हरियाणा कांग्रेस ने ई-टेंडरिंग, राज्य में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और बढ़ते अपराध के खिलाफ राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

कहा- ई-टेंडरिंग के जरिए चुने हुए पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकारों का हनन कर रही है सरकार

पंच-सरपंचों पर लाठीचार्ज निंदनीय, पंचायत प्रतिनिधियों पर दर्ज केस वापस ले सरकार: हुड्डा

BJP-JJP ने प्रदेश से मिटाया कानून-व्यवस्था का नामोनिशान, प्रदेश में न कानून है और न ही व्यवस्था: उदयभान

CHANDIGARH, 6 MARCH: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान के नेतृत्व में आज हरियाणा कांग्रेस के विधायकों ने ई-टेंडरिंग, बढ़ते भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और अपराध के खिलाफ माननीय राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि जनता के प्रति बीजेपी-जेजेपी सरकार की हिंसक प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। चंद दिनों के भीतर सरकार ने पहले कर्मचारियों और फिर पंच-सरपंचों पर निर्दयतापूर्ण लाठीचार्ज किया। जबकि कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम की मांग और पंचायत प्रतिनिधि ई-टेंडरिंग के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। दोनों की मांग व प्रदर्शन पूरी तरह जायज व संवैधानिक थे। लेकिन सरकार ने उनके संवैधानिक अधिकारों को कुचलने के लिए निरंकुश रवैया अपनाया। जनता को अपनी शिकायत व समस्या को उठाने पर लाठी और गोली का सामना करना पड़े तो सरकार को लोकतांत्रिक कहलाने का अधिकार नहीं है। ज्ञापन में मांग की गई है कि सरकार जनप्रतिनिधियों से संवाद करके पंचायतों को उनके संवैधानिक अधिकार वापिस दे और उनपर दर्ज किए गए केस तुरंत वापस ले।

इस मौके पर हुड्डा ने बताया कि 19 जनवरी 2023 को थोपी गई ई-टेंडरिंग इंस्ट्रक्शन हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 39, 40 और उसके तहत बनाए गए 1996 के नियमों में नियम नंबर 11 व 134 के के प्रावधानों का उल्लंघन है। इसके बारे में माननीय पंजाब एवं उच्च न्यायालय द्वारा 2017 में निर्णय दिया जा चुका है। नियम स्पष्ट करते हैं कि पंचायतों के फंड के बारे में फैसला लेने का पूर्ण अधिकार पंचायत प्रतिनिधियों का है। कोई अधिकारी या ठेकेदार इनका अधिग्रहण नहीं कर सकता है। इसलिए सरकार द्वारा असंवैधानिक तौर पर थोपे गए नए प्रावधानों को खारिज किया जाए।

चौधरी उदयभान ने ज्ञापन के बारे में बताते हुए कहा कि आज प्रदेश में कानून व्यवस्था का नामोनिशान मिट गया है। प्रदेश में ना कानून है और ना ही व्यवस्था। बीजेपी-जेजेपी सरकार में प्रदेशवासी खुद को आतंकित महसूस कर रहे हैं और अपराधी खुद को सुरक्षित व संरक्षित मानते हैं। केंद्र सरकार की सामाजिक प्रगति रिपोर्ट ने भी साफ किया है कि हरियाणा सरकार अपने नागरिकों को सुरक्षा देने में तमाम सरकारों से फिसड्डी है। ज्ञापन में पिछले दिनों विधायकों को मिली धमकियों और भिवानी के लोहारू में 2 युवकों को जिंदा जलाने के मामलों का भी जिक्र किया गया है। प्रदेश में बढ़ते अपराध के चलते निजी निवेश नहीं आ रहा है। इसलिए बेरोजगारी लगातार नए आयाम छू रही है। 29.4 प्रतिशत बेरोजगारी दर के साथ आज हरियाणा पूरे देश में टॉप पर है। हरियाणा में पूरे देश से 4 गुणा ज्यादा बेरोजगारी दर है। अपने भविष्य को लेकर आशंकित युवा अन्य राज्य व दूसरे देशों में पलायन के लिए मजबूर हैं।

ज्ञापन में कहा गया है कि प्रदेश में बेरोजगारी व अपराध के साथ भ्रष्टाचार भी चरम पर है। आए दिन नए घपले घोटाले सामने आते रहते हैं। सरकार एसआईटी के नाम पर तमाम मामलों में लीपापोती करके अपराधियों को बचा लेती है। कांग्रेस ने ई-टेंडरिंग, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी व अपराध जैसे तमाम मुद्दों पर राज्यपाल से हस्तक्षेप कर सरकार को जरूरी निर्देश देने की मांग की है।

राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने से पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में कांग्रेस विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में चौधरी उदयभान भी विशेष तौर पर मौजूद रहे। इसमें विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे चरण में उठाए जाने वाले मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन के मुद्दों के साथ कांग्रेस महंगाई, किसानों के मुआवजे, एमएसपी, शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली-पानी जैसे मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगेगी। पार्टी विधायकों ने चर्चा के लिए अलग-अलग मुद्दों पर 2 दर्जन से ज्यादा प्रस्ताव दिए हैं।

इस मौके पर पार्टी विधायक डॉ. रघुबीर सिंह कादियान, जगबीर सिंह मलिक, आफताब अहमद, बीबी बत्रा, गीता भुक्कल, राव दान सिंह, शकुंतला खटक, रेनु बाला, जयवीर सिंह बाल्मिकी, बिश्नलाल सैनी, वरुण चौधरी, चिरंजीव राव, सुरेंद्र पंवार, सुभाष देशवाल, नीरज शर्मा, बलबीर सिंह बाल्मिकी, इंदुराज नरवाल, प्रदीप चौधरी, शैली चौधरी, मेवा सिंह, मौ. इलियास, शिशपाल केहरवाला और राजेंद्र सिंह जून मौजूद रहे।

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