चंडीगढ़ की कालोनियों में मकान कैंसिलेशन के नोटिसों पर लगी रोक, वायलेशन हटाने को प्रशासन ने दिए 4 महीने

पूर्व मेयर कमलेश बनारसीदास ने एडवाइजर के समक्ष रखा था गरीबों का पक्ष, की थी कार्रवाई पर रोक की मांग

CHANDIGARH, 3 FEBRUARY: पिछले दिनों चंडीगढ़ की कालोनियों में कई मकानों के अलॉटियों को मकान में अतिरिक्त निर्माण के कारण एक बार फिर अलॉटमेंट कैंसिल करने के नोटिस आने शुरू हो गए थे। इससे इन लोगों में हड़कंप मचा हुआ था। लोगों की परेशानी को देखते हुए चंडीगढ़ की पूर्व मेयर कमलेश बनारसीदास ने 30 जनवरी को प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल तथा डीसी से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन दिया तथा कालोनियों में लोगों के मकान अलॉटमेंट कैंसिल न करने व कार्रवाई को रोकने की मांग की थी।

पूर्व मेयर कमलेश बनारसीदास ने बताया कि उनके अनुरोध को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने अब कार्रवाई पर तत्काल रोक लगा दी है। साथ ही इन मकानों के अलॉटियों को वायलेशन हटाने के लिए 4 महीने का समय दे दिया है। कमलेश बनारसीदास ने बताया कि प्रशासन ने पहले नोटिस में 30 जनवरी के बाद कार्रवाई शुरू कर देने की चेतावनी दी थी लेकिन अब 4 महीने का समय मिल जाने से अलॉटियों को बहुत बड़ी राहत मिल गई है। पूर्व मेयर कमलेश बनारसीदास ने इस कदम के लिए चंडीगढ़ के प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल, डीसी तथा चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के सीईओ का आभार व्यक्त किया है। साथ ही मांग की है कि मकानों में जरूरत के आधार पर किए गए बदलावों को हमेशा के लिए अनुमति देने पर प्रशासन को सहानुभूति पूर्वक विचार करना चाहिए।

कमलेश बनारसीदास के नेतृत्व में कालोनियों के प्रतिनिधिमंडल ने 30 जनवरी को की थी एडवाइजर से मुलाकात।

कमलेश बनारसीदास ने बताया कि चंडीगढ़ की अलग-अलग कालोनीवालों को मकानों को कैंसिल करने के नोटिस आए हुए थे, जिससे इन लोगों में बेघर होने का डर लगा हुआ था। यह बच्चों की वार्षित परीक्षाओं का भी समय है। डर के साए में बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही थी। कमलेश बनारसीदास ने भाजपा पर कालोनियों के गरीब लोगों को परेशान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सांसद किरण खेर ने पिछले दिनों कालोनियों के लोगों को आश्वासन दिया था कि उनके मकान अलॉटमेंट कैंसिल नहीं होंगे लेकिन भाजपा शासित चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा एक बार फिर जारी किए गए नोटिसों से साबित हो गया है कि भाजपा के नेताओं और खुद सांसद किरण खेर की करनी व कथनी में जमीन-आसमान का अंतर है। वो कहते कुछ हैं और होता कुछ है। भाजपा नेता और सांसद सिर्फ वोटों की खातिर लोगों से झूठे वायदे करते हैं। कमलेश बनारसीदास ने कहा कि कालोनीवासियों को दोबारा नोटिस आने के बाद किसी भाजपा नेता ने उनकी सुध नहीं ली और लोग परेशान हो रहे थे। उनका दिन का चैन और रात की नींद उड़ी हुई थी। एडवाइजर से मुलाकात के दौरान पूर्व मेयर कमलेश बनारसीदास के साथ अमरिंदर सिंह, सरोज, मनोज गर्ग, रामसुमेर, राम किशोर, एसएन यादव, बलवंत सिंह, जय नारायण, राजेश गुप्ता, डुलीचंद सदानंद, गया प्रसाद आदि भी मौजूद थे।

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