पंजाब के मुख्यमंत्री ने सरकारी कर्मचारी को पराली जलाने के लिए मजबूर करने वाली भीड़ पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए

CHANDIGARH, 4 NOVEMBER: एक वीडियो में भीड़ की तरफ से सरकारी कर्मचारी को पराली जलाने के लिए मजबूर करने की घटना का गंभीर नोटिस लेते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज इस घृणित जुर्म को अंजाम देने वालों के खि़लाफ़ एफ. आई. आर. दर्ज करने के आदेश दिए हैं। 

एक बयान में मुख्यमंत्री ने इस घटना की सख़्त निंदा करते हुये इसको राज्य के लोगों के खि़लाफ़ अमानवीय काम बताया। गुरबानी की तुक ‘पवनु गुरू पानी पिता माता धरती महतु’ का हवाला देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि महान गुरू साहिबान ने हवा (पवन) को गुरू, पानी (पानी) को पिता और ज़मीन ( धरती) को माता का दर्जा दिया है। उन्होंने कहा कि यह बड़े दुख की बात है कि इस घटना से पता लगता है कि राज्य में लोगों की तरफ से महान गुरूओं के संदेश का सम्मान नहीं किया जा रहा। 

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्य सरकार इस घिनौनी घटना के घटने पर मूक दर्शक बन कर नहीं बैठ सकती और न ही अराजकता फैलाने की इजाज़त दे सकती है। उन्होंने कहा कि सरकारी अधिकारी खेतों में पराली न जलाने का संदेश लेकर गया था परन्तु वहां जुड़ी भीड़ ने अधिकारी के हाथ में माचिस की डिबिया पकड़ा कर पराली को आग लगाने के लिए मजबूर किया जिसको किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जा सकता। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ऐसी बुज़दिली वाली कार्यवाही को अंजाम देकर यह लोग अपने ही बच्चों का जीवन बर्बाद करने के रास्ते पर चले हुए हैं क्योंकि इनहीं खेतों का धुआँ बच्चों का दम घोटेगा। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पुलिस को इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में शामिल हुल्लड़बाज़ लोगों की शिनाख़्त करके केस करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी मनमानी वाली और आपराधिक घटना को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और ज़िम्मेदार लोगों के खि़लाफ़ सख़्त से सख़्त कार्यवाही की जायेगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ऐसे असंवेदनशील लोगों को पर्यावरण दूषित करके बच्चों की अनमोल ज़िन्दगियों के साथ खेलने की इजाज़त नहीं देगी। 

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