चंडीगढ़ में कांग्रेस ने बजा दी मेयर चुनाव की डुगडुगी, क्या भाजपा और आम आदमी पार्टी में होने जा रहा दल बदल

Neeraj Adhikari

लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच चंडीगढ़ में भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के लिए परीक्षा का एक और मौका आ गया है। ये है चंडीगढ़ के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव, जो अगले महीने होना है लेकिन इन तीनों ही राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। आपको बता दूं कि चंडीगढ़ में मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव हर साल होता है। हालांकि नगर निगम के पार्षद पूरे पांच साल के लिए चुने जाते हैं। मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव इन्हीं पार्षदों के बीच से होता है। दिसंबर 2021 में पांच साल के लिए चंडीगढ़ नगर निगम का आम चुनाव हुआ था। इसमें यहां पहली बार चुनाव लड़ी आम आदमी पार्टी कुल 35 सीटों में से 14 सीटें जीतकर सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी। भाजपा ने 12, कांग्रेस ने 8 तथा अकाली दल ने एक सीट जीती थी। इस हिसाब से मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर आम आदमी पार्टी के बनने थे लेकिन भाजपा ने जोड़तोड़ की सियासत का पहिया घुमाया तो कांग्रेस की एक पार्षद भाजपा में शामिल हो गईं। चंडीगढ़ से चूंकि सांसद भी भाजपा की है और इस चुनाव में सांसद को नगर निगम हाउस के पदेन सदस्य के नाते वोटिंग का अधिकार भी है तो भाजपा संख्या बल के हिसाब से आम आदमी पार्टी के बराबर खड़ी हो गई। जब मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव हुआ तो आम आदमी पार्टी के एक पार्षद की कथित चूक के कारण उसका वोट रद्द हो गया और भाजपा अपना मेयर बनाने में कामयाब हो गई। सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर का पद भी भाजपा ने जीत लिया था।

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यहां सबसे ज्यादा गौर करने वाली बात यह है कि कांग्रेस ने इस चुनाव का बहिष्कार कर खुद को चुनावी प्रक्रिया से अलग कर लिया था। यानी कांग्रेस के किसी पार्षद ने इस चुनाव में वोटिंग नहीं की थी। मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के लिए दूसरे साल का चुनाव आने तक कांग्रेस का एक और पार्षद भाजपा में चला गया। लिहाजा, कांग्रेस ने लगातार दूसरे साल भी इस चुनाव का बहिष्कार जारी रखा और भाजपा दूसरी बार भी मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर पदों पर कब्जा करने में सफल रही। अब तीसरे साल के लिए मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव जनवरी-2024 में होना है और लोकसभा चुनाव 2024 के लिहाज से भाजपा, कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के लिए यह चुनाव चंडीगढ़ में इस बार ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है। क्योंकि इस चुनाव में जीत-हार का मैसेज लोकसभा चुनाव को प्रभावित कर सकता है।

चंडीगढ़ नगर निगम हाउस में अब दलीय स्थिति को देखें तो पिछले दिनों आम आदमी पार्टी की एक पार्षद कांग्रेस में शामिल हो चुकी हैं। अब कांग्रेसी पार्षदों की संख्या 7 हो गई है। चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी की जो मौजूदा राजनीतिक स्थिति है, उससे आम आदमी पार्टी के कुछ अन्य पार्षद भी बहुत संतुष्ट नहीं दिख रहे हैं। अब मेयर चुनाव से पहले एक बार फिर दल बदल होगा या नहीं, ये देखने वाली बात है लेकिन इंडिया गठबंधन की अगले कुछ दिनों में होने वाली बैठक चंडीगढ़ के मेयर चुनाव के लिए काफी महत्वपूर्ण होगी। यहां कांग्रेस व आम आदमी पार्टी इस बैठक के नतीजे का खास इंतजार कर रही हैं, क्योंकि यदि कांग्रेस व आम आदमी पार्टी ने इस चुनाव में हाथ मिला लिया तो इस बार भाजपा के लिए मेयर तो क्या सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर का पद भी जीतना मुश्किल हो जाएगा।

अगर इंडिया गठबंधन की बैठक में कांग्रेस व आम आदमी पार्टी की बात नहीं बनी तो यह भी तय है कि चंडीगढ़ के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव में भाजपा का मुकाबला फिर आसान हो जाएगा। इस बीच, कांग्रेस इस बार कुछ ऐसी तैयारी में दिख रही है कि वह चंडीगढ़ नगर निगम में भाजपा के विजय रथ को रोक दे। ये कारनामा कांग्रेस कैसे करेगी, किस बूते पर करेगी, क्या आम आदमी पार्टी एक बार और टूटेगी, क्या भाजपा में गए कांग्रेस के पार्षद भी घर वापसी करेंगे, ये अगले कुछ दिनों में सामने आ जाएगा। फिलहाल, कांग्रेस ने इस बार ये फैसला जरूर कर लिया है कि वो अब चंडीगढ़ में मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव का बायकाट नहीं करेगी, बल्कि निगम हाउस के अंदर वोटिंग प्रक्रिया में सक्रिय रूप से हिस्सा लेगी।

आपको बता दूं कि चंडीगढ़ के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के लिए हुए पिछले दो चुनावों का कांग्रेस की तरफ से लगातार बायकाट किए जाने के कारण कांग्रेस की खासी किरकिरी भी हुई। लोगों ने कई तरह के संदेह भी व्यक्त किए। कांग्रेस को आरोप-प्रत्यारोपों का भी सामना करना पड़ा। माना जा रहा है कि इस बार कांग्रेस ने इस चुनाव में सक्रिय भागीदारी का फैसला किया है तो इसके पीछे लोकसभा चुनाव के अलावा ये भी एक वजह हो सकती है कि वह अब किसी तरह के आरोप का मौका किसी को नहीं देना चाहती। अगर किसी विेशेष रणनीति के साथ कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है तो ये देखना और महत्वपूर्ण है कि वह चंडीगढ़ नगर निगम हाउस में अपना संख्या बल कैसे मजबूत करेगी लेकिन तीन साल में पहली बार कांग्रेस मैदान में उतरकर चंडीगढ़ के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर चुनाव को दिलचस्प जरूर बनाने जा रही है।

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