गुरबाणी के प्रसारण का हक बादल परिवार के हाथों में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी: मुख्यमंत्री

एकाधिकार खत्म करने के लिए राज्यपाल को ‘द सिख गुरुद्वारा एक्ट’ में प्रस्तावित संशोधन को मंज़ूरी देने के लिए कहा

CHANDIGARH, 15 JULY: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज सूबे के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को द सिख गुरुद्वारा एक्ट- 1925 में प्रस्तावित संशोधन को मंज़ूरी देने की अपील की है, जिससे श्री हरिमंदिर साहिब से पवित्र गुरबाणी के प्रसारण पर बादल परिवार का एकाधिकारी खत्म किया जा सके। 

राज्यपाल को लिखे पत्र में भगवंत मान ने दुख व्यक्त किया कि  श्री हरिमंदिर साहब से सर्व सांझी गुरबानी के प्रसारण पर एक राजनैतिक परिवार के अधिकार वाले एक विशेष चैनल ने एकाधिकार कायम किया हुआ है और इससे लाभ कमा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि महान गुरू साहिबान की शिक्षा के प्रसार और श्री हरिमंदिर साहिब से सर्व सांझी गुरबानी का प्रसारण सभी के लिए मुफ़्त यकीनी बनाने के लिए पंजाब विधान सभा में  ‘दी सिक्ख गुरुद्वाराज़( संशोधन) बिल- 2023’ लाया गया था। उन्होंने कहा कि ‘ दी सिक्ख गुरुद्वारा एक्ट- 1925’ में धारा 125- ए दर्ज की गई थी और विधान सभा ने इस को बड़े बहुमत से पास कर दिया था। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे यह बिल राज्यपाल के हस्ताक्षरों के लिए 26 जून, 2023 को भेज दिया था परन्तु इस पर अभी भी दस्तखत नहीं किये गए। उन्होंने कहा कि इसमें देरी करने से पंजाब के लोगों के लोकतांत्रिक हक को दबाया जा रहा है। भगवंत मान ने राज्यपाल को बताया कि उक्त चैनल का शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के साथ समझौता 23 जुलाई, 2023 को ख़त्म हो जायेगा। 

मुख्य मंत्री ने कहा कि यदि राज्यपाल इस बिल को तुरंत स्वीकृति नहीं देते तो इस के साथ दुनिया भर में लाखों श्रद्धालु श्री हरिमंदिर साहिब से गुरबानी का लाइव प्रसारण देखने से वंचित हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस के साथ विश्व भर में बसते सिक्खों की धार्मिक भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचेगी। भगवंत मान ने राज्यपाल को इस बिल पर जल्दी से जल्दी हस्ताक्षर करने के लिए कहा जिससे अलग-अलग चैनलों और अन्य माध्यमों के द्वारा श्री हरिमंदिर साहिब से गुरबानी का मुफ़्त प्रसारण किया जा सके। 

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