राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक काव्य मंच पंचकूला की ऑनलाइन गोष्ठी में जुटे कई साहित्यकार

PANCHKULA: राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक काव्य मंच पंचकूला (हरियाणा) की ओर से ऑनलाइन मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक काव्य मंच गुजरात के अध्यक्ष डॉ. प्रणव भारती उपस्थित रहे। मंच संचालन व गोष्ठी की अध्यक्षता हरियाणा इकाई के संरक्षक गणेश दत्त बजाज ने की। गोष्ठी की […]

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बटालवी और डॉ. डीएस गुप्त की याद में Srijan ने ऑनलाइन सजाई ‘सुरमयी सांझ’

CHANDIGARH: शिव कुमार बटालवी और डॉ. धर्म स्वरूप गुप्त के जन्मोत्सव पर उनकी याद में Srijan-An institute of Creativity की तरफ से एक ऑनलाइन संगीतमय कार्यक्रम ‘सुरमयी सांझ’ का आयोजन किया गया, जिसमें शहर के जाने-माने गायकों ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गांधी स्मारक निधि के पूर्व चेयरमैन तथा आचार्यकुल चंडीगढ़ के वर्तमान

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महिला काव्य मंच की ऑनलाइन काव्य गोष्ठी में जुटीं चंडीगढ़ ट्राइसिटी की कवियत्रियां

CHANDIGARH: साहित्यकार नरेश नाज द्वारा स्थापित महिला काव्य मंच की चंडीगढ़ इकाई ने ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उदघाटन मुख्य अतिथि महिला काव्य मंच की अध्यक्ष सुश्री मधु मधुमन एवं विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक मंच हरियाणा के संरक्षक गणेश दत्त ने किया। महिला काव्य चंडीगढ़ इकाई की अध्यक्ष श्रीमती संगीता

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कवियत्री नीरू मित्तल ने अतिविशिष्ट व्यक्तियों को भेंट किया कहानी संग्रह

CHANDIGARH: उभरती हुई कवियत्री एवं कहानीकार नीरू मित्तल ‘नीर’ ने गांधी स्मारक भवन, सैक्टर 16 चंडीगढ़ में आयोजित समारोह में वरिष्ठ कवि प्रेम विज की उपस्थिति में अपना नव प्रकाशित कहानी संग्रह ‘रिश्तों की डोर’ भवन के निदेशक डॉ. देवराज त्यागी एवं प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र के मुख्य चिकित्सक डॉ. एम. पी. डोगरा एवं सिटी दर्पण मासिक

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साहित्यकार नीरू मित्तल के कहानी संग्रह ‘रिश्तों की डोर’ का विमोचन

CHANDIGARH: प्रसिद्ध लेखिका साहित्यकार नीरू मित्तल ‘नीर’ के नवप्रकाशित कहानी संग्रह ‘रिश्तो की डोर’ का विमोचन चंडीगढ़ के पूर्व सांसद एवं एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया सत्यपाल जैन ने आज सेक्टर-15 स्थित अपने ऑफिस में किया। इस अवसर पर अनेक साहित्यकार उपस्थित थे, जिनमें वरिष्ठ साहित्यकार प्रेम विज, डॉ. सरिता मेहता, डॉ. विनोद शर्मा, रविंदर मित्तल प्रमुख

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साहित्य संगम ट्राइसिटी ने किया काव्य गोष्ठी का आयोजन

CHANDIGARH: साहित्य संगम ट्राइसिटी जीरकपुर ने एक साहित्य काव्य गोष्ठी का आयोजन किया जिसमें काव्य पाठ के अलावा अन्य विषयों पर भी चर्चा हुई। इसमें प्रो. अश्विनी कुमार चड्ढा ने मानव मूल्यों का आंकलन अध्यात्म जीवन के सर्वांगीण  विकास पर बल दिया। सुश्री कृष्णा ने योग और निरोगता के पहलुओं पर अपनी चर्चा की।  

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कवि विनोद शर्मा के काव्य संग्रह ‘बढ़ते कदम’ का विमोचन

