एनडीपीएस अधिनियम के तहत 77 व्यक्तियों की संपत्तियों को ध्वस्त किया गया है। मुख्य सचिव आज यहां हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक भी शामिल हुए।

प्रिस्क्रिप्शन दवाओं पर भी रखें निगरानी

कौशल ने कहा कि प्रदेश में प्रिस्क्रिप्शन दवाइयों की आपूर्ति व उसके उपयोग पर भी निगरानी रखी जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को ड्रग ओवरडोज से होने वाली मृत्यु से संबंधित विशेष मानक संचालन प्रक्रिया एसओपी एक माह में तैयार करने और हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के साथ साझा करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, एफएसएल का आधुनिकीकरण किया जाए ताकि एफएसएल में जांच प्रक्रिया में और तेजी लाई जा सके। कौशल ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि नशे के खात्मे के लिए सबसे पहले मादक पदार्थों का सेवन करने वालों की पहचान करना आवश्यक है, ताकि उन्हें सुधार कर समाज में मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। इसलिए मादक पदार्थों का सेवन करने वालों के लिए विशेष सर्वेक्षण किया जाए, ताकि वास्तविक स्थिति का पता लग सके। इसके लिए जल्द से जल्द योजना का प्रारूप तैयार किया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस समय 90 नशा मुक्ति केंद्र चल रहे हैं। इसमें से 21 सरकारी तथा अन्य निजी संस्थाओं और एनजीओ द्वारा संचालित हैं। नशा मुक्ति केंद्रों की कार्यप्रणाली पर विशेष बल दिया जाना चाहिए। प्राइमरी हेल्थज सेंटर और कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में क्षमता निर्माण हेतु भी क्लीनिकल मनोचिकित्सक सहित अन्य मैन पावर की नियुक्ति की प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाए। आवश्यक दवाओं में नशा मुक्ति दवाओं को भी शामिल किया जाए।

जिलों में बने नशा मुक्ति केंद्रों का नियमित दौरा करें अधिकारी

मुख्य सचिव ने निर्देश देते हुए कहा कि जिला उपायुक्त जिला स्तरीय कमेटी की मासिक बैठक कर समीक्षा करें। साथ ही, इन बैठकों की जानकारी और निर्णयों को हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पोर्टल पर अपडेट करना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकारी नियमित तौर पर जिलों में बने नशा मुक्ति केंद्रों का दौरा करें। इसके अलावा, एसडीएम भी प्रति माह एक बार दौरा कर निरीक्षण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि नियमित दौरों के अलावा भी संबंधित अधिकारी औचक निरीक्षण भी करें। नशा मुक्ति केंद्रों के दौरे से संबंधित रिपोर्टिंग के लिए एक स्टैंडर्ड फॉरमेट तैयार किया जाए।

धाकड़ कार्यक्रम में लाएं तेजी

कौशल ने निर्देश दिए कि नशे पर अंकुश लगाने के लिए युवाओं को जागरूक करने के लिए चलाए जा रहे धाकड़ कार्यक्रम को भी व्यापक स्तर पर संचालित किया जाए और इसमें तेजी लाई जाए। शिक्षण संस्थानों में धाकड़ टीमों का भी गठन किया जाए, जो विद्यार्थियों को मादक पदार्थों के घातक परिणामों के प्रति जागरूक करेगी।

एडवाइजरी बोर्ड का जल्द होगा गठन

बैठक में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने बताया कि पीआईटी, एनडीपीएस अधिनियम के प्रभावी उपयोग व क्रियान्वयन हेतु ब्यूरो में एडवाइजरी बोर्ड के गठन को भी जल्द मंजूरी मिल जाएगी। इसके अलावा एनडीपीएस अधिनियम के तहत आने वाले मामलों के लिए ब्यूरो की ओर से हरियाणा पुलिस अकादमी और पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों तथा हिपा द्वारा 17 प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए गए। धाकड़ कार्यक्रम, हॉक सॉफ्टवेयर, प्रयास ऐप और साथी ऐप से संबंधित प्रशिक्षण के लिए 21 वर्कशॉप भी आयोजित की गई। स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर धाकड़ पहल के तहत भी जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया। बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. जी अनुपमा, उच्च शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव विजेंद्र कुमार, पुलिस महानिदेशक पीके अग्रवाल, महानिदेशक जेल, मोहम्मद अकील, एडीजीपी क्राइम पंचकूला ओपी सिंह, एडीजीपी सीआईडी आलोक मित्तल, आईजीपी, हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो अमिताभ सिंह ढिल्लों, आयुक्त, खाद्य एवं औषधि प्रशासन अशोक मीणा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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