अब दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं, पंजाब के नागरिकों को मोबाइल फोन पर मिलेंगे सर्टिफिकेट

यह कदम लोगों के समय और पैसे की करेगा बचत, इससे पहले लोगों को 50 रुपए से अधिक प्रति सर्टिफिकेट देने पड़ते थे: अमन अरोड़ा

CHANDIGARH, 25 APRIL: पंजाब के नागरिकों को सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए अब दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि मुख्यमंत्री स. भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने सर्टिफिकेट एस.एम.एस. जरिए सीधे नागरिकों के मोबाइल फोन पर देने शुरू कर दिए हैं।

यह जानकारी सांझा करते हुये पंजाब के शासन सुधार और लोक शिकायत निवारण मंत्री अमन अरोड़ा ने बताया कि नागरिकों को सर्टिफिकेटों की हार्ड कापियां लेने के लिए अब किसी दफ्तर/ सेवा केंद्र में जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। किसी सेवा के लिए अप्लाई करने वाले नागरिक के मोबाइल फ़ोन पर एस. एम. एस. के द्वारा लिंक भेजा जाता है, जिस पर कलिक्क करके सर्टिफिकेट डाउनलोड किया जा सकता है। इस सर्टिफिकेट को सभी दफ़्तरों में स्वीकार किया जायेगा और इन सर्टिफिकेटों की प्रामाणिकता को ई-सेवा पोर्टल पर आनलाइन भी चैक किया जा सकता है।

इस कदम से केवल लोगों के समय और ऊर्जा की बचत ही नहीं होगी बल्कि पैसा भी बचेगा क्योंकि इससे पहले लोगों को 50 रुपए से अधिक प्रति सर्टिफिकेट के हिसाब से देने पड़ते थे।

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि अब तक तकरीबन 15 लाख सर्टिफिकेट नागरिकों को मोबाइल फोनों के द्वारा दिए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि मोबाइल फोनों पर एस. एम. एस. जरिए 16 तरह के सर्टिफिकेट भेजे जा रहे हैं, जिनमें जन्म सर्टिफिकेट, मौत सर्टिफिकेट, ग्रामीण क्षेत्र सर्टिफिकेट, आय सर्टिफिकेट, विवाह सर्टिफिकेट, आय और संपत्ति सर्टिफिकेट, रिहायश सर्टिफिकेट, एस. सी. / बी. सी. / ओ. बी. सी. / जनरल सर्टिफिकेट, बुढापा पैंशन, दिव्यांग पैंशन, विधवा/ बेसहारा महिला पैंशन, आश्रित ब‘चों के लिए पैंशन और सीनियर सिटिजन आई. डी. कार्ड शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि अब वह समय गुजऱ गया है जब सर्टिफिकेट बनवाने के लिए बड़ी-बड़ी फाइलें सरकारी दफ़्तरों में एक टेबल से दूसरे टेबल तक जाती थीं और उनकी कोई ट्रेकिंग, स्टेटस चैकिंग और समय-सीमा नहीं होती थी। ई-सेवा पोर्टल द्गह्यद्ग2ड्ड.श्चह्वठ्ठद्भड्डड्ढ.द्दश1.द्बठ्ठ ने ऐसे सभी मसलों को हल कर दिया है और फाइल को एक से दूसरी जगह भेजे बिना आवेदनों पर कार्यवाही की प्रक्रिया तेज हो गई है। ई-सेवा के लम्बित मामलों की संख्या 0.25 फ़ीसद से भी कम है।

error: Content can\\\'t be selected!!