गढ़वाल सभा चंडीगढ़ में तेज हुई वर्चस्व की जंग: बीबी बहुगुणा, कुंदनलाल उनियाल और बीएस बिष्ट 6 साल के लिए सस्पैंड

गढ़वाल सभा की बैठक में लिया गया फैसला

CHANDIGARH: गढ़वाल सभा चंडीगढ़ में छिड़ी वर्चस्व की जंग अब और तेज होती जा रही है। सभा की मौजूदा कार्यकारिणी पर असंवैधानिक रूप से काबिज होने का आरोप लगा रहे विरोधियों ने जहां पिछले दिनों गढ़वाल सभा चंडीगढ़ को तख्तापलट का अल्टीमेटम दे दिया तो अब सभा की मौजूदा कार्यकारिणी ने विरोधी खेमे का नेतृत्व कर रहे सभा के तीन वरिष्ठ सदस्यों को निलंबित कर दिया है। निलंबन का यह फैसला गढ़वाल सभा चंडीगढ़ के पदाधिकारियों और कार्यकारिणी की हुई बैठक में लिया गया। निलंबित किए गए वरिष्ठ सदस्यों में बीबी बहुगुणा, कुंदनलाल उनियाल और बीएस बिष्ट शामिल हैं। गढ़वाल सभा में इनकी सदस्यता छह वर्ष के लिए सस्पैंड की गई है।

इस बैठक का आयोजन गढ़वाल सभा चंडीगढ़ के प्रधान बिक्रम सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में किया गया। बैठक में सभा के 80 सदस्य मौजूद थे। इस बैठक में सभा के सचिव अरुण प्रकाश भी मौजूद थे। बैठक का मुख्य एजेंडा 22 अगस्त को गढ़वाल भवन सेक्टर-29 के गेट पर धरना प्रदर्शन देने वालों के खिलाफ एक्शन लेना था। इस बैठक में बिक्रम सिंह बिष्ट ने स्पष्ट किया कि गेट पर धरना प्रदर्शन करने वाले मुख्य रूप से तीन सदस्य सभा के चुनाव की मांग कर रहे थे, जबकि कोर्ट के आदेश के अऩुसार फिलहाल चुनाव नहीं करवाए जा सकते हैं, जिसके बारे में यह सदस्य अन्य सभा के सदस्यों को गुमराह कर रहे थे। इस बारे में उत्तराखंड पर्वतीय सभा के प्रधान सुरेंद्र सिंह रावत ने कहा कि तीन सदस्यों को निलंबित ही ठीक है। रुद्र प्रयाग जनकल्याण मंच के प्रधान सरूप सिंह ने कहा कि यदि कोर्ट द्वारा आदेश दिया गया है तो फिर चुनाव कैसे करवाए जा सकते हैं।

टिहरी गढ़वाल विकास परिषद के रघुवीर सिंह पवार ने कहा कि हरेक सभा की गाइडलाइन होती है, सभा के सदस्यों को मिलकर चलना चाहिए। इस प्रकार की गतिविधियां सभा के विरोध में की जा रही थीं। इस वजह से जो निर्णय लिया गया वह ठीक है। पौड़ी गढ़वाल एकता मंच के प्रधान महेंद्र सिंह रावत और उत्तराखंड जन चेतना मंच दीपक असवाल ने भी सभा के निर्णय का स्वागत किया। 

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