चंडीगढ़ के लिए मेट्रो प्रोजेक्ट पर मोदी सरकार और स्थानीय भाजपा नेतृत्व गंभीर: संजय टंडन

  • पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बोले- इस प्रोजेक्ट को जल्द सिरे चढ़ाने का किया जा रहा प्रयास, ये ट्राइसिटी की जरूरत

CHANDIGARH, 13 DECEMBER: चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एवं हिमाचल प्रदेश भाजपा के सह-प्रभारी संजय टंडन चंडीगढ़ के लिए मेट्रो प्रोजेक्ट पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा का स्थानीय नेतृत्व इस प्रोजेक्ट की शुरूआत के संबंध में गंभीर हैं, क्योंकि यह प्रोजेक्ट चंडीगढ़ ट्राइसिटी की मुख्य जरूरत है। इस कारण प्रोजेक्ट को तेजी से सिरे चढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।

संजय टंडन ने कहा कि वह पंजाब के राज्यपाल एवं यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित समेत चंडीगढ़ आने वाले भाजपा के शीर्ष नेताओं से समय-समय पर मेट्रो प्रोजेक्ट के संबंध में लगातार चर्चा करते रहे हैं। नतीजतन रेल इंडिया टेक्निकल एवं इकोनॉमिकल सर्विसेज (राइट्स) ने फाइनल अल्टरनेट असेसमेंट रिपोर्ट (एएआर) जल्द तैयार की। इस प्रोजेक्ट पर अति शीघ्र काम शुरू करवाने के मकसद से यूटी प्रशासक बीएल पुरोहित जल्द ही चंडीगढ़ प्रशासन और यूनिफाइड मेट्रो ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (उम्टा) के 23 अधिकारियों के साथ बैठक कर चर्चा करेंगे। वह संशोधित डिटेल्ड रिपोर्ट पर प्रोजेक्ट को गतिमान करने के निर्देश देंगे। संजय टंडन ने कहा कि चंडीगढ़ ट्राइसिटी में मेट्रो प्रोजेक्ट पर निर्धारित समय सीमा 2027 से पहले काम शुरू करने पर भी विचार किया जा रहा है। इससे चंडीगढ़ ट्राइसिटी के लाखों लोगों को राहत मिल सकेगी।

ट्रैफिक लोड कम होने से सुगम होगी यातायात व्यवस्था
भाजपा के वरिष्ठ नेता संजय टंडन ने कहा कि मेट्रो प्रोजेक्ट पूरा होने पर रोजाना ट्राईसिटी के लाखों लोगों को राहत मिलेगी। साथ ही चंडीगढ़-पंचकूला व मोहाली को जोड़ने वाले मुख्य मार्गों से ट्रैफिक का बोझ कम होने से यातायात व्यवस्था सुगम होगी। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट भाजपा की प्राथमिकता रही है। यही कारण है कि इसे निर्धारित समय सीमा से पहले पूरा करने पर विचार किया जा रहा है।

पुरानी सरकारों ने की बहानेबाजी

संजय टंडन ने कहा कि ट्राईसिटी के लिए मेट्रो प्रोजेक्ट कई साल पहले पूरा किया जा सकता था। लेकिन पुरानी सरकार में इसे प्राथमिकता से नहीं लिया गया और केवल बहानेबाजी से समय बिताया जाता रहा, जबकि साल-दर-साल यातायात की समस्या लोगों के जी का जंजाल बनती गई। पुरानी सरकार की लापरवाही के कारण ही चंडीगढ़ की यातायात व्यवस्था के लिए इमरजेंसी जैसे हालात बनते रहे हैं।

संशोधित रूट और खर्च पर चर्चा

संजय टंडन ने कहा कि यूटी प्रशासक बीएल पुरोहित यूनिफाइड मेट्रो ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (उम्टा) के अधिकारियों के साथ बैठक में संशोधित रूट और राइट्स को दी जाने वाली राशि में बढ़े करीब 65 लाख रुपए के खर्च समेत अन्य तकनीकी पहलुओं पर चर्चा करेंगे। पंचकूला का निर्धारित रूट पहले की तरह है, जबकि चंडीगढ़ और मोहाली के रूट को बढ़ाया गया है। नतीजतन संशोधित रूट की कुल दूरी 79.50 कि.मी. से बढ़कर 88 कि.मी. हो गई है।

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