पुण्यतिथि पर पंजाब के पहले सीएम को किया नमन, ईमानदारी के प्रतीक थे डा. गोपीचंद भार्गवः नादिर

CHANDIGARH: संयुक्त पंजाब के पहले मुख्यमंत्री स्व. डा. गोपीचंद भार्गव की 54वीं पुण्य तिथि आज गांधी स्मारक निधि सैक्टर 16-ए चंडीगढ़ में श्रद्धा के साथ मनाई गई। कार्यक्रम का आगाज आर. डी. कैले के मधुर भजन से हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता अशोक भंडारी नादिर प्रसिद्ध समाज सेवक ने की। उन्होंने कहा कि भार्गव जी ने विस्थापित लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण कार्य किए। डा. भार्गव संयम, सादगी और ईमानदारी के प्रतीक थे। महात्मा गांधी ने उनको चर्खा संघ का अध्यक्ष बनाया था तथा आजीवन खादी की अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे।

दैनिक चर्खा कताई के लिए भी समय निकाल लेते थे डा. भार्गवः प्रेम विज

नादिर ने कहा कि उस समय महिलायें एवं कुछ जाति के लोग पंजाब में ज़मीन नहीं खरीद सकते थे। इस कानून को डा. भार्गव ने रद्द करवाया तथा नये कनून के अनुसार हर एक को जमीन खरीदने का अधिकार दिलवाया। प्रसिद्ध कवि विनोद शर्मा ने कविता के माध्यम से अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार प्रेम विज ने अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भार्गव जी ईमानदारी की मिसाल थे। संयुक्त पंजाब का मुख्यमंत्री बनने के बाद भी अपनी राजनीतिक तथा रचनात्मक जिम्मेदारियों के रहते हुए भी दैनिक चर्खा कताई के लिए समय निकालते थे।

स्व. डा. गोपीचंद भार्गव को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अशोक भंडारी नादिर, प्रेम विज, देवराज त्यागी व अन्य।

गांधी जी के रास्ते पर चलने वाले सच्चे अनुयायी थे डा. भार्गवः देवराज त्यागी

गांधी स्मारक भवन के निदेशक देवराज त्यागी ने सभी का स्वागत किया एवं डा. गोपीचंद भार्गव को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भार्गव जी को मूल्यों पर विश्वास ही नहीं था, बल्कि वे मूल्यों में जीते थे। वे गांधी जी के रास्ते पर चलने वाले सच्चे अनुयायी थे। वह विशेष व्यक्ति होते हुए भी एक साधारण व्यक्ति नजर आते थे, क्योंकि वे अपने को एक साधारण कार्यकर्ता मानते थे। मुख्य वक्ता डा. सरिता मेहता ने उनको श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि डा.  साहब का जीवन ऐसा विशाल और बहुमुखी था कि उसका प्रभाव पंजाब प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में स्पष्ट दिखाई देता था। डा.  एम. पी. डोगरा ने सभी लोगों का धन्यवाद किया तथा डा. गोपीचंद के रास्ते पर चलने का अनुरोध किया। कार्यक्रम का संचालन पापिया चक्रवर्ती ने कुशलता के साथ किया। इस अवसर पर योग गुरू नरेश, डा. रमेश शर्मा, पूनम शर्मा, नीना पुन्डीर, गुरप्रीत, मुकेश अग्रवाल, इंद्रा कशिश, एम. के. वीरमानी, बलदेव राज एवं समाज के विभिन्न वर्गों के लोग उपस्थित थे।

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