अब डोमेस्टिक फ्लाइट यात्रियों को भी दिल्ली एयरपोर्ट पर मिलेगी वर्ल्ड क्लास सर्विस

NEW DELHI: दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक नए अत्याधुनिक आगमन टर्मिनल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। ऐसे में डोमेस्टिक फ्लाइट से दिल्ली आने वाले हवाई यात्रियों को जरूर जानना चाहिए कि इस टर्मिनल की क्या-क्या खासियत रहेंगी। दरअसल, हवाई अड्डे पर तैयार किया गया नया अत्याधुनिक आगमन टर्मिनल तमाम सुविधाओं से लैस है। जी हां, इस नए अराइवल टर्मिनल के जरिए यात्री बिना किसी परेशानी के तमाम वर्ल्ड क्लास सर्विसेज का लाभ ले सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं इन के बारे में…

टर्मिनल में होंगे 22 एरोब्रिज

दिल्ली अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर चल रहा नया अत्याधुनिक आगमन टर्मिनल बनकर तैयार है। जल्द ही इसे यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा। इसके बाद टर्मिनल का क्षेत्रफल जहां तीन गुना बढ़ जाएगा, वहीं यात्री सुविधाओं में भी इजाफा होगा। पहली बार टर्मिनल में 22 एरोब्रिज डिपार्चर एरिया को विमान से जोड़ने वाले पुल होंगे। इसके अलावा यहां पर यात्रियों के लिए तमाम आधुनिक सुविधाएं भी मिलेंगी।

10 करोड़ यात्रियों तक बढ़ाई जाएगी टर्मिनल की क्षमता

दिल्ली अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर तैयार किए इस टर्मिनल की क्षमता सालाना 10 करोड़ यात्रियों तक बढ़ाए जाने की योजना है। इससे दिल्ली हवाई अड्डे की क्षमता बढ़कर 14 करोड़ यात्री प्रतिवर्ष हो जाएगी।

आगमन टर्मिनल 8 हजार वर्ग मीटर में फैला

एयरपोर्ट पर नया आगमन टर्मिनल करीब 8,000 वर्ग मीटर के नए आगमन हॉल में फैला है, जो चार नए बैगेज क्लेम हिंडोला से सुसज्जित है। वहीं आगमन टर्मिनल के बाहर गाड़ियों के लिए पिकअप लेन को फिर से संरेखित किया गया है। इसमें तीन अतिरिक्त लेन तक विस्तार किया गया है, जिससे अब कुल लेन 11 हो गई हैं। इससे यातायात की भीड़ तो कम होगी ही, साथ ही पिकअप के दौरान यात्री अनुभव और सुविधा में भी अत्यधिक सुधार होगा। वहीं ट्रैफिक जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी और विमान के पहुंचने पर अचानक से बढ़ने वाली भीड़ और पिकअप वाहनों के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

बैगेज बेल्ट के बीच गैप की सुविधा

एयरपोर्ट पर स्पेस और यात्रियों की भीड़ भाड़ को ध्यान में रखते हुए खास इंतजाम किए गए है। इसमें सबसे खास है ”बैगेज बेल्ट”। जी हां, नए टर्मिनल पर बैगेज बेल्ट के बीच ज्यादा गैप रखा गया है ताकि किसी यात्री को अपना सामान लेने में किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो।

हरित भवन के रूप में टर्मिनल तैयार

दिल्ली हवाई अड्डे पर यह आगमन टर्मिनल हरित भवन के रूप में बनाया गया है। जी हां, खासतौर से इस टर्मिनल को एनर्जी एफिशिएंट बनाया गया है। दरअसल, टर्मिनल के रूफ टॉप को ग्लास शीट यानि कांच की मदद से कुछ ऐसे तैयार किया गया है कि आसानी से सूर्य की रोशनी भी टर्मिनल के अंदर दाखिल हो सके। इससे टर्मिनल के अंदर रोशनी रहेगी और कम से कम बिजली का इस्तेमाल होगा। वहीं एयरपोर्ट पर एलईडी लाइटिंग का बंदोबस्त भी किया गया है। एलईडी लाइटिंग का यह फॉर्मूला भी एनर्जी एफिशिएंट साबित होगा। दिल्ली एयरपोर्ट के इस टर्मिनल में वाटर रिसाइक्लिंग पर भी खास ध्यान दिया गया है।