CHANDIGARH: प्रसिद्ध साहित्यकार, कवि डॉ. विनोद कुमार शर्मा के काव्य संग्रह ‘बढ़ते कदम’ का विमोचन प्रतिष्ठित शायर व हरियाणा साहित्य अकादमी के निदेशक डॉक्टर चंद्र त्रिखा द्वारा किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ कवि प्रेम विज, डॉ. सरिता मेहता, नीरू मित्तल, अंजू शर्मा आदि उपस्थित थे। चंद्र त्रिखा ने कहा कि डॉ. विनोद शर्मा की

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उमंग अभिव्यक्ति मंच ने काव्य संकलन ‘ए वतन’ का किया विमोचन, ऑनलाइन जुटे कई साहित्यकार

PANCHKULA: उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला की ओर से भारतीय संस्कृति व देश प्रेम से ओतप्रोत काव्य संकलन ‘ए वतन’ का ऑनलाइन भव्य विमोचन किया गया। इस पुस्तक का विमोचन नॉर्थ जोन कल्चरल सेंटर पटियाला, भारतीय संस्कृति मंत्रालय के पूर्व निदेशक प्रोफ़ेसर सौभाग्य वर्धन ने किया। कार्यक्रम में इस पुस्तक के 22 रचनाकारों के अलावा देश-विदेश

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आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी को कवियों ने कविताओं से किया नमन

CHANDIGARH: “आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी भारतीय समाज और संस्कृति के समवाह रचनाकारों में से हैं। निबंध, आलोचना, उपन्यास में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। वे मानवीय मूल्यों के पोषक तथा समाज और संस्कृति के अग्रसर रहे हैं।” यह उद्गार आज साहित्य व कला विकास परिषद, चंडीगढ़ की विशेष ऑनलाइन गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में

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चंडीगढ़ ट्राइसिटी के साहित्यकारों ने वरिष्ठ साहित्यकार केदारनाथ केदार को किया याद

CHANDIGARH: चंडीगढ़ ट्राइसिटी की साहित्यक संस्थाओं व साहित्यकारों ने वरिष्ठ साहित्यकार केदारनाथ केदार को श्रद्धांजंलि देने के लिए ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया। बता दें कि केदारनाथ केदार का गत दिनों पंचकूला में निधन हो गया था। गोष्ठी में भंडारी अदबी ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक नादिर ने केदार जी के साथ अपने संबंधों का जिक्र

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विचार-मंथनः मजहबी स्वतंत्रता के नाम पर आर्थिक युद्ध !

धर्म अथवा पंथ जब तक मानव के व्यक्तिगत जीवन का हिस्सा बनने तक सीमित रहे, वो उसकी आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम बनकर उसमें एक सकारात्मक शक्ति का संचार करता है। जब वो मानव के व्यक्तिगत जीवन के दायरे से बाहर निकल कर समाज के सामूहिक आचरण का माध्यम बन जाता है तो वो समाज में

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आज की कविता: मैं नहीं जानती…

मैं यह तो नहीं जानती,सच कहते किसे हैं ?जो मेरा सच है,वो तेरा झूठ बना है। मैं यह भी नहीं जानती,मासूमियत है क्या ?बस बेझिझक कह दूं,तो शातिर नहीं होती। मैं बहकी हूं ?या बहकाई  गई हूं ?नासमझ हूूं जरूर,बेवकूफ  नहीं हूं। जानती हूं, पर नहीं,फरेब से गाफिल,जो तेरी कम जफऱ्ी है,मेरी सच्चाई नहीं है।

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परशुराम जयंती व अक्षय तृतीया पर ऑनलाइन काव्य गोष्ठी में जुटीं महिला रचनाकार, स्व. केदारनाथ केदार को भी किया याद

PANCHKULA: उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला ने परशुराम जयंती व अक्षय तृतीया के उपलक्ष्य में आज एक ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। मंच की फाउंडर श्रीमती नीलम त्रिखा व शिखा श्याम राणा ने बताया कि यह काव्य गोष्ठी उन्होंने वरिष्ठ साहित्यकार केदारनाथ केदार को समर्पित की। वरिष्ठ साहित्यकार केदारनाथ केदार का 3 दिन पहले ही

