पंजाब ने उद्योगों के लिए 479 लाजिमी शर्तें हटाई

विनी महाजन ने कहा- सरकार उद्योग को बढ़ावा देने, लोगों को आसान और बेहतर जिंदगी प्रदान करने के लिए वचनबद्ध

CHANDIGARH: व्यापार और उद्योग को उत्साहित करने के साथ साथ राज्य में कारोबार को आसान बनाने संबंधी यत्नों को जारी रखते हुये पंजाब सरकार ने 479 नियमों और शर्ताें को हटा दिया है जो पहले उद्योगपतियों के लिए अलग-अलग मंजूरियों और नवीनीकरणों के लिए जरूरी थी।

मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अंमरिन्दर सिंह के दिशा-निर्देशों के तहत हटाई गई यह शर्तें अलग-अलग विभागों की तरफ से बनाऐ नियमों को घटाने के पहले पड़ाव के अंतर्गत रद्द किये जाने वाले 541 पुराने लाजिमी नियमों और शर्तों का हिस्सा थे।

इस अनावश्यक कागजी कार्यवाही को खत्म करने के बाद राज्य सरकार ने अपनी कार्य योजना 31 मार्च को केंद्र सरकार के डीपीआईआईटी पोर्टल पर भी भेज दी है।

इसके इलावा, अन्य नियमों और शर्तों को रद्द करने की प्रक्रिया चल रही है जिसके लिए मौजूदा कानूनों में कुछ संशोधन करने की जरूरत है जिसके लिए प्रक्रिया जारी है।

यह जानकारी पंजाब मुख्य सचिव विनी महाजन ने आज यहाँ प्रशासनिक सचिवों के साथ एक उच्च स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करने के उपरांत दी। इस मीटिंग में उन्होेंने रेगुलेटरी नियमों के बोझ को घटाने और राज्य के एम.एस.एम.ईज. के लिए कारोबार में आसानी को उत्साहित करने सम्बन्धी सिफारिशों को लागू करने की प्रगति का जायजा लिया।

इस मौके पर विनी महाजन ने ग्लोबल अलायंस फार मास इंटरप्रन्योरशिप (जी.ए.एम.ई.) की तरफ से दिए प्रस्ताव और राज सुधार कार्य योजना (एस.ए.आर.पी.) 2020-21 के लिए उपभोक्ता फीडबैक रणनीति की समीक्षा भी की।

मुख्य सचिव ने प्रशासनिक सचिवों को निर्देश दिए कि वह उन नियमों/शर्तों और पुराने कानूनों की पहचान करें जो कि मामूली अपराधों की सजा के तौर पर जेल की सजा निर्धारित करते हैं और इन नियमों में संशोधन करके वित्तीय जुर्माने की व्यवस्था करने के लिए कहा।

उन्होंने प्रशासनिक सुधारों विभाग को भी निर्देश दिए कि वह नागरिक केंद्रित सेवाओं के लिए नियमों के बोझ को घटाने के लिए काम करें जिससे राज्य के लोगों को आसान और बेहतर जिंदगी प्रदान की जा सके।

महाजन ने प्रशासकीय सचिवों को उनके विभागों के साथ तालमेल करने के उपरांत संस्था गेम की तरफ से सुझाई सिफारिशों की पड़ताल करने और उजागर किये गए मसलों के हल के लिए इस अनुसार संशोधन करने की दिशा में काम करने के लिए भी कहा क्योंकि यह एमएसएमईज के सशक्तिकरण के लिए हल निकालने के लिए देश के बाकी हिस्सों के लिए एक लाईटहाऊस प्रोजैक्ट हो सकता है।

मीटिंग के दौरान उद्योग और वाणिज्य विभाग के प्रमुख सचिव आलोक शेखर ने बताया कि पहले पड़ाव में पता लगाए गए क्षेत्र/नियम में वह नियम/शर्तें भी शामिल हैं जिनके लिए किसी भी कानून में संशोधन की जरूरत नहीं होती जैसे कि लायसैंसों के लिए नवीनीकरण सम्बन्धी जरूरतों को हटाना, सरकारी अथोरिटी के साथ थर्ड पार्टी या संयुक्त निरीक्षण लागू करना, रिटरन भरने को मानकीकरण करना और आसान बनाना, रजिस्टर और रिकार्ड की संभाल को तर्कपूर्ण बनाना या हटाना, लायसैंसों के लिए डिस्पले जरूरतों को कम करना या खत्म करना और सभी दस्तावेज रिकार्डों और प्रक्रिया को डिजीटाईज करना और सरल बनाना।

मीटिंग में मुख्य सचिव को अवगत करवाया गया कि दूसरे पड़ाव के हिस्से के तौर पर चार क्षेत्रों में 70 नियमों/शर्तों की पहचान की गई है जिनको मौजूदा कानूनों में संशोधन की जरूरत है। इनको लागू करने का काम प्रगति अधीन है और 15 अगस्त, 2021 तक मुकम्मल करने की जरूरत है।

महाजन ने सुधारों को लागू करने में सभी विभागों की तरफ से किये गए यत्नों की सराहना की और सम्बन्धित सचिवों को जानकारी का प्रसार करने और भाईवालों के साथ तालमेल करने की हिदायत की जिससे लागू किये गए नये सुधारों और विकसित की गई आनलाइन सेवाओं संबंधी जागरूकता पैदा की जा सके।

जिक्रयोग्य है कि नये सुधारों, सेवाओं और सवाल-जवाब/शिकायतों के हल सम्बन्धी जागरूकता पैदा करने के लिए डी.आई.सीज के द्वारा विभागों के साथ तालमेल के जरिये आनलाइन इंडस्ट्री आऊटरीच और भाईवालों के सम्मिलन सम्बन्धी वर्कशापें करवाई जा रही हैं।

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