शिक्षक दिवस पर पंजाब के सीएम का तोहफा: राज्य के 8736 अध्यापकों की सेवाएं रेगुलर करने का ऐलान

सरकारी स्कूलों की छात्राओं के लिए परिवहन सुविधा भी शुरू होगी

CHANDIGARH, 5 SEPTEMBER: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज मुलाजिमों के हित में बड़ा फ़ैसले लेते हुए राज्य के 8736 अध्यापकों की सेवाएं रेगुलर करने का ऐलान किया है। यहाँ अध्यापक दिवस के मौके पर करवाए समागम के दौरान अध्यापकों को शुभकामनाएं देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि उनको यह बताते हुये खुशी हो रही है कि आम आदमी सरकार ने 8736 अध्यापकों की सेवाएं रेगुलर करने का फ़ैसला किया है। इस पवित्र धरती और इस पवित्र दिवस पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि 5442 ऐजुकेशन सर्विस प्रोवाईडर, 1130 इनकलूसिव एजुकेशन टीचर्ज और अन्यों की सेवाओं को रेगुलर किया जायेगा।

भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार समाज के हर वर्ग की भलाई को यकीनी बनाने के लिए वचनबद्ध है। परिवहन की सहूलतों की कमी के कारण छात्राओं में स्कूल छोड़ने की दर को रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने राज्य भर में सरकारी स्कूलों में जाने वाली छात्राओं के लिए शटल बस सेवा (स्थानीय बस सेवा) शुरू करने का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा कि हर बच्चे को मानक शिक्षा प्रदान करने के लिए उसकी बुनियादी ज़रूरतें जैसे कि परिवहन, ख़ुराक, बुनियादी ढांचा आदि का ध्यान रखना सरकार का मूलभूत फर्ज बनता है।

भगवंत मान ने ज़ोर देकर कहा कि परिवहन की सुविधा की अनुपस्थिति में लड़कियों में स्कूल छोड़ने की दर बहुत ज़्यादा है, इसलिए हम इस दृश्य को रोकने के लिए राज्य की हर बच्ची को यह सुविधा देने का फ़ैसला किया है। अध्यापकों से सिर्फ़ अध्यापन की ड्यूटी लेने का ऐलान करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सेवाओं को किसी ग़ैर-अध्यापन कार्य के लिए नहीं इस्तेमाल किया जायेगा। उन्होंने डिजिटल शिक्षा को समय की ज़रूरत बताते हुये कहा कि इसका विश्व स्तर पर मुकाबला करना ज़रूरी है, जिस कारण दिल्ली सरकार की तर्ज़ पर नये अध्यापन हुनर हासिल करने के लिए आक्सफोर्ड, हारवर्ड और अन्य नामवर यूनिवर्सिटियों में अध्यापकों को भेजने का फ़ैसला किया गया है।

भगवंत मान ने कहा, ‘‘अध्यापक का पुत्र होने के कारण वह अध्यापकों की बुनियादी ज़रूरतों, समस्याओं और हालत से भलीभाँति अवगत हैं।“मुख्यमंत्री ने अपने अध्यापकों के बारे तजुर्बे भी सांझे करते हुए उनको सम्मान भेंट किया। अध्यापकों को आंदोलन का रास्ता छोड़ने की अपील करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान अपनायी गई नीतियों ने अनावश्यक रूकावटें पैदा की थीं परन्तु अब शिक्षा और सेहत क्षेत्रों की तरफ विशेष ध्यान दिया जा रहा है क्योंकि आम आदमी की सरकार का इन क्षेत्रों के साथ सीधा सरोकार है।

भगवंत मान ने आगे श्री आनंदपुर साहब और नंगल को इकौ-टूरिज्म स्थानों के तौर पर विकसित करने का ऐलान किया। इससे पहले स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने कहा कि राज्य सरकार ने 100 स्कूल आफ एमिनेंस (उच्च् वर्ग दर्जे के स्कूल) विकसित करने का दृढ़ संकल्प लिया है और इस ऐलान को ज़मीनी स्तर पर लागू करने के लिए विभाग जंगी स्तर पर अथक मेहनत कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश भर में हरित और सफ़ेद क्रांति की शानदार प्राप्ति के बाद पंजाब अब शिक्षा क्रांति का केंद्र बनेगा। 

अपने संबोधन में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने स्कूली शिक्षा के बजट में 17 प्रतिशत की दर के साथ विस्तार करके 15758 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है। उन्होंने यह भी कहा कि तकनीकी शिक्षा बजट और मैडीकल शिक्षा के बजट में क्रमवार 47 प्रतिशत और 57 प्रतिशत का विस्तार किया गया है। इस दौरान मैंबर पार्लियामेंट और पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने भी अपने विद्यार्थी जीवन के बारे तजुर्बे सांझे किये और अध्यापकों को शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने इस क्षेत्र में शानदार प्राप्तियों के लिए 65 अध्यापकों और 9 प्रशासकों को शाल और प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया। 

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री हरपाल चीमा और हरजोत बैंस, मैंबर पार्लियामेंट राघव चड्ढा और हरभजन सिंह, मुख्य सचिव विजय कुमार जंजूआ, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए. वेनू प्रसाद, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा जसप्रीत तलवार और डी. जी. एस. ई. प्रदीप अग्रवाल उपस्थित थे। 

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