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उमंग अभिव्यक्ति मंच की काव्य गोष्ठी में ऑनलाइन जुटीं कई रचनाकार, मां की महिमा का किया गुणगान

PANCHKULA: उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला ने मातृ दिवस के उपलक्ष्य में ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया और पर्यावरण को बचाने के लिए खूबसूरत स्लोगन भी दिया। मंच की फाउंडर श्रीमती नीलम त्रिखा व शिखा श्याम राणा ने बताया कि इस काव्य गोष्ठी में ट्राइसिटी के अलावा देश के कई हिस्सों से रचनाकारों ने भाग

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आज की कविताः जीवन मूल्य

हर बात तुम्हारे साथ थी जो,हर बात हमारे साथ भी है,कुछ पल भर को ठहर गई ,कुछ बची खुची भी निकल गई। जिंदगी तुम नाजुक हो,पर मै भी पत्थरदिल तो नहीं,तुम सहम सहम के कटती हो ,मैं ठिठकूं ठहरूं पर रुकूं नहीं। मैं हर ठोकर पर फिसल रही,तुम हर ठोकर पर संभल रही,मैं कंकर ,पत्थर,

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विचार-मंथनः OTT प्लेटफार्म पर अंकुश जरूरी

कैरियर बनाने की इच्छा रखने वाले हर उम्र के लोगों के लिए इसने बगैर किसी भेदभाव के अनेक द्वार खोल दिए हैं। आज के युग में तकनीक, जिसे टेक्नोलॉजी कहते हैं, लगातार और तीव्रता के साथ बदल रही है। इसके व्यावहारिक पक्ष को हम सभी ने कोरोनाकाल में विशेष तौर पर महसूस किया, जब घर

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व्यंग्य: नए-नए शब्दों की बरसात

कल पप्पू अपने पापा से पूछ रहा था- ‘डैडी, डैडी आजकल कोरोना अंकल आपके पास नहीं आ रहे ?’ बाप ने बेटे को ‘डांटा- ‘कोरोना अंकल के बच्चे…….वो खुराना अंकल हैं।’ पप्पू ने सफाई दी- ‘डैैडी मैं ये वर्ड बार-बार रेडियो, टीवी, क्लास, इधर-उधर, आपके फोन, आंटियों की बातचीत में सुन-सुन कर अंकल के नाम

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आज की कविताः मेरे दिल का ख्याल

कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है,कि- हम औरतों को भीये इज़ाज़त होती किघूम सकें टोली में,पी सकें चाय कुल्हड़ मेंकिसी सड़क के किनारेचाय की दुकान पर,खड़े होकर बतियाएं, मजे उड़ाएंउंगली में बीड़ी दबालंबे-लंबे कश लेकरधुएं के छल्ले उड़ाएंऔर लंबी सांस लेकर कहेंयार-आज आफिस की मीटिंग मेंनए प्रोजेक्ट ने बहस पकड़ी थी,काम बहुत था,खड़े-खड़े टांगें

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ऑनलाइन काव्य गोष्ठीः उमंग अभिव्यक्ति मंच ने महिलाओं में कम किया कोरोनाकाल का तनाव, कई नुस्खे बताए

CHANDIGARH: उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला ने कोरोनाकाल के तनाव के बीच सभी में उत्साह भरने के लिए एक ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में मोटिवेशनल स्पीकर सोनीमा सत्या और प्रख्यात साहित्यकार डॉ. प्रज्ञा शारदा को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया। रचनाकारों ने अपने अनुभव भी सांझा किए मंच की फाउंडर श्रीमती

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आज की कविताः तीखे शब्द

तीखे और कड़वे शब्दहैं कमजोर की निशानी,लेकिन समझ नहीं पाता हैकोई भी अभिमानी। पैर फिसल जाने पर इंसांबच सकता है लेकिन,जुबां फिसल जाए तोबचना होता है नामुमकिन। जब कमाकर खाय मनुष्यतो कहलाये संस्कृति,जब वो छीन कर खाता हैतो बन जाय विकृति। मरणोपरांत ना सोचे, बोलेना कुछ ही कर पाए,जीवित जो ना सोचे, बोलेवो मृतप्रायः कहलाए।

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