पंजाब विश्वविद्यालय के सीनेटरों ने पंजाब सरकार से सातवें पे-कमीशन की सिफारिशें लागू करने की मांग की

CHANDIGARH: पंजाब विश्वविद्यालय के नये चुने हुये तथा मनोनीत सीनेटरों की एक अनऔपारिक बैठक आज पंजाब विश्वविद्यालय में हुई। इसमें 41 सीनेटर सदस्यों ने स्वंय बैठक में भाग लिया तथा 21 सीनेटर सदस्यों ने फोन करके, अपने व्यक्तिगत कारणो से बैठक में न पहुंच पाने की सूचना दी तथा ग्रुप को अपने पूर्व समर्थन का विश्वास दिलाया।

बैठक की अध्यक्षता पूर्व सांसद एवं सीनेटर सत्य पाल जैन ने की। बैठक में पारित एक प्रस्ताव में पंजाब सरकार से मांग की गई कि वह सातवें पे-कमीशन की सिफारिशों को तुरंत स्वीकार तथा लागू करे। सीनेटरों ने इस सम्बंध में पंजाब एवं चंडीगढ़ के कॉलेज एवं यूनिवर्सिटी टीचर के आंदोलन को पूर्ण समर्थन दिया तथा पंजाब सरकार से मांग की कि इन सिफारिशों को लागू करने में और अधिक देरी न की जाये।

सीनेटरों ने सर्व सहमति से अटल इनोवेशन रैंकिंग में प्रथम आने के लिये पंजाब विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रो. राज कुमार तथा उनकी सारी टीम जिसमें टीचिंग स्टाफ, नॉन टीचिंग स्टाफ तथा विद्यार्थी शामिल हैं को बधाई दी तथा कहा कि यह विश्वविद्यालय के सभी शुभचिंतको के लिये हर्ष का विषय है।

सीनेटरों ने पंजाब विश्वविद्यालय के उपकुलपति द्वारा 8 जनवरी, 2022 को बुलाई गई सीनेट की मींटिग का स्वागत किया तथा कहा कि यह बैठक काफी देर के बाद हो रही है, इसलिए इसमें किसी को भी इसमें अड़चन डालने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।      बैठक में पूर्व सांसद सत्य पाल जैन, प्रो. अरूण ग्रोवर, प्रो. एस.के. तोमर, प्रो. दविंदर सिंह, प्रो. जगत भूषण, प्रिंसीपल एस.एस. सांगा, प्रिंसीपल राज कुमार महाजन, प्रो. सुखबीर कौर, प्रभजीत सिंह, मुकेश अरोड़ा, देवेश मोदगिल, प्रिंसीपल भल्ला, प्रो. इंद्रजीत सिंह सिद्धू, हेमंत बत्रा, गौरव गौड भी शामिल हुये।

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