पंजाब के मुख्यमंत्री का सनसनीखेज खुलासा : कैप्टन सरकार ने गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के बेटों को वक्फ बोर्ड की महंगी जमीन अलॉट की

कहा- कैप्टन अमरिंदर सिंह लोगों को मूर्ख बना रहे हैं, उनका पुत्र रणइन्दर कई बार अंसारी से मिला

CHANDIGARH, 4 JULY: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के साथ सांठगांठ का सनसनीखेज खुलासा करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज कहा कि भाजपा नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी सरकार के समय अंसारी के पुत्रों को रूपनगर में वक्फ बोर्ड की महंगी जमीन अलॉट की थी।

यहां पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि कैप्टन चाहे बार-बार अंसारी को न जानते होने के दावे कर रहे हैं परन्तु यह कितनी हैरानीजनक बात है कि कैप्टन सरकार ने इस गैंगस्टर की न सिर्फ जेल में ठहर को आरामदायक बनाया, बल्कि उसे रूपनगर में महंगी जमीन भी दी। उन्होंने कैप्टन को चुनौती दी कि वह यह बताएं कि उनकी सांझेदारी के बिना रूपनगर में वक्फ बोर्ड की महंगी जमीन अंसारी के पुत्रों अब्बास और उमर अंसारी को कैसे मिल गई। भगवंत मान ने कहा कि अगर कैप्टन चाहते हैं तो वह कैप्टन के मुख्तार अंसारी के साथ संबंधों पर आने वाले दिनों में और सबूत भी दे देंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि खतरनाक गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के मुद्दे के बारे में अनभिज्ञता का ढकोसला करने से पहले भाजपा नेता अमरिंदर सिंह को अपने पुत्र रणइन्दर सिंह से जरूर पूछना चाहिए। उन्होंने कहा कि रणइन्दर कई बार मुख्तार अंसारी से मिला था परन्तु हैरानी की बात है कि लोगों को गुमराह करने के लिए कैप्टन इस मुद्दे पर झूठ बोल रहे हैं। भगवंत मान ने कहा कि मुख्तार अंसारी को जेल में वी.वी.आई.पी. सहूलियतें देने के लिए उत्तर प्रदेश से पंजाब लाया गया था। जब उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस गैंगस्टर की हिरासत लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पहुंच की तो पंजाब सरकार ने उसे बचाने के लिए बहुत ज्यादा फीस पर वकीलों की सेवाएं लीं।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि वकीलों की फीस की इस 55 लाख रुपए की रिकवरी निश्चित तौर पर कैप्टन और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा से की जाएगी। कैप्टन के दावे कि वह 9.5 साल राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं, पर टिप्पणी करते हुए भगवंत मान ने उनको याद करवाया कि पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान जितना सफर किया, उतना तो उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर अपने डेढ़ साल के कार्यकाल में ही कर लिया। उन्होंने कहा कि कैप्टन और वह एक साथ लोकसभा के मैंबर रहे थे और यह रिकार्ड है कि इस दौरान कैप्टन की लोकसभा में हाजिरी सिर्फ छह प्रतिशत थी, जो कि भारत में से सबसे कम है, जबकि इसके मुकाबले मेरी हाजिरी 90 प्रतिशत रही।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह अय्याश राजा हैं, जो लोगों की तरफ से दी गई जिम्मेदारी की परवाह न करते हुए हमेशा लोगों से दूर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर विधायक और संसद मैंबर और यहां तक कि मुख्यमंत्री के तौर पर अपने फर्ज निभाने में नाकाम रहे। भगवंत मान ने कहा कि जब कैप्टन अमरिंदर सिंह संसद मैंबर बने तो वह संसद में नहीं गए और जब मुख्यमंत्री बने तो सचिवालय में नहीं गए, जिससे पता चलता है कि वह कितने असमर्थ और लोगों की पहुंच से दूर हैं।

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