जनता को बहकाना, बहलाना, बांटना और भटकाना ही BJP-JJP सरकार की नीतिः हुड्डा

पूर्व मुख्यमंत्री बोले- हरियाणा की मौजूदा सरकार में सिर्फ कर्ज, करप्शन और क्राइम में हुई बढ़ोत्तरी
5 साल वाले डोमिसाइल के जरिए हरियाणा की डेमोग्राफी बदलना चाहती है सरकार
विधानसभा में कांग्रेस विधायक उठाएंगे बेरोजगारी, बारिश से नुकसान, अवैध खनन, आंगनवाड़ी वर्कर्स, बुजुर्गों की पेंशन, शिक्षा, स्वास्थ्य, पंचायती चुनाव समेत कई मुद्दे

CHANDIGARH, 22 FEBRUARY: आम जनता को बहकाना, बहलाना, बांटना और भटकाना ही बीजेपी-जेजेपी सरकार की नीति है। इसलिए मौजूदा सरकार में विकास की बजाए सिर्फ कर्ज, करप्शन और क्राइम में बढ़ोत्तरी हुई है। ये कहना है हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा आज चंडीगढ़ आवास पर पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।

इस मौके पर उन्होंने मुख्य तौर पर हरियाणा डोमिसाइल नियमों में फेरबदल और विकास शुल्क में बेतहाशा बढ़ोतरी पर कड़ी आपत्ति जाहिर की। उन्होंने कहा कि डोमिसाइल के लिए 15 साल की शर्त को घटाकर 5 साल करना हरियाणा वासियों के अधिकारों पर कुठाराघात है। खासकर इससे एससी और ओबीसी वर्ग को भारी नुकसान होगा। इसकी वजह से आरक्षित वर्गों को रोजगार के लिए पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ेगा। पहले से ही देश में बसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रहे हरियाणावासी के लिए अब नौकरी पाना और मुश्किल हो जाएगा। बिजली महकमे की एसडीओ भर्ती में हरियाणावालों की अनदेखी करते हुए अन्य राज्य के लोगों को भर्ती किया गया था। इसी तरह भविष्य में तमाम नौकरियों में यही स्थिति पैदा हो जाएगी।

हुड्डा ने कहा कि 5 साल डोमिसाइल के जरिए यह सरकार हरियाणा की डेमोग्राफी बदलना चाहती है, जिससे मूल निवासियों के अधिकारों में कटौती की जा सके। सरकार कह रही है कि 15 साल की शर्त में ढील केवल प्राइवेट क्षेत्र में नौकरियों के लिए दी गई है। लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। नए बने डोमिसाइल सर्टिफिकेट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। उसका इस्तेमाल नौकरी से लेकर बुढ़ापा, विधवा, विकलांग, निराश्रित पेंशन, छात्रवृत्ति, राशन समेत तमाम कल्याणकारी योजनाओं के लिए किया जा सकता है। (पत्र सलंग्न) पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि एक तरफ सरकार ‘हरियाणा एक-हरियाणवी एक’ का नारा देती है, दूसरी तरफ मूल हरियाणवी के अधिकारों पर डाका डालने की नीति बनाती है।

हुड्डा ने कहा कि वह अन्य राज्य से हरियाणा में आकर रोजगार या व्यवसाय करने के विरोधी नहीं हैं। लेकिन यह प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वो ऐसी नीतियां बनाए जिससे मूल निवासियों के हितों की रक्षा हो सके। सभी राज्यों ने अपने प्रदेश के एससी-बीसी वर्ग के अधिकारों का संरक्षण करने के लिए डोमिसाइल के लिए 15 साल का नियम बना रखा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि उनकी सरकार के दौरान भी HSIIDC की औद्योगिक नीति में हरियाणा वासियों को 75% आरक्षण की शर्त रखी गई थी। लेकिन उस वक्त हरियाणा डोमिसाइल के लिए 15 साल की शर्त पूरी करने का प्रावधान था। इसलिए उसका हरियाणवियों को लाभ हो सका। लेकिन मौजूदा सरकार ने 15 साल के नियम को घटाकर 5 साल कर दिया। इसकी वजह से हरियाणा में प्राइवेट नौकरियों में तथाकथित 75% आरक्षण के कानून की आत्मा ही निकल गई।

नेता प्रतिपक्ष ने विकास शुल्क में की गई बेतहाशा बढ़ोतरी को आम आदमी की रोटी, कपड़ा, मकान की आधारभूत जरुरत पर हमला करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से आम आदमी के लिए घर बना पाना मुश्किल हो जाएगा। इससे पहले कांग्रेस सरकार के दौरान नगर पालिका में विकास शुल्क सिर्फ 30 रुपये प्रति वर्ग गज, नगर परिषद में 50 रुपये प्रति वर्ग गज, नगर निगम में 100 रुपये प्रति वर्ग गज, फरीदाबाद और गुरुग्राम नगर निगम में 150 रुपये प्रति वर्ग गज विकास शुल्क था।

लेकिन मौजूदा सरकार ने विकास शुल्क में 1-2 प्रतिशत नहीं बल्कि सीधे 10 गुना बढ़ोतरी कर दी। साथ ही कलेक्टर रेट पर 5% शुल्क लगाने का ऐलान किया है। सिर्फ 100 वर्ग मीटर प्लॉट का नक्शा पास करवाने के लिए अब 2 लाख रुपये वसूले जाएंगे। पहले से महंगाई, आर्थिक मंदी और सरकारी वसूली से परेशान जनता से सरकार विकास शुल्क के नाम पर अवैध वसूली कर रही है। सरकार को फौरन यह फैसला वापिस लेना चाहिए। इसी तरह सरकार ने हुडा प्लॉट्स के लिए बोली लगाने की नीति बनाई है। बोली में सिर्फ अमीर लोग ही ऊंचे रेट भाव लगा पाएंगे। अब गरीब व मध्यम वर्ग अच्छी कॉलोनी में मकान बनाने का सपना नहीं देख पाएगा, जिससे अवैध कॉलोनियों को बढ़ावा मिलेगा।

इससे पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। बैठक में आने वाले विधानसभा सत्र में उठाए जाने वाले जनहित के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। हुड्डा ने बताया कि कांग्रेस विधायकों की तरफ से बेरोजगारी, बारिश से किसानों को हुए नुकसान, अवैध खनन, घोटाले, आंगनवाड़ी वर्कर्स के आंदोलन, बुजुर्गों की पेंशन कटौती, शिक्षा, स्वास्थ्य, नंबरदार, पंचायती चुनाव में देरी जैसे कई मुद्दों पर चर्चा के लिए प्रस्ताव दिए गए हैं। पुरजोर तरीके से इन मुद्दों को सदन में उठाया जाएगा ताकि सरकार को जवाब देने पर मजबूर किया जा सके। 2 मार्च को सुबह 11 बजे एकबार फिर विधायक दल की बैठक होगी। इसमें एकबार फिर बजट सत्र को लेकर चर्चा की जाएगी।

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