टर्मिनल में इको फ्रेंडली और ह्यूमन फ्रेंडली प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल

हवाई टर्मिनल में इको फ्रेंडली और ह्यूमन फ्रेंडली प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल किया गया है। पर्यावरण की सुरक्षा के लिहाज से ऐसा किया गया है। इस टर्मिनल में हवा के वेंटिलेशन का खासा ध्यान रखा गया है। इसके अलावा इस टर्मिनल में आधुनिक शौचालय और अलार्म की सुविधा भी दी गई है।

टर्मिनल में भव्य समारोह व वीआईपी लाउंज की सुविधा

जहां तक यात्रियों के आराम और खाने-पीने के लिए प्रबंध की बात है तो एयरपोर्ट टर्मिनल पर इसके लिए मॉडर्न फूड कोर्ट की सुविधा के साथ-साथ प्रतिक्षालय के बतौर वीआईपी लाउंज की सुविधा भी प्रदान की गई है। ये वीआईपी लाउंज इतने बड़े और आलिशान बनाए गए हैं कि इनमें भव्य समारोह तक अरेंज किए जा सकते हैं।

रेन वाटर हार्वेस्टिंग सुविधा

रेन वाटर हार्वेस्टिंग यानि वर्षा जल संचयन की सुविधा भी इस टर्मिनल में रहने वाली है। हवाई टर्मिनल में पानी के ट्रीटमेंट की व्यवस्था भी की गई है जो पानी को ट्रीटमेंट के बाद रीयूज के लिए तैयार करेगा। इसमें जीरो वेस्टेज होती है और पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचता। याद हो, पीएम मोदी रिन्यूएबल एनर्जी को लेकर अपने भाषणों के दौरान बार-बार तवज्जो देते रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा था, पूरा विश्व भारत की इस बात की प्रशंसा कर रहा है कि हमारा देश किस तरह पर्यावरण को बचाते हुए विकास को गति दे रहा है। सोलर पावर से लेकर हाइड्रो पावर तक, पवन ऊर्जा से लेकर ग्रीन हाइड्रोजन तक, देश रिन्यूएबल एनर्जी के हर संसाधन को पूरी तरह इस्तेमाल करने के लिए निरंतर काम कर रहा है।

ज्ञात हो, भारत ने 2016 में ये लक्ष्य रखा था कि वह साल 2030 तक, अपनी इंस्टॉल्ड इलेक्ट्रिसिटी कैपेसिटी का 40 प्रतिशत, नॉन फॉसिल एनर्जी स्रोत नॉन-फॉसिल एनर्जी सोर्सेज से पूरा करेगा। आज हर भारतीय को इसका गर्व है कि भारत ने अपना ये लक्ष्य नवंबर, 2021 में ही प्राप्त कर लिया। भारत निरंतर इस पथ पर अग्रसर है। दिल्ली हवाई अड्डे पर बना नया अत्याधुनिक आगमन टर्मिनल भी इसका एक बड़ा उदाहरण है।

टैक्सी कैब निजी वाहन और शटल बस के लिए पर्याप्त पार्किंग

इन सबके अलावा दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ने दिल्ली एयरपोर्ट के फेज 3ए एक्सपेंशन प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में नए अत्याधुनिक आगमन टर्मिनल का निर्माण के दौरान हवाई अड्डे के लिए बड़े पैमाने पर टैक्सी कैब निजी वाहन और शटल बस के लिए पर्याप्त पार्किंग की सुविधा दी है। इस संबंध में जीएमआर ग्रुप के उप-प्रबंध निदेशक आई. प्रभाकर राव का कहना है, “डायल ने दिल्ली हवाई अड्डे पर आगमन टर्मिनल का विस्तार कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और संचालन के लिए तैयार है। यह नया आगमन टर्मिनल दिल्ली हवाई अड्डे पर बुनियादी ढांचे और यात्री अनुभव को बढ़ाने की दिशा में एक और कदम है।”